अगर आपको लगता है कि बीजेपी के राज में सरसंघचालक का जीवन बहुत सहज-सुखद होता होगा, तो आप बड़ी गलतफहमी में हैं। वास्तव में सरसंघचालक डॉ. मोहनराव भागवत का जीवन बहुत ही सक्रियता भरा और बहुत ही व्यस्ततापूर्ण होता है। अगले दो साल तक उन्हें कब क्या करना है- यह सारा कार्यक्रम तैयार रहता है। इतनी भी गुंजाइश नहीं कि वह अपनी इच्छा से किसी भी स्थान पर जा सकें। वास्तव में उनको कहां जाना है और कहां नहीं, यह फैसला संगठन के स्तर पर संघ करता है। इन दिनों वह राज्यवार दौरों में व्यस्त हैं, जिसे संघ की शब्दावली में प्रवास कहा जाता है। पूरे दिन की गतिविधियों के बाद उनको रात्रि विश्राम कहां करना है, यह भी संघ तय करता है। बीच में कभी फुर्सत मिलती हो, तो उन्हें क्रिकेट मैच देखना और पुराने हिंदी शास्त्रीय गाने सुनना पसंद है। जैसे हाल ही में दिल्ली हवाई अड्डे पर उनकी उड़ान में विलंब हो रहा था। डॉ. भागवत वीआईपी लाउंज में प्रतीक्षा कर रहे थे। पूरी तरह शांत। न बेचैनी, न झुंझलाहट। वह पुराने क्रिकेट मैच देख रहे थे। गौर करने वाली बात यह है कि वह कभी कोई खबरिया चैनल नहीं देखते।
एक्टिव हैं एम. जे. अकबर
अगर आपको लगता है कि एम.जे. अकबर सुस्त, निष्क्रिय या शांत हो गए हैं, तो आप दूसरी गलतफहमी में हैं। यह सही है कि अब वह मंत्री नहीं हैं लेकिन सक्रियता में कोई कमी नहीं है। हाल ही में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने उनकी गांधी और जिन्ना पर लिखी गई नई पुस्तक का विमोचन किया। रविवार के इस कार्यक्रम में बेहद व्यस्त रहने वाले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल मौजूद थे। कांग्रेस के पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह और दिल्ली के थिंक टैंकों में से हरेक महत्वपूर्ण व्यक्ति मौजूद था। प्रणब ने पुस्तक की खुली प्रशंसा की। चर्चा यह है कि एम.जे. अकबर बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व के संपर्क में हैं। मामला मी टू का है, लेकिन एम.जे. को अदालत के फैसले का इंतजार है।
केजरीवाल की राह पर दीदी!
क्या ममता भी केजरीवाल शैली में नरम पड़ने लगी हैं? उनका अब टकराव का मूड नहीं है। अमित शाह ने पश्चिम बंगाल में चुनाव अभियान शुरू किया। ममता बनर्जी की प्रतिक्रिया शांत थी। इससे पहले ओडिशा के भुवनेश्वर में अमित शाह ने पूर्वी और उत्तर पूर्वी भारत के सभी मुख्यमंत्रियों को आमंत्रित किया था। दीदी न केवल हाजिर रहीं, बल्कि एक दिन पहले ही पहुंच गईं। हालांकि उसका उद्देश्य जगन्नाथजी की पूजा करना था- यह भी केजरीवाल इफेक्ट है। दीदी पहले पार्टी अध्यक्ष के तौर पर अमित शाह का बहिष्कार करती रही हैं। यहां तक कि उनकी सरकार ने अमित शाह को रैलियों के लिए भी अनुमति नहीं दी थी। लेकिन अब दीदी को अमित शाह की रैली से कोई ऐतराज नहीं है। नवीन पटनायक के घर पर हुए दोपहर के भोजन में अमित शाह, ममता बनर्जी और नीतीश कुमार साथ बैठे थे।
जय पांडा का दीक्षारंभ
सरसंघचालक मोहन भागवत हाल ही में दिल्ली में अखिल भारतीय स्तंभकार सम्मेलन में शामिल हुए थे। महरौली छतरपुर में आयोजित यह सम्मेलन पूरे दिन चला। काफी सारे विषयों पर काफी माथा-पच्ची हुई। जय पांडा पूरे दिन सम्मेलन में बने रहे। जय पांडा हाल ही में बीजेपी में शामिल हुए हैं, लेकिन वह आरएसएस में कभी नहीं रहे हैं। माना जा रहा है कि बीजेपी उनको कोई जिम्मेदारी देने के पहले धीरे-धीरे अपनी वैचारिक प्रक्रिया से परिचित कराना चाह रही है।
मेलानिया का नेहरू स्टाइल कॉलर
अमेरिकी प्रथम महिला मेलानिया ट्रम्प की भारत यात्रा के लिए फैशन डिजाइनिंग इस बार उनकी मित्र रिशेल रॉय ने की थी। पहले यह काम प्रसिद्ध फैशन डिजाइनर मनोलो ब्लाहनिक करती रही हैं। रिशेल रॉय का भारत से संबंध भी है। उनके पिता चेन्नई के रहने वाले बंगाली हैं। मां और पति अमेरिकी हैं। भारतीय मीडिया ने उनकी डिजाइनिंग की चर्चा तो की, लेकिन यह अनदेखी कर दी कि उन्होंने मेलानिया ट्रम्प के लिए नेहरू शैली का कॉलर डिजाइन किया था।
कभी हरम होता था, अब किचन है
हैदराबाद हाउस में ट्रम्प और मोदी की आपसी मुलाकात भी बहुत अच्छी रही और उनकी प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत भी बहुत शानदार रही। मोदी ने हाल ही में हैदराबाद हाउस को भी बहुत रोचक बना दिया है। पहले कभी यह निजाम का घर होता था। अब जो इसकी विशाल रसोई है, वहां कभी निजाम का हरम होता था। निजाम के शानदार ड्राइंग रूम थे, लेकिन अब मोदी ने विभिन्न भारतीय क्षेत्रीय कला और संस्कृति की पेंटिंग्स लगवाई हैं। माने बंगाल की मां दुर्गा पॉट और रॉयल बंगाल टाइगर की तस्वीरें और कश्मीर के सुंदर परिदृश्य– सब वहां हैं। मोदी ने ऐसी ही सज्जा पीएमओ की भी करवाई है। इन सुंदर चित्रों को देखने में अमेरिका की प्रथम महिला ने भी विशेष रुचि ली।
आर. शंकर प्रसाद, अंग्रेजी में,केरल वाले
केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद को केरल वाले ज्यादा ही पसंद करने लगे हैं। हाल ही के समय में उनका बार-बार केरल दौरा हो रहा है। रविशंकर प्रसाद को सिर्फ मीडिया हाउस या बीजेपी ही नहीं, एनजीओ द्वारा संचालित कई विश्वविद्यालयों से भी निमंत्रण मिल रहा है। हाल ही में पूर्व रक्षा मंत्री ए. के. एंटनी ने भी एक कार्यक्रम में मुलाकात के दौरान रविशंकर प्रसाद को बार-बार केरल आने का निमंत्रण दिया। वजह क्या है? रविशंकर खुद हैरान हैं। शायद शक्ल-सूरत के कारण ऐसा हो। शायद उनका नाम मलयाली जैसा लगता है। एंटनी का मानना है कि ऐसा इस कारण है कि रविशंकर प्रसाद अंग्रेजी अच्छी बोलते हैं।
नेता बनेंगी केजरीवाल की बेटी!
केजरीवाल की बेटी हर्षिता विदेश में रहती और वहीं काम करती हैं। वे दिल्ली आईआईटी से पढ़ी हंै और बोस्टन कंसल्टिंग सर्विस के लिए काम करती हैं। लेकिन पिता के चुनाव के लिए 3 महीने की छुट्टी लेकर दिल्ली आई थीं। चुनाव में उन्होंने पिता का प्रचार किया। पिता को विचार भी सुझाए। केजरीवाल की पत्नी भी कभी-कभी उनके साथ होती हैं। बेटा पढ़ाई कर रहा है, इसलिए अभी खुल कर दिखाई नहीं दे रहा है। क्या भविष्य में हर्षिता राजनीति में आ सकती हंै? वे 24 वर्ष की युवा और बुद्धिमान हैं। ट्विटर पर सक्रिय हैं, सोशल मीडिया में सक्रिय रहती हंै। देखते हैं।
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