
नई दिल्ली. दिल्ली में 8 फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार जोरों परहै। स्थानीय मुद्दों पर आरोप-प्रत्यारोप ज्यादा हो रहे हैं। आम आदमी पार्टी (आप) का दावा है कि उसकी सरकार ने स्लम एरिया का काफी विकास किया। उन्हें बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराईं। जमीनी हकीकत जानने दैनिक भास्कर टीम लालबाग बस्ती पहुंची। यह दिल्ली यूनिवर्सिटी और आजादपुर के नजदीक है। दिल्ली की सबसे बड़ी झग्गी बस्तियों में से एक लालबाग में करीब 3 लाख लोग रहते हैं। हमें संकरी गलियां, गंदगी के ढेर और जलजमाव साफ नजर आते हैं। सीसीटीवी हैं, पर बहुत कम। लोगों से बातचीत में मिलीजुली तस्वीर उभरकर आई। पेश है ये खास ग्राउंड रिपोर्ट।
पानी गंदा, फिल्टर कराने के लिए 5 रुपए देने पड़ते हैं
लालबाग की सुबह। कुछ लोग एक दुकान के सामने ‘चाय पर चर्चा’ में मशगूल दिखे। हमने अपना परिचय दिया। फिर चुनावी मुद्दों का जिक्र छिड़ा। राधेश्याम कहते हैं, “दो मंजिला इमारत है। उसमें टॉयलेट हैं। एक-दो महीने से बिजली का बिल भी नहीं आया।” पास खड़े सुदामा का लहजा शिकायती था। कहा, “केजरीवाल पानी तो दे रहे हैं। लेकिन ये बहुत गंदा है। बिना फिल्टर किए पिया नहीं जा सकता। पार्क में आरओ लगा है। वहां हर बार 5 रुपए देना पड़ते हैं।” जयकृष्ण भी केजरीवाल सरकार के कामकाज से खुश नहीं दिखे। कहते हैं, “कुछ काम तो हुए लेकिन ये पुख्ता नहीं हैं। सीसीटीवी चुनिंदा जगहों पर ही हैं। गंदा पानी हमेशा जमा रहता है क्योंकि निकासी नहीं है। नालियों को शौचालय के पाइप से जोड़ दिया। अब गंदगी घरों तक पहुंचती है। झुग्गी की जगह पक्के मकानों का वादा किया जा रहा है। ये हम कई साल से सुन रहे हैं। बिजली-पानी मिलता रहे, हम तो इसी में खुश हैं।”
शौचालय रात में बंद हो जाते हैं, इससे महिलाओं को दिक्कत
लालबाग के ज्यादातर घरों में टॉयलेट नहीं हैं। जहां हैं, वहां पाइप कनेक्शन नाली से कर दिया। इससे गंदगी और बढ़ गई। यहां रहने वाले जितेंदर कहते हैं, “ज्यादातर लोग सार्वजनिक शौचालय इस्तेमाल करते हैं। एक तो फ्री है लेकिन बाकी में नहाने या कपड़े धोने के लिए 2 रुपए देने पड़ते हैं। सबसे बड़ी दिक्कत ये है कि ये रात में 11 बजे बंद हो जाते हैं। क्योंकि कर्मचारी चले जाते हैं। इससे महिलाओं को बहुत परेशानी होती है। इन्हें 24 घंटे खुलना चाहिए।”
लूटपाट और नशाखोरी आम
चंदन यादव जेएनयू से हैं और लालबाग में ही रहते हैं। उनके मुताबिक, “यहां सबसे बड़ी समस्या सुरक्षा है। रात में आओ तो लूटपाट का खतरा हमेशा रहता है। दरअसल, लोगों के पास काम नहीं है। नशा करने वाले भी बहुत हैं। पुलिस कभी-कभार ही आती है।” चंदन के साथ ही संदीप ठाकुर से भी बात होती है। वे कहते हैं, “भाजपा जहां झुग्गी-वहीं मकान की बात कर रही है। हम सिर्फ ये चाहते हैं कि जहां रह रहे हैं, बस वहीं की रजिस्ट्री मिल जाए।” एक दुकानदार राजेंदर कहते हैं, “सीसीटीवी लगने से लोगों में डर है। वर्ना लूटपाट तो यहां आम बात है। कुछ घरों में नलों से पानी आता है। जहां नल नहीं हैं, वहां टैंकर से सप्लाई होती है।”
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