
मुंबई. भीमा कोरेगांव हिंसा की जांच एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) को सौंपने के सरकार के फैसले से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा)प्रमुख शरद पवारनाराज हैं।उन्होंनेआज (सोमवार) अपने घर पर पार्टी के सभी 16 मंत्रियों की एक बैठक बुलाई है। इसमें कुछ राकांपा विधायक भी शामिल होंगे।हालांकि, पार्टी ने आधिकारिक रूप से बैठक के एजेंडे को सार्वजनिक नहीं किया है।सूत्रों की मानें तो इस बैठक में मुख्यमंत्रीउद्धव ठाकरे द्वारा हाल में लिए कुछ फैसलों पर चर्चा हो सकती है।
दरअसल, शरद पवार चाहते थे कि भीमा कोरेगांव मामले की जांच महाराष्ट्र पुलिस करे। जांच को एनआईए को सौंपने पर राज्य के गृहमंत्रीऔर राकांपा नेताअनिल देशमुख ने भी आपत्ति जताई थी। देशमुख नेमामले की जांच राज्य की एजेंसी से करवाने की बात कही थी। हालांकि, उनके फैसले को ओवररूल करते हुए सीएम ने इसे एनआईए को सौंपने का फैसला किया था। इसके बाद से ही पवार और ठाकरे के बीच विवाद शुरू हो गया है।
एनआईए को जांच सौंपना संविधान के मुताबिक गलत: पवार
पवार ने शिवसेना के प्रति नाराजगी जाहिर करते हुए कहा था, 'भीमा-कोरेगांव मामले में महाराष्ट्र पुलिस के कुछ अधिकारियों का व्यवहार आपत्तिजनक था। मैं चाहता था कि इन अधिकारियों के व्यवहार की भी जांच की जाए, लेकिन जिस दिन सुबह महाराष्ट्र सरकार के मंत्रियों ने पुलिस अधिकारियों से मुलाकात की, उसी दिन शाम को 3 बजे केंद्र ने पूरे मामले को एनआईए को सौंप दिया। संविधान के मुताबिक यह गलत है, क्योंकि आपराधिक जांच राज्य के क्षेत्राधिकार में आता है।'
पवार को डर है कि सच्चाई सामने आ जाएगी: फडणवीस
रविवार कोपूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा- 'भीमा कोरेगांव मामले को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को भेजने के लिए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को धन्यवाद देता हूं। शरद पवार इसका विरोध कर रहे थे क्योंकि उन्हें डर था कि एनआईए की जांच से सच्चाई सामने आ जाएगी।' फडणवीस ने आगे कहा- 'मैं आपको (शिवसेना) चुनौती देता हूं कि अगर आप इतने आश्वस्त हैं तो फिर से चुनाव लड़ें। चुनाव में भाजपाअकेले कांग्रेस, राकांपाऔर शिवसेना को हराएगी।'
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