World Wide Facts

Technology

ब्लड प्रेशर, डिप्रेशन की दवा लेने वालों को हीट स्ट्रोक का खतरा ज्यादा, एक्सपर्ट्स की सलाह- घर से निकलें तो लूज कपड़े पहनें, सिर-मुंह ढंककर रखिए

दुनिया कोरोनावायरस से जूझ रही है। वहीं, भारत में गर्मी भी प्रचंड रूप दिखा रही है। गर्मी के साथ ही डिहाइड्रेशन, हीट स्ट्रोक से लेकर डायरिया और पसीने के कारण स्किन में एलर्जी जैसी कई तरह कई बीमारियां भी फैल रही हैं। एक्सपर्ट्स कहते हैं कि गर्मी में दिनों में आप रूटीन को अपनाकर और कुछ चीजों का पालन कर गर्मियों में हेल्दी रह सकते हैं।

हीट स्ट्रोक-

बुजुर्गों में हीट स्ट्रोक की संभावना ज्यादा होती है

  • डॉ. तुषार तायल के अनुसार गर्मी में पानी की कमी होना से हमें चक्कर आते हैं। घबराहट होती है। बहुत तेज कमजोरी महसूस होती है। इसे ही सामान्य तौर पर हीट स्ट्रोक या लू लगना कहते हैं। हालांकि इसकी दो कंडीशन होती हैं। हीट स्ट्रोक और हीट एक्जोर्शन। हीट एक्जोर्शन, हीट स्ट्रोक से पहले की स्टेज है। इसमें बहुत तेज घबराहट होती है। बहुत तेज गर्मी लगती है।
  • बुजुर्गों में हीट स्ट्रोक की संभावना ज्यादा होती है। इनमें से भी वे लोग जो ब्लड प्रेशर, डिप्रेशन या एंग्जाइटी की दवा लेते हैं, इन दवाइयों से भी हीट स्ट्रोक होने की संभावना बढ़ जाती है। तो इस उम्र के लोगों को अपना गर्मियों मेें विशेष ध्यान रखना चाहिए।
  • जिस आदमी को हीट स्ट्रोक के लक्षण दिखाई दे रहे हैं, उसे तुरंत किसी ठंडी जगह पर ले जाइए। एसी हो तो उसे ऑन कर दीजिए। उस पर ठंडे पानी का छिड़काव कीजिए। इसके बाद ही डॉक्टर को बुलाइए या अस्पताल ले जाइए।
  • हीट स्ट्रोक से बचने के लिए जब भी घर से निकलें तो हमेशा कॉटन के लूज कपड़े पहनिए। सिर-मुंह को हमेशा ढंककर रखिए।

त्वचा रोगः

पसीने की एलर्जी से बचने के लिए दो बार नहाएं, शरीर पर गंदगी न जमने देें

दिल्ली के सरोज सुपरस्पेशिलिटी हॉस्पिटल के डॉक्टर गौरव भारद्वाज कहते हैं कि इस मौसम में पसीना बहुत ज्यादा निकलता है, जिसके कारण त्वचा को कई तरह की एलर्जी हो सकती है जैसे कि घमौरियां, खाज-खुजली, सनबर्न, टैनिंग, जलन, लाल चकत्ते, रैशेज, मुंहासे आदि। इसके साथ ही त्वचा रूखी और बेजान भी पड़ जाती है।

  • शरीर पर पसीना या गंदगी न जमने दें-

पसीना त्वचा के अधिकतर संक्रमणों का कारण होता है, इसलिए गर्मी के मौसम में शरीर की सफाई जरूरी है। पसीना आने पर उसे किसी साफ-सूती के कपड़े से पोछते रहें। सुबह तो नहाएं ही साथ ही एक बार रात को भी नहाएं।

  • सूती के ढीले कपड़े पहनें-

सूती का कपड़ा पसीने को आसानी से सोख लेता है और साथ ही यह शरीर को ठंडक भी पहुंचाता है। इसलिए त्वचा की एलर्जी से बचने या छुटकारा पाने के लिए कॉटन के कपड़े ही पहनें। साथ ही इस बात का भी ख्याल रखें की आप जो कपड़े पहनते हैं वे ढीले हों।

  • पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं-

त्वचा के संक्रमण का एक कारण शरीर में पानी की कमी भी हो सकता है। दरअसल, गर्मी के मौसम में शरीर पानी की ज्यादा मांग करता है, इसलिए दिन में नियमित रूप से पानी पीने से त्वचा स्वस्थ और खूबसूरत बनी रहती है।

  • सूती के कपड़े का मास्क और ग्लव्स-

यह तो तय है कि कोरोनावायरस इतनी आसानी से हमें नहीं छोड़ने वाला है। गर्मी के मौसम में ज्यादा देर मास्क और ग्लव्स पहनने से त्वचा की एलर्जी हो सकती है। एलर्जी से बचने के लिए सूती के रुमाल को मास्क की तरह इस्तेमाल करें और ग्लव्स भी कॉटन के ही पहनें।


डायरिया/पीलिया/टायफॉइडः

गर्मी के मौसम मेंबासी-मसालेदार खाने से बचें, पानी छानकर पीएं

  • यह गर्मियों की बहुत सामान्य बीमारियां हैं। नई दिल्ली के सरोज सुपरस्पेशलिटी अस्पताल में इंटरनल मेडिसिन विभाग के एचओडी डॉ. एसके मुंद्रा के अनुसार डायरिया की समस्या गर्मी के मौसम में ज्यादा होती है, जिसका मुख्य कारण है गलत खान-पान और शरीर में पानी की कमी।
  • डायरिया से बचाव के लिए व्यक्तिगत स्वच्छता बहुत जरूरी है। खाना बनाने या खाने से पहले हाथों को अच्छे से साफ करें। टायलेट जाने के बाद भी हाथों को अच्छे से धोएं।दिन भर कुछ न कुछ खाने की बजाए खाने का एक निश्चित समय बना लें। तला-भुना, बाहर का खाना और बासी खाना खाने से बचें। ज्यादा पानी पीएं।
  • पीलिया में आंखों का सफेद हिस्सा पीला पड़ना, पीले नाखून और गहरी पीली पेशाब आदि लक्षण नजर आते हैं।डॉ. एसके मुंद्रा के अनुसार लिवर में संक्रमण, मलेरिया, शराब का अधिक सेवन, अधिक मसालेदार व नमक वाला खाना, पानी की कमी आदि कुछ इसके मुख्य कारण हैं।
  • पीलिया की समस्या से बचने के लिए स्ट्रीट फूड और बासी खाना खाने से बचें, खीरा, ककड़ी, तरबूज़ आदि जैसे फलों का अधिक से अधिक सेवन करें। फिल्टर किया हुआ या उबला पानी ही पीएं।

किडनी के मरीज-

शरीर में पानी की कमी न होने दें, चाय-कॉफी से बचें

  • मुंबई के स्वास्थ्य अस्पताल की डॉक्टर माधवी ठोके के अनुसार गर्मी में शरीर में अक्सर पानी की कमी हो जाती है। कम पानी की वजह से शरीर की अशुद्धियां किडनी में जमा होने लगती हैं, इससे किडनी की समस्या की शुरूआत हो जाती है। यह धीरे-धीरे गंभीर रूप लेती जाती है। बाद में डायलिसिस या ट्रांसप्लांट जैसे विकल्पों पर जाना पड़ता है।
  • कैफीन(कॉफी या चाय) का सेवन बहुत कम कर देना चाहिए, क्योंकि इससे आपके डिहाइड्रेशन का खतरा बढ़ जाता है। जिन्हें किडनी की किसी भी तरह की समस्या है उन्हें किसी भी तरह के तरल पदार्थों की अधिकता से हर हाल में बचना चाहिए।
  • डॉक्टर माधवी कहती हैं कि जिन किडनी पेशेंट की नियमित रूप से डायलिसिस हो रही है, उन्हें स्विमिंग करते समय इस वस्कुलर एक्सेस(vascular access) की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए। नियमित रूप से अपना ब्लड प्रेशर चेक करते रहना चाहिए।
  • हाईब्लड प्रेशर से आपकी किडनी की समस्या बढ़ सकती है। इसके अलावा किडनी की दवाओं के अतिरिक्त यदि अन्य दवाएं (OTC over-the-counter pills-डॉक्टर के प्रिस्क्रप्शन के बिना मेडिकल स्टोर से डायरेक्ट ली जाने वाली दवाएं) भी ले रहे हैं तो इसे लेने से बचें।

मेंटल हेल्थः

योग-प्राणायम-परिवार के साथ वक्त बिताने को दिनचर्या में शामिल करें

  • गर्मी बढ़ने के साथ कई मामलों में सीजनल अफेक्टिव डिस्ऑर्डर(SAD) की समस्या बढ़ती है। यह एक बाइपोलर डिस्ऑर्डर है, जिसके चलते एनर्जी में भारी मात्रा में कमी, मूड स्विंग या व्यवहार में लगातार परिवर्तन होना, उग्र व्यवहार की शिकायत, लगातार बैचेनी रहना, एकाग्रता में बेहद कमी दिखाई देती है।
  • मैक्स सुपर सुपरस्पेशलिटी अस्पताल, नई दिल्ली में डिपार्टमेंट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड बिहेवियर साइंस सीनियर में कंसल्टेंट एंड हेड डॉ. राजकुमार श्रीवास्तव के अनुसार भारत में बढ़ती गर्मी और ह्यूमिडिटी इस डिस्ऑर्डर को बढ़ा देती है। विदेशों में यह डिस्ऑर्डर ठंड या बर्फ पड़ने के मौसम में होता है, इसकी वजह है, लंबे समय तक धूप की अनुपलब्धता।
  • सोने के समय में परिवर्तन, एकाग्रता में कमी और किसी तरह की गतिविधियों में रूचि नहीं लेना इसके मुख्य लक्षण हैं। डॉ. राजकुमार श्रीवास्तव का कहना है कि नियमित रूप से और पूरी तरह नींद लेना इस मौसम में किसी भी तरह की मेंटल हेल्थ को बनाए रखने के लिए बहुत जरूरी होता है।एक्सराइज, मेडिटेशन, रिलेक्सेशन थेरेपी भी इस मौसम में मेंटल हेल्थ को स्थिर बनाए रखने में बहुत मददगार है।

पानीदार फल और हरी सब्जियां लगातार खाएं

  • डॉक्टर अबरार मुल्तानी का सुझाव है कि अपने खाने में मौसमी फलों और हरी सब्जियों का सेवन पर्याप्त मात्रा में करें। गर्मी के मौसम में ऐसे फलों की भरमार होती है जो आपकी त्वचा को हाइड्रेटेड रखते हैं। इन फलों में तरबूज, खीरा, ककड़ी, संतरा, खरबूज, लीची आदि शामिल हैं जो कहीं भी आसानी से मिल जाते हैं।
  • इन फलों में पानी की मात्रा ज्यादा होने के कारण ये शरीर में पानी की कमी नहीं होने देते हैं। इसी कारण से ये फल त्वचा को तरोताजा और संक्रमण रहित बनाए रखते हैं।डॉ. एसके मुंद्रा कहते हैं कि तोरई, लौकी, पालक आदि हरी सब्जियों का सेवन शरीर और त्वचा के लिए बेहद लाभदायक होता है। हरी सब्जियों में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट्स त्वचा को स्वस्थ रखते हैं।


आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
coronavirus update, summer season, Blood pressure, depression drug users are more at risk of heat stroke, experts advise - wear loose clothes, cover head and mouth when you leave home


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2AAjRlc
Share:

0 Comments:

Post a Comment

Blog Archive

Definition List

header ads

Unordered List

3/Sports/post-list

Support

3/random/post-list