शुक्रवार, 5 जून की रात चंद्र ग्रहण होगा। लेकिन, ये मांद्य यानी उपच्छाया ग्रहण रहेगा। अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा के मुताबिक ये ग्रहण यूरोप, एशिया, अफ्रीका और आस्ट्रेलिया में दिखाई देगा। भारत में आज रात करीब 11.15 बजे से ये ग्रहण शुरू हो जाएगा और करीब 2.35 बजे खत्म होगा। ये ग्रहण मांद्य होने की वजह से इसकी धार्मिक मान्यता नहीं है। इसका सूतक नहीं रहेगा। आज ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा है और इस तिथि से संबंधित सभी पूजा-पाठ किए जा सकेंगे।
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार ये ग्रहण मांद्य रहेगा। मांद्य यानी न्यूनतम, मंद होने की क्रिया। इस ग्रहण में चंद्र घटता-बढ़ता दिखाई नहीं देगा। लेकिन, चंद्र की चमक कम होती है। एशिया के कुछ देशों, यूएस आदि में ये ग्रहण देखा जा सकेगा। इस ग्रहण में चंद्रमा के आगे धूल जैसी छाया दिखाई देगी। इसे आसानी से देखा नहीं जा सकेगा। इस साल 10 जनवरी को भी ऐसा ही चंद्र ग्रहण हुआ था। इसके बाद 5 जुलाई और 30 नवंबर को भी मांद्य ग्रहण होगा।
कैसे होता है मांद्य चंद्र ग्रहण
जब चंद्र, पृथ्वी और सूर्य एक सीधी लाइन में आ जाते हैं, तब पृथ्वी की छाया चंद्र पर पड़ती है। सूर्य की रोशनी सीधे चंद्र तक नहीं पहुंच पाती है। इसी स्थिति को चंद्र ग्रहण कहा जाता है। जबकि मांद्य चंद्र ग्रहण में चंद्र, पृथ्वी और सूर्य एक सीधी लाइन में नहीं रहते हैं। इस दौरान ये तीनों ग्रह एक ऐसी लाइन में रहते हैं, जहां से पृथ्वी की सिर्फ हल्की सी छाया चंद्र पर पड़ती है। चंद्र घटता-बढ़ता नहीं दिखता है, इसे मांद्य चंद्र ग्रहण कहा जाता है।
पूर्णिमा पर कौन-कौन से शुभ काम कर सकते हैं
ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा पर भगवान सत्यनारायण की कथा करें। जरूरतमंद लोगों को धन और अनाज का दान करें। अपने इष्टदेव के मंत्रों का जाप करें। मंत्र जाप की संख्या कम से कम 108 होनी चाहिए। शिवलिंग पर जल चढ़ाएं और ऊँ नम: शिवाय मंत्र का जाप करें।
21 जून को होगा सूर्य ग्रहण
पं. शर्मा के अनुसार आज के चंद्र ग्रहण के बाद 21 जून को खंडग्रास यानी आंशिक सूर्य ग्रहण होगा। ये ग्रहण भारत के अलावा एशिया, अफ्रिका और यूरोप कुछ क्षेत्रों में भी दिखेगा। ग्रहण का स्पर्श सुबह 10.14 मिनट पर, ग्रहण का मध्य 11.56 मिनट पर और ग्रहण का मोक्ष 1.38 मिनट पर होगा। ग्रहण का सूतक काल 20 जून की रात 10.14 मिनट से आरंभ हो जाएगा। सूतक जो 21 जून की दोपहर 1.38 तक रहेगा। इस वर्ष का यह एक मात्र ग्रहण होगा जो भारत में दिखेगा और इसका धार्मिक असर भी मान्य होगा। इसके बाद साल के अंत में सोमवार, 14 दिसंबर को सूर्य ग्रहण होगा, जो कि भारत में नहीं दिखेगा। इसलिए इसका सूतक यहां नहीं रहेगा।
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