
नई दिल्ली.निर्भया मामले में दोषियों को अलग-अलग फांसी देने से जुड़ी केंद्र की मांग पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई के लिए तैयार हो गया है। केंद्र की ओर से गुरुवार को एडिशनल सॉलीसिटर जनरल केएम नटराजन ने शीर्ष अदालत से जल्द सुनवाई की गुजारिश की, जिसे मंजूर कर लिया गया। इस पर शुक्रवार दोपहर 12:3 बजे जस्टिस आर भानुमति, अशोक भूषण और एएस बोपन्ना की पीठ सुनवाई करेगी। केंद्र ने इस याचिका में दिल्ली हाईकोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी है, जिसमें चाराें दाेषियाें काे अलग-अलग फांसी दिए जाने की मांग को खारिज करते हुए कहा था कि सबको एक साथ ही फांसी हाेगी। केंद्र ने कोर्ट में कहा कि दोषी कानूनी प्रक्रिया का इस्तेमाल कर कानून का मजाक बना रहे हैं। केंद्र का कहना है कि जिस दोषी के कानूनी विकल्प खत्म हो चुके हैं, उसे फांसी पर लटका दिया जाए। भले ही केस के अन्य दोषियों की याचिका अभी लंबित ही क्यों न हो।
नए डेथ वारंट के लिए फिर कोर्ट पहुंचा जेल प्रशासन
तिहाड़ जेल प्रशासन गुरुवार को एक बार फिर चारों दोषियों का डेथ वारंट जारी कराने के लिए पटियाला हाउस कोर्ट पहुंचा। जेल प्रशासन की अर्जी पर अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने चारों दोषियों से जवाब मांगा है। इस पर शुक्रवार को सुनवाई होगी। इससे पहले ट्रायल कोर्ट ने 31 जनवरी को अगले आदेश तक फांसी दिए जाने पर रोक लगा दी थी।
दोषियों के वकील बोले -अक्षय की दया याचिका अधूरी थीे
दोषियों के वकील एपी सिंह ने बताया कि 31 जनवरी को दोषी अक्षय ठाकुर की राष्ट्रपति को भेजी दया याचिका अधूरी थी। उसमें अक्षय के दस्तखत नहीं थे और न ही उसे तिहाड़ जेल प्रशासन ने प्रमाणित किया था। इसलिए वह याचिका फिर शुक्रवार को राष्ट्रपति को भेजेंगे।
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