
पटना.चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के अगले कदम काे लेकर तरह-तरह के कयास लग रहे हैं। हालांकि एक बात तय है कि पीके अभी खुद चुनाव नहीं लड़ेंगे। उन्होंने साफ-साफ संकेत दिया कि फिलहाल अपने लिए उनकी निगाह न तो राज्यसभा पर है और न ही लोकसभा पर थी।30 जनवरी को नीतीश कुमार की पार्टीजदयू से निकाले जाने के बाद प्रशांतपहली बार पटना आ रहे हैं। वे मंगलवार को यहां मीडिया के सामने अपनी भावी रणनीति का खुलासा करेंगे।
वे यह भी बता सकते हैं कि बिहार में इस बार के विधानसभा चुनाव को लेकर उनकी क्या योजना है? वे किन मुद्दों को जनता के सामने उठाएंगे? वैसे एक बात साफ है कि प्रशांत अपनी संस्था से जुड़े बिहार के करीब तीन लाख युवाओं की फौज का विधानसभा चुनाव के दौरान जरूर इस्तेमाल करेंगे। तब यकीनन उनका निशाना जदयू और भाजपा ही होंगे। उन्होंने पिछले दिनों इस बात के संकेत दे दिए थे कि दिल्ली के बाद वे बिहार को ही अपना लक्ष्य बनाएंगे। साथ ही बिहार में न तो किसी पार्टी में शामिल होंगे और नही यहां की किसी पार्टी के लिए रणनीतिकार बनाएंगे। वैसे अटकलें यह भी लगाई जा रही है कि पीके बिहार में आपका चेहरा हाे सकते हैं लेकिन उन्हाेंने इससे इनकार किया है।
जदयू में शामिल होनेके कारण भी बताएंगे
प्रशांत पहली बार यह बताएंगे कि वे किन हालात में जदयू में शामिल हुए थे। उन्होंने जदयू में शामिल होकर राजनीतिक पारी की शुरुआत की थी। हालांकि पार्टी लाइन से अलग बयानबाजी करने से उनको जदयू से बाहर किया गया। तब सीएम नीतीश कुमार ने कहा था कि अमित शाह के कहने पर ही पीके को जदयू में लिया था। प्रशांत के बिहार आने के सवाल पर जदयू नेता आरसीपी सिंह ने कहा कि अब कोई आए या जाए, हमें क्या फर्क पड़ता है? हमारे नेता नीतीश कुमार हैं और हम उनके ही नाम पर वोट मांगेगे। पीके अब यहां कोई मुद्दा नहीं है।
प्रशांत को पश्चिम बंगाल में जेड श्रेणी सुरक्षा
प्रशांत किशोर को ममता बनर्जी सरकार नेजेड श्रेणी की सुरक्षा देने का फैसला लिया है। प्रशांत भाजपा के खिलाफ पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के लिए चुनावी रणनीति बना रहे हैं। पश्चिम बंगाल के गृह विभाग का मानना है कि प्रशांत विरोधियों के निशाने पर हो सकते हैं। इसलिए उनकी सुरक्षा बढ़ाई गई है।
आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/322yTdk
0 Comments:
Post a Comment