दिल्ली. देश के कई बड़े अर्थशास्त्रियों ने निवेश, रियल एस्टेट और ऑटो सेक्टर की मंदी पर चिंता जताई थी। इनमें आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन, डी. सुब्बाराव, पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन, आईएमएफ की चीफ इकनॉमिस्ट गीता गोपीनाथ, नोबेल से सम्मानित अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी और एसबीआई की पूर्व चेयरमैन अरुंधति भट्टाचार्य शामिल थे। इन अर्थशास्त्रियों ने क्या चिंता जताई थी और उनपर बजट में क्या हुआ पढ़े...
निवेश, आयात-निर्यात सब निगेटिव जोन में : अरविंद सुब्रमण्यन
पूर्व आर्थिक सलाहकारअरविंद सुब्रमण्यनने कहा था कि निवेश, आयात-निर्यात सब निगेटिव जोन में है। 1991 जैसे हालात हैं। घाटे की परवाह किए बगैर खर्च बढ़ाना होगा।
बजट- आयात शुल्क बढ़ाया, निर्यात के लिए निर्विक
सरकार ने आयातित वस्तुओं पर आयात शुल्क बढ़ाया हैे। इससे मेक इन इंडिया अभियान को बढ़ावा मिलेगा। आयात पर अंकुश लगेगा। निर्विक स्कीम से निर्यात बढ़ेगा। फिलहाल इस वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में निवेश की सालाना वृद्धि दर 15 साल के न्यूनतम स्तर (0.97%) पर है।
रियल एस्टेट टाइम बम पर सवारी कर रहा : रघुराम राजन
आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कहा था किरियल एस्टेट टाइम बम पर सवारी कर रहा है, जो कभी भी फट सकता है। मांग बढ़ाने को राहत पैकेज देने होंगे।
बजट- अफोर्डेबल हाउसिंग स्कीम एक साल बढ़ी
रियल एस्टेट के लिए बड़ी घोषणा नहीं है। सिर्फ अफोर्डेबल हाउसिंग स्कीम का दायरा एक साल बढ़ा दिया गया है। सस्ते मकान की खरीद के लिए 1.5 लाख रु तक अतिरिक्त कटौती एक साल और बढ़ेगी। हालांकि 7 प्रमुख शहरों में फंड की कमी से 5.6 लाख घर अधूरी स्थिति में हैं।
कमजोर रूरल इकोनॉमी पर ध्यान देना होगा : गीता गोपीनाथ
आईएमएफ की इकोनॉमिस्टगीता गोपीनाथ ने कहा था नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल सेक्टर और कमजोर रूरल इकोनॉमी सुस्ती की वजह है। इस पर ध्यान देना होगा।
बजट- क्रेडिट गारंटी स्कीम से गांवों की हालत सुधारेंगे
वित्तमंत्री ने एनबीएफसी के लिए धन की उपलब्धता बढ़ाने के लिए आंशिक क्रेडिट गारंटी स्कीम का ऐलान किया हैे। ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए प्रधानमंत्री किसान कार्यक्रम लाया जा रहा है। इन योजनाओं के लिए पैसा बढ़ाने की संभावना है। आने वाले दिनों में गांवों की माली हालत सुधरेगी।
वाहनों की घटती बिक्री कमजोर अर्थव्यवस्था का संकेत: अभिजीत बनर्जी
नोबेल प्राप्त अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी ने कहा था कि वाहनों की घटती बिक्री और मांग में कमीकमजोर अर्थव्यवस्था का संकेतहै। मांग बढ़ानी होगी।
बजट- ऑटो इंडस्ट्री के लिए कोई सीधी घोषणा नहीं
बजट में वित्त मंत्री ने कोई प्रत्यक्ष उपाय नहीं किया है जो ऑटो क्षेत्र की मांग को बढ़ावा दे सके। सख्त सेफ्टी, एमिशन नियम, महंगी बीमा पॉलिसी और अतिरिक्त रोड टैक्स की वजह से एंट्री लेवल पर कारों की लागत बढ़ गई है। मांग दो दशक के न्यूनतम स्तर पर है।
उच्च राजकोषीय घाटा महंगाई बढ़ाता हैं : डी सुब्बाराव
पूर्व आरबीआई गवर्नर डी सुब्बाराव ने कहा था किउच्च राजकोषीय घाटा महंगाई बढ़ाता है, निजी निवेश पर असर पड़ता हैैै। इसे दुरुस्त करना होगा।
बजट- वित्तीय घाटा पिछले साल जैसा, महंगाई घटेगी
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए बजट घाटे का लक्ष्य 3.5% रखा है। इस वित्तीय वर्ष में इसके 3.8% रहने की उम्मीद है। कम घाटे के लक्ष्य से मुद्रास्फीति पर नियंत्रण बनाने में मदद मिलेगी। सरकार के कर्ज लेने में कमी भी आएगी।
इक्विटी और ऋण गारंटी महिला उद्यमियों के वित्तपोषण में बाधा है :अरुंधति भट्टाचार्य
पूर्व एसबीआई चेयरमैनअरुंधति भट्टाचार्य ने कहा था कि इक्विटी और ऋण गारंटी महिला उद्यमियों के वित्तपोषण में बाधा है। इस पर ध्यान देना चाहिए।
बजट- प्रोत्साहन की बात कही, पर बड़ी घोषणा नहीं
इस बात को ध्यान में रखकर वित्तमंत्री ने गांवों के स्व सहायता समूहों को प्रोत्साहन दिया है। इससे ग्रामीण महिला आंत्रप्रेन्योर को सहायता मिलेगी। हालांकि इस वित्त वर्ष में अप्रैल से जनवरी तक के कर्ज प्रवाह में महज 7.6% की बढ़ोतरी हुई है, एक साल पहले इसमें 14.50% की बढ़त हुई थी।
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