पाकिस्तान में पेशावर स्थित किस्सा ख्वानी बाजार बॉलीवुड से अपने कनेक्शन को लेकर फिर चर्चा में है। यहां फिल्म अभिनेता राज कपूर, दिलीप कुमार और शाहरुख खान के पुश्तैनी घर महज 800 मीटर के दायरे में हैं। राज्य सरकार ने राज कपूर और दिलीप कुमार के 100 साल पुराने घरों को खरीदकर उसे संरक्षित करने की बात कही है। लेकिन ये दोनों घर जर्जर हो चुके हैं।
जब हम दिलीप कुमार के घर पहुंचे तो देखा कि इस जर्जर इमारत में लोग कचरा डंप कर रहे हैं। इन्हें रोकने-टोकने वाला कोई नहीं है। घर की पांच में 3 मंजिला पूरी तरह जर्जर हो चुकी हैं। इसके मालिक ने सुध लेना बंद कर दिया है। ऐसी ही स्थिति राज कपूर के पुश्तैनी घर कपूर हवेली की भी है। 40 से 50 कमरे वाली यह शानदार पांच मंजिला इमारत का टॉप और चौथा फ्लोर ढह चुका है। बाकी बिल्डिंग भी जर्जर हो चुकी है।
इमारत राष्ट्रीय धरोहर घोषित
ये हालात तब हैं, जब 2014 में तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने इन घरों को राष्ट्रीय धरोहर घोषित किया था। पर संरक्षित करने के लिए कोई झांकने तक नहीं पहुंचा। यहीं नहीं, 2018 में भी राज्य सरकार ने दोनों घरों को खरीदकर इन्हें म्यूजियम में बदलने के लिए राशि जारी करने की बात कही थी। लेकिन रेट तय करने के लिए इनके मौजूदा मालिकों से संपर्क तक नहीं किया।
हवेली 12 साल से भुतहा बनी हुई है
कपूर हवेली के मौजूदा मालिक हाजी इसरार शाह कहते हैं, ‘मुझे बॉलीवुड पर राज करने वाले राज कपूर की हवेली का मालिक होने पर गर्व है। अगर सरकार इसे खरीदकर म्यूजियम बनी है, तो मुझे बहुत खुशी होगी। लेकिन अगर बात नहीं बनती तो मैं इस बिल्डिंग की जगह मल्टी स्टोरी सिनेमा घर बनाऊंगा।’ हवेली के पड़ोस में रहने वाले और पूर्व मेयर अब्दुल हकीम सफी बताते हैं कि यह हवेली 12 साल से भुतहा बनी हुई है।
इसके मालिक कभी-कभी ही यहां दिखाई पड़ते हैं। आसपास के लोगों को डर है कि यह जर्जर हवेली कभी भी बड़े हादसे का कारण बन सकती है। वहीं दिलीप कुमार के घर के मालिक ने सरकार से 200 करोड़ रुपए की मांग की है।
शहर के डिप्टी कमिश्नर कहते हैं कि हम इन घरों की कीमत तय करने पर काम कर रहे हैं। सरकार ने ऐतिहासिक घरों को संरक्षित करने के लिए 400 करोड़ रुपए का फंड जारी किया है। जल्द ही ये इमारतें खरीदने का काम पूरा हो जाएगा।
कपूर हवेली में मैरिज पार्टी के लिए 6 महीने वेटिंग रहती थी
शादी की पार्टी देने के लिए यह हवेली लोगों की पहली पसंद होती थी। नियाज शाह बताते हैं कि हवेली में बुकिंग नहीं मिलने के चलते बेटी की शादी 6 महीने आगे बढ़ानी पड़ी थी। 2005 के भूकंप से हवेली को नुकसान पहुंचा और यह गतिविधि बंद हो गई।
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