
जैनी एंडरसन. आमतौर पर हम परेशानियों को पहचानने और समाधान के लिए टीचर्स, काउंसलर्स या कोच पर निर्भर रहते हैं। हम एक ऐसा गांव बनाने की कोशिश कर रहे हैं, जहां अकेले कुछ भी न करना पड़े। अब जब वो गांव क्वारैंटाइन हो चुका है तो यह भी साफ हो चुका है कि हमें हमारे परिवार के लिए बेहतर फैसले लेने होंगे।
रियल स्टेट एजेंट और दो बच्चों की मां लिन कूपर कहती हैं "मैं घबराई हुई हूं।" लिन के 11 और 13 साल के दो बच्चे हैं, जो एक पब्लिक स्कूल में पढ़ते हैं। लिन ने डिस्ट्रिक्ट के "ऑनलाइन ओनली" शुरुआत से पहले बच्चों को हफ्ते में दो दिन स्कूल भेजने का प्लान किया था। वे कहती हैं कि "मैं उन्हें एक सफल लर्नर के तौर पर कैसे तैयार करूं, मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा, मैं कन्फ्यूज हूं और मुझे बहुत घबराहट हो रही है।"
बच्चों की पढ़ाई को ऑब्जर्व करें पैरेंट्स
स्प्रिंग और महामारी के दौरान स्कूलिंग में एक बड़ा फर्क है। हमें टीचर्स और काउंसलर्स पर ज्यादा भरोसा करना चाहिए। इसका मतलब यह नहीं है कि ऐसे टीचर्स जो बच्चों के साथ स्क्रीन के जरिए क्लासरूम जैसा रिश्ता नहीं बना पा रहे हैं, उनके लिए माता-पिता की ट्रांसलेटर और मैसेंजर के तौर पर बड़ी भूमिका नहीं है। लर्निंग हीरोज के फाउंडर और सीईओ बिब हबार्ड ने कहा "टीचर्स को इंस्ट्रक्टर बना रहने दें, लेकिन पैरेंट्स ऑब्जर्वर और सुविधा देने वाले हो सकते हैं।"
बच्चों के होमवर्क का ध्यान रखने, महंगे ट्यूटर्स रखने और बच्चों की असफलता को लेकर गिल्ट महसूस करने के बजाए उनके साथ ऐसे जुड़ें।
बच्चा कैसे सीखता है इस बात को कैसे पता करें?
- बच्चे के साथ बातचीत से शुरुआत करें। कहें "चलो ऐस तरीका खोजते हैं, जिसमें मुझे तुमसे हर रोज और बार-बार अपना काम करने के लिए नहीं कहना पड़े" या "चलो खोजते हैं कि इस अजीब ऑनलाइन दुनिया में तुम्हारे लिए सफल लर्निंग कैसी होगी"।
- "मिडिल स्कूल मैटर्स" की लेखक और वॉशिंगटन डीसी में चाइल्ड काउंसलर फिलिस फगेल कहती हैं "पैरेंट्स के पास यह एक अनोखा जरिया होता है, यह पता करने का कि बच्चा किस तरह का लर्नर है।" वे इस जानकारी का इस्तेमाल यह पता करने के लिए कर सकते हैं कि "बच्चों को सफल होने के लिए किस तरह के सपोर्ट की जरूरत है।"
- एक बार जब आप यह पता कर लेंगे कि बच्चा कैसे सीखता है, तो आपको टीचर्स से बात करनी होगी कि आपको बच्चे के लिए साफ उम्मीदें और लक्ष्य चाहिए।
- वॉशिंगटन डीसी में पढ़ने वाले 7 और 10 साल के दो बच्चों के पिता कहते हैं कि उन्हें इस बदलाव वाले माहौल में बच्चों की पढ़ाई में मदद के लिए टीचर्स और एडमिनिस्ट्रेटर्स के और निर्देश चाहिए। आपने बच्चों को सिखाया कि उम्मीदें क्या हैं। उठो, स्कूल जाओ, ध्यान दो, नियमों का पालन करो। उन्हें ग्रेड्स मिलते हैं और वे इनका उपयोग अपने लक्ष्य तय करने में करते हैं"। अब बच्चे घर पर हैं और ग्रेड्स रुके हुए और सब बदल गया है। किसी ने भी इस नए मॉडल के बारे में पैरेंट्स या बच्चों को नहीं समझाया।
- फगेल कहती हैं "हमें बच्चों को सुरक्षित रखना है और इकोनॉमी को फिर से चलाना है, लेकिन एक चीज जो छोड़ी नहीं जा सकती वो है, बच्चों तक क्वालिटी एजुकेशन कैसे पहुंचाएं जो उन्हें पसंद आए।"
टीचर्स से और ज्यादा फीडबैक मांगें
- चार बच्चों की सिंगल मां क्वैंशी मैक्सबेल कहती हैं कि एक साल और होम लर्निंग की संभावना से उन्हें डर लगता है। वे कहती हैं "मुझे बहुत अकेला महसूस होता है। मुझे नर्स बनना था फिर पीई टीचर फिर लंच लेडी और फिर टीचर, लेकिन अब मुझे केवल मां बनना होगा।"
- चूंकि पैरेंट्स बहुत कम जानते हैं, तो उन्हें स्कूल और टीचर्स से ज्यादा मदद के लिए कहना होगा। यह साफ है कि ऑनलाइन लर्निंग कई परिवारों में काम नहीं कर पा रही है।
स्कूल खोलने को लेकर हर हफ्ते पैरेंट्स और स्कूल स्टाफ से मीटिंग
- केजोन वैली यूनियन स्कूल डिस्ट्रिक्ट के सुपरिटेंडेंट डेविड मियशिरो हर हफ्ते पैरेंट्स, प्रमुखों और स्कूल स्टाफ के साथ जूम मीटिंग कर रहे हैं। मीटिंग के जरिए वे महामारी के दौरान स्कूल फिर दोबारा शुरू करने के प्लान को तैयार करने और पता करने की कोशिश कर रहे हैं कि वे लोग डिस्टेंस लर्निंग को लेकर कैसा महसूस कर रहे हैं।
- डेविड कहते हैं "यह पैरेंट्स के लिए थैरेपी ग्रुप की तरह था, जहां उन्हें मन की चीजें बाहर निकालने और ऐसा कोई मिला जो उनकी सुनता था।"
टीचर्स का भी ध्यान रखें
- हम सभी यह जान चुके हैं कि बच्चों को पढ़ाना और प्रोत्साहित करना कितना मुश्किल होता है। अब यह ध्यान रखें कि टीचर्स ऐसा 30 बच्चों के लिए कर रही हैं, जबकि उनका खुद का बच्चा भी घर में है। टीचर्स भी परेशान हैं, लेकिन थोड़ी सहानुभूति और वादे से हम मिलकर इस बुरे दौर से निकल सकते हैं।
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