
कोरोनावायरस (कोविड-19) के नए स्ट्रेन्स के साथनई जानकारियां भीसामने आ रही है और इनसे पता चला है के मरीजों में इस रोग केलक्षण तेजी से बदल रहे हैं। गला, फेफड़ा और दिमाग के बाद इसका असर पेट पर दिख रहा है। चीन से मिलेआंकड़ों के अनुसार50 फीसदीकोरोनामरीजों में पेट में दर्द, उल्टी और डायरिया जैसेलक्षण देखे गएहैं।
अमेरिका के कईन्यूरोलॉजिस्ट्स का कहना है अब कोरोना दिमाग तक भी पहुंच गया है। बुखार के बाद अब दिमागी सूजन और सिरदर्द के मामले बढ़ रहे हैं।
अमेरिकन जर्नल ऑफ गेस्ट्रोएंट्रोलॉजी में प्रकाशित शोध के मुताबिक, चीन के हुबेई प्रांत में कोरोना के 204 मरीजों पर हुई रिसर्च में इसकी पुष्टि हुई है। आमतौर पर कोरोना के मरीजों में बुखार, सांस लेने में दिक्कत, सूखी खांसी जैसे लक्षण दिखते हैं। हालिया रिसर्च के नतीजे बताते हैं कि गंध न सूंघ पाना और खाने का स्वाद न महसूस कर पाना भी इसका एक लक्षण है।
पहला लक्षण फूड पॉइजनिंग का दिखा
द सन की एक रिपोर्ट में लंदन के बलहम शहर निवासी इस्ला हसलम ने अपना अनुभव शेयर किया। इस्ला ने कहा, जब वह कोरोनावायरस के संक्रमण से जूझ रही थींतो पेट में अजीब किस्म का दर्द महसूस हुआ, यह संक्रमण का पहला लक्षण था। एक दिन सुबह उठी तो लगा कि फूड पॉइजनिंग हुई है। कुछ घंटों बाद गले मेंसूजन और सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षण दिखे। रात तक नाक पूरी बंद हो चुकी थी, वह बेहद डरावना अनुभव था। शरीर में अकड़न हो रही थी और काफी भारीपन महसूस होने के साथ बुखार चढ़ रहा था।
कोरोना सूंघने-स्वाद की क्षमता प्रभावित करता है
गंध या खुशबू को सूंघ न पाना और स्वाद महसूस न होना भी कोरोना वायरस के संक्रमण का शुरुआती लक्षण है। ब्रिटिश रायनोलॉजिकल सोसायटी के प्रेसिडेंट निर्मल कुमार के मुताबिक, साउथ कोरिया, चीन और इटली में कोरोना पीड़ितों में इसकी पुष्टि हुई है।
रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक, साउथ कोरिया में कोरोना से पीड़ित30 फीसदी लोगों ने गंध को न सूंघ पाना सबसे प्रमुख लक्षण था। बुखार, खांसी और सांस लेने में तकलीफ के अलावा यह भी एक अहम लक्षण है, जो संक्रमण पहचानने में मददगार साबित हो सकता है। ऐसी ही रिपोर्ट अमेरिकन एकेडमी ऑफ ओटोलैरेंगोलॉजी ने भी हाल ही में जारी की है।
अमेरिकन एकेडमी की रिपोर्ट के मुताबिक, ऐसे लक्षण दिखने पर बिना देरी किए डॉक्टरी सलाह लेनी चाहिए।

संक्रमित मरीजों के दिमाग में सूजन से सिरदर्द बढ़ रहा
कोरोनावायरस गले और फेफड़े के साथ अब दिमाग को भी जकड़ रहा है। दुनियाभर के न्यूरोलॉजिस्ट इसकी पुष्टि भी कर रहे हैं। उनका कहना है कि कोरोना से पीड़ित मरीजों में से एक तबका ऐसा भी है जिसमें संक्रमण का असर उनके दिमाग पर भी पड़ रहा है। एक्सपर्ट ने इसे ब्रेन डिसफंक्शन का नाम दिया है।
संक्रमण का असर मरीज के बोलने की क्षमता पर पड़ रहा है और दिमाग में सूजन के कारण सिरदर्द बढ़ रहा है। ऐसे कई दुर्लभ मामले सामने आ रहे हैं। इनके अलावा गंध सूंघने और अलग-अलग स्वाद को पहचाने की क्षमता भी घट रही है।
दो मामलों से समझें दिमाग में कितना बदलाव हुआ
- 1.अपना नाम तक नहीं बता पाई मरीज: अमेरिका के मिशिगन में करीब 50 साल की एक महिला एयरलाइनकर्मी को कोरोना का संक्रमण हुआ। उसे कुछ नहीं समझ नहीं आ रहा था, उसने डॉक्टर को सिरदर्द होने की समस्या बताई। बमुश्किल वह डॉक्टर को अपना नाम बता पाई। जब ब्रेन स्कैनिंग की गई तो सामने आया कि दिमाग के कई हिस्सों अलग तरह की सूजन है। दिमाग के एक हिस्से की कुछ कोशिकाएं डैमेज होकर खत्म हो गई थीं।
- 2.दिमाग में खून के थक्के जमे: इटली की ब्रेसिका यूनिवर्सिटी के हॉस्पिटल से जुड़े डॉ. एलेसेंड्रो पेडोवानी के मुताबिक, कोरोना के मरीजों में ऐसा ही बदलाव इटली और दुनिया के दूसरे हिस्से डॉक्टरों ने भी नोटिस किया। इसमें ब्रेन स्ट्रोक, दिमागी दौरे, एनसेफेलाइटिस के लक्षण, दिमाग में खून के थक्के जमना, सुन्न हो जाना जैसी स्थिति शामिल हैं। कुछ मामलों में कोरोना का मरीज बुखार और सांस में तकलीफ जैसे लक्षण दिखने से पहले ही बेसुध हो जाता है।
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