World Wide Facts

Technology

अशांति और लॉकडाउन से कश्मीर में मानसिक रोगियों की संख्या बढ़ी, खुदकुशी और घरेलू हिंसा की घटनाओं में भी इजाफा

समीर यासिर.कश्मीर में वर्षों से चल रही अशांति ने एक पूरी पीढ़ी को प्रभावित किया है। पिछले साल अगस्त में कर्फ्यू लगने के बाद यहां सामान्य जनजीवन पहले ही अस्त-व्यस्त हो चुका था। उस दौरान बड़ी संख्या में लोगों को गिरफ्तार किया गया था। कोरोना के कारण लॉकडाउन ने लोगों की मुश्किलों को और बढ़ाया है। डॉक्टरों का कहना है कि निराशा की स्थिति गंभीर मानसिक संकट में बदल गई है। राज्य में अवसाद, बैचेनी और मानसिक बीमारियों के मामलों की संख्या में चिंताजनक बढ़ोतरी हुई है। प्रभावित लोगों का आंकड़ा पता लगाना कठिन है लेकिन स्थानीय डॉक्टरों का कहना है कि आत्महत्याओं की संख्या बढ़ी है। घरेलू हिंसा की दर भी अधिक हो गई है।


चिकित्सकों का कहना है कि लॉकडाउन ने स्थितियों को ज्यादा बदतर किया है। पुलिस ने सड़कों को ब्लॉक कर रखा है। घर से बाहर निकलने पर सख्त पाबंदी है। कश्मीर घाटी में ऐसी स्थितियों का सामना करने के लिए संसाधन भी कम हैं। यह राज्य कई वर्ष से अशांत है। डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स ने 2015 में 5600 घरों का सर्वे किया था। उसमें लगभग 18 लाख लोग शारीरिक और मानसिक तकलीफ से प्रभावित मिले थे। 10 में से 9 लोग हिंसा, संघर्ष के कारण उपजे आघात का शिकार थे। सरकारी अस्पताल के मनोचिकित्सक डॉ. माजिद शफी ने बताया कि वे पिछले साल एक सप्ताह में करीब 100 मरीजों को देखते थे। अब इनकी संख्या 500 है। कश्मीर में कुल 60 मनोचिकित्सक हैं।

बेटी की गिरफ्तारी से मां की मानसिक हालत खराब हुई

लवामा में डॉ. शफी के ऑफिस के बाहर हिंसा से सदमे का शिकार हुए किशोरों, युवाओं, महिलाओं और व्यवसायियों की कतार लगी थी। महिलाएं अपने बच्चों की पीड़ा से चिंतित हैं। पाहू की सारा बेगम के बेटे 28 साल के फयाज को 3 अगस्त को गिरफ्तार किया गया था। उसके बाद सारा की मानसिक हालत खराब हो गई। उन्होंने आत्महत्या की कोशिश की थी। व्यवसायी कारोबार बंद होने से परेशान हैं। उनका कर्ज बढ़ता जा रहा है। पहले भी उनका धंधा ठप था। लॉकडाउन के दौरान भी ऐसी ही स्थिति है। डॉ. शफी का कहना है, संकट लगातार बढ़ रहा है। पुलवामा में दस लाख की आबादी के बीच वे अकेले मानसिक चिकित्सक हैं।



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
जम्मू-कश्मीर में पिछले साल अगस्त में कर्फ्यू लगने के बाद सामान्य जनजीवन पहले ही अस्त-व्यस्त हो चुका था।


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3eUrEu0
Share:

0 Comments:

Post a Comment

Blog Archive

Definition List

header ads

Unordered List

3/Sports/post-list

Support

3/random/post-list