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नई दिल्ली (मुकेश काैशिक/नीरज आर्या).दिल्ली दंगे की जांच में शक की सुई आतंकी संगठनाें की स्लीपर सेल की ओर घूम रही है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के 36 घंटे भारत में रहने के दाैरान हिंसा चरम पर थी। उनकी वापसी के तुरंत बाद हिंसा कम होने लगी। जांच एजेंसियां इसे इत्तेफाक नहीं मान रहीं। हिंसा की टाइमिंग और व्यापकता को देखते हुए यह महज दंगे का मामला नहीं माना जा रहा। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि शुरुआतीजांच में बड़ी अंतरराष्ट्रीय साजिश के संकेत मिले हैं।ऐसे में जांच एनआईए को सौंपी जाएगी।
हालांकि, गृह मंत्रालय ने इसकी पुष्टि नहीं की है। एनआईएआतंकवाद के मामलाें की जांच करती है। सूत्रों के मुताबिक,हिंसाग्रस्त इलाकों में आतंकियों की स्लीपर सेल थीं। ट्रम्प की यात्रा के दौरान इन्हें सक्रिय किया गया। गाेली लगने से 13 माैतें होना भी आतंकी साजिश का संकेत माना जा रहा है। पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया की भूमिका भी जांची जा रही है। दूसरी तरफ, दिल्ली में हालात सामान्य हाे रहे हैं। धारा 144 में शनिवार सुबह 4 घंटे की छूट दी गई। हालांकि, स्कूल 7 मार्च तक बंद रहेंगे। दंगे में अभी तक 42 माैतें हाे चुकी हैं।
फेशियल रिकग्निशन से दंगाइयों को पहचान रही पुलिस, लिस्ट तैयार हुई
पुलिस और आईबी दंगाइयाें के घर चिह्नित कर रही हैं। फेशियल रिकग्निशन टेक्नाेलाॅजी से भी दंगाइयाें को पहचानकर सूची बनाई जा रही है। दूसरी तरफ, दंगा भड़काने के आरोप में गिरफ्तार कांग्रेस की पूर्व पार्षद इशरत जहां 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दी गई। कांग्रेस ने पुलिस पर एकतरफा जांच का आरोप लगाया है। पार्टी ने प्रदर्शनकारियाें पर गंभीर आरोप वाले सभी मामलाें की जांच के लिए सुप्रीम काेर्ट से एमिकस क्यूरेनियुक्त करने की मांग की है।
हिंसा के आराेपियाें काे कैम्पस में न बुलाएं: जेएनयू प्रशासन
जेएनयू के वीसी प्राे. जगदेश कुमार ने छात्राें काे निर्देश दिए हैं कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हिंसा के आरोपियों काे कैंपस में रहने के लिए न बुलाएं। कुछ छात्राें ने ऐसे लाेगाें से कैंपस में आकर रहने का खुला आह्वान किया है। वीसी ने कहा कि ये वही छात्र हैं, जो दावा करते थे कि जनवरी में बाहरी लाेगाें ने कैंपस में आकर हिंसा काे अंजाम दिया था।
जांच में बड़ी अंतरराष्ट्रीय साजिश के संकेत
साजिश : कई जगह एकसाथ हिंसा भड़की, दंगाइयों ने गोली चलाईं
50 नंबराें की जांच से पता चला कि 30 से 40 वॉट्सऐप ग्रुपाें से भड़काऊ मैसेज भेजे गए। दंगाइयों ने 32 और 9 एमएम की पिस्टल इस्तेमाल की। कई जगह दोपहर 2-3 बजे के बीच एक साथ हिंसा हुई।
जांच : केस बढ़ रहे, एनआईए के विशेषज्ञों से जांच जरूरी
पुलिस अभी एफआईआर दर्ज करने में जुटी है। 163 केस दर्ज हुए हैं। पुलिस को 550 से ज्यादा शिकायतें मिली हैं। यानी केस और बढ़ेंगे। सबकी जांच के लिए एनआईए की विशेषज्ञता जरूरी है।
दायरा : एनआईए जांच करेगी कि बाहर से कौन-कौन आया
एनआईए की जांच का दायरा दिल्ली से बाहर जाएगा। एजेंसी पता लगा पाएगी कि दंगों में इस्तेमाल हथियार कहां से आए थे। साथ ही कौन-कौन से बाहरी तत्व इसमें शामिल थे।
वॉट्सऐप से 100 संदिग्ध नंबरों का ब्योरा मांगा
दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने 100 से अधिक संदिग्ध मोबाइल नंबर वॉट्सऐप काे सौंपकर उनके मैसेज का ब्योरा मांगा है। वहीं, दिल्ली सरकार भी फेक न्यूज और भड़काऊ मैसेज के बारे में शिकायतें लेने के लिए वॉट्सएप नंबर जारी करने पर विचार कर रही है।
नई दिल्ली (मुकेश काैशिक/नीरज आर्या).दिल्ली दंगे की जांच में शक की सुई आतंकी संगठनाें की स्लीपर सेल की ओर घूम रही है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के 36 घंटे भारत में रहने के दाैरान हिंसा चरम पर थी। उनकी वापसी के तुरंत बाद हिंसा कम होने लगी। जांच एजेंसियां इसे इत्तेफाक नहीं मान रहीं। हिंसा की टाइमिंग और व्यापकता को देखते हुए यह महज दंगे का मामला नहीं माना जा रहा। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि शुरुआतीजांच में बड़ी अंतरराष्ट्रीय साजिश के संकेत मिले हैं।ऐसे में जांच एनआईए को सौंपी जाएगी।
हालांकि, गृह मंत्रालय ने इसकी पुष्टि नहीं की है। एनआईएआतंकवाद के मामलाें की जांच करती है। सूत्रों के मुताबिक,हिंसाग्रस्त इलाकों में आतंकियों की स्लीपर सेल थीं। ट्रम्प की यात्रा के दौरान इन्हें सक्रिय किया गया। गाेली लगने से 13 माैतें होना भी आतंकी साजिश का संकेत माना जा रहा है। पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया की भूमिका भी जांची जा रही है। दूसरी तरफ, दिल्ली में हालात सामान्य हाे रहे हैं। धारा 144 में शनिवार सुबह 4 घंटे की छूट दी गई। हालांकि, स्कूल 7 मार्च तक बंद रहेंगे। दंगे में अभी तक 42 माैतें हाे चुकी हैं।
फेशियल रिकग्निशन से दंगाइयों को पहचान रही पुलिस, लिस्ट तैयार हुई
पुलिस और आईबी दंगाइयाें के घर चिह्नित कर रही हैं। फेशियल रिकग्निशन टेक्नाेलाॅजी से भी दंगाइयाें को पहचानकर सूची बनाई जा रही है। दूसरी तरफ, दंगा भड़काने के आरोप में गिरफ्तार कांग्रेस की पूर्व पार्षद इशरत जहां 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दी गई। कांग्रेस ने पुलिस पर एकतरफा जांच का आरोप लगाया है। पार्टी ने प्रदर्शनकारियाें पर गंभीर आरोप वाले सभी मामलाें की जांच के लिए सुप्रीम काेर्ट से एमिकस क्यूरेनियुक्त करने की मांग की है।
हिंसा के आराेपियाें काे कैम्पस में न बुलाएं: जेएनयू प्रशासन
जेएनयू के वीसी प्राे. जगदेश कुमार ने छात्राें काे निर्देश दिए हैं कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हिंसा के आरोपियों काे कैंपस में रहने के लिए न बुलाएं। कुछ छात्राें ने ऐसे लाेगाें से कैंपस में आकर रहने का खुला आह्वान किया है। वीसी ने कहा कि ये वही छात्र हैं, जो दावा करते थे कि जनवरी में बाहरी लाेगाें ने कैंपस में आकर हिंसा काे अंजाम दिया था।
जांच में बड़ी अंतरराष्ट्रीय साजिश के संकेत
साजिश : कई जगह एकसाथ हिंसा भड़की, दंगाइयों ने गोली चलाईं
50 नंबराें की जांच से पता चला कि 30 से 40 वॉट्सऐप ग्रुपाें से भड़काऊ मैसेज भेजे गए। दंगाइयों ने 32 और 9 एमएम की पिस्टल इस्तेमाल की। कई जगह दोपहर 2-3 बजे के बीच एक साथ हिंसा हुई।
जांच : केस बढ़ रहे, एनआईए के विशेषज्ञों से जांच जरूरी
पुलिस अभी एफआईआर दर्ज करने में जुटी है। 163 केस दर्ज हुए हैं। पुलिस को 550 से ज्यादा शिकायतें मिली हैं। यानी केस और बढ़ेंगे। सबकी जांच के लिए एनआईए की विशेषज्ञता जरूरी है।
दायरा : एनआईए जांच करेगी कि बाहर से कौन-कौन आया
एनआईए की जांच का दायरा दिल्ली से बाहर जाएगा। एजेंसी पता लगा पाएगी कि दंगों में इस्तेमाल हथियार कहां से आए थे। साथ ही कौन-कौन से बाहरी तत्व इसमें शामिल थे।
वॉट्सऐप से 100 संदिग्ध नंबरों का ब्योरा मांगा
दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने 100 से अधिक संदिग्ध मोबाइल नंबर वॉट्सऐप काे सौंपकर उनके मैसेज का ब्योरा मांगा है। वहीं, दिल्ली सरकार भी फेक न्यूज और भड़काऊ मैसेज के बारे में शिकायतें लेने के लिए वॉट्सएप नंबर जारी करने पर विचार कर रही है।
नई दिल्ली (मुकेश काैशिक/नीरज आर्या).दिल्ली दंगे की जांच में शक की सुई आतंकी संगठनाें की स्लीपर सेल की ओर घूम रही है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के 36 घंटे भारत में रहने के दाैरान हिंसा चरम पर थी। उनकी वापसी के तुरंत बाद हिंसा कम होने लगी। जांच एजेंसियां इसे इत्तेफाक नहीं मान रहीं। हिंसा की टाइमिंग और व्यापकता को देखते हुए यह महज दंगे का मामला नहीं माना जा रहा। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि शुरुआतीजांच में बड़ी अंतरराष्ट्रीय साजिश के संकेत मिले हैं।ऐसे में जांच एनआईए को सौंपी जाएगी।
हालांकि, गृह मंत्रालय ने इसकी पुष्टि नहीं की है। एनआईएआतंकवाद के मामलाें की जांच करती है। सूत्रों के मुताबिक,हिंसाग्रस्त इलाकों में आतंकियों की स्लीपर सेल थीं। ट्रम्प की यात्रा के दौरान इन्हें सक्रिय किया गया। गाेली लगने से 13 माैतें होना भी आतंकी साजिश का संकेत माना जा रहा है। पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया की भूमिका भी जांची जा रही है। दूसरी तरफ, दिल्ली में हालात सामान्य हाे रहे हैं। धारा 144 में शनिवार सुबह 4 घंटे की छूट दी गई। हालांकि, स्कूल 7 मार्च तक बंद रहेंगे। दंगे में अभी तक 42 माैतें हाे चुकी हैं।
फेशियल रिकग्निशन से दंगाइयों को पहचान रही पुलिस, लिस्ट तैयार हुई
पुलिस और आईबी दंगाइयाें के घर चिह्नित कर रही हैं। फेशियल रिकग्निशन टेक्नाेलाॅजी से भी दंगाइयाें को पहचानकर सूची बनाई जा रही है। दूसरी तरफ, दंगा भड़काने के आरोप में गिरफ्तार कांग्रेस की पूर्व पार्षद इशरत जहां 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दी गई। कांग्रेस ने पुलिस पर एकतरफा जांच का आरोप लगाया है। पार्टी ने प्रदर्शनकारियाें पर गंभीर आरोप वाले सभी मामलाें की जांच के लिए सुप्रीम काेर्ट से एमिकस क्यूरेनियुक्त करने की मांग की है।
हिंसा के आराेपियाें काे कैम्पस में न बुलाएं: जेएनयू प्रशासन
जेएनयू के वीसी प्राे. जगदेश कुमार ने छात्राें काे निर्देश दिए हैं कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हिंसा के आरोपियों काे कैंपस में रहने के लिए न बुलाएं। कुछ छात्राें ने ऐसे लाेगाें से कैंपस में आकर रहने का खुला आह्वान किया है। वीसी ने कहा कि ये वही छात्र हैं, जो दावा करते थे कि जनवरी में बाहरी लाेगाें ने कैंपस में आकर हिंसा काे अंजाम दिया था।
जांच में बड़ी अंतरराष्ट्रीय साजिश के संकेत
साजिश : कई जगह एकसाथ हिंसा भड़की, दंगाइयों ने गोली चलाईं
50 नंबराें की जांच से पता चला कि 30 से 40 वॉट्सऐप ग्रुपाें से भड़काऊ मैसेज भेजे गए। दंगाइयों ने 32 और 9 एमएम की पिस्टल इस्तेमाल की। कई जगह दोपहर 2-3 बजे के बीच एक साथ हिंसा हुई।
जांच : केस बढ़ रहे, एनआईए के विशेषज्ञों से जांच जरूरी
पुलिस अभी एफआईआर दर्ज करने में जुटी है। 163 केस दर्ज हुए हैं। पुलिस को 550 से ज्यादा शिकायतें मिली हैं। यानी केस और बढ़ेंगे। सबकी जांच के लिए एनआईए की विशेषज्ञता जरूरी है।
दायरा : एनआईए जांच करेगी कि बाहर से कौन-कौन आया
एनआईए की जांच का दायरा दिल्ली से बाहर जाएगा। एजेंसी पता लगा पाएगी कि दंगों में इस्तेमाल हथियार कहां से आए थे। साथ ही कौन-कौन से बाहरी तत्व इसमें शामिल थे।
वॉट्सऐप से 100 संदिग्ध नंबरों का ब्योरा मांगा
दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने 100 से अधिक संदिग्ध मोबाइल नंबर वॉट्सऐप काे सौंपकर उनके मैसेज का ब्योरा मांगा है। वहीं, दिल्ली सरकार भी फेक न्यूज और भड़काऊ मैसेज के बारे में शिकायतें लेने के लिए वॉट्सएप नंबर जारी करने पर विचार कर रही है।
साउथ कैरोलिना. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने शनिवार को साउथ कैरोलिना में रैली को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की। उन्होंने कहा- वे एकशानदार इंसान हैं, देश के लोग उन्हें बहुत प्यार करते हैं। रैली मेंट्रम्प ने भारत यात्रा और इस दौरान हुए अनुभवों को भी साझा किया। 24 फरवरी को मोटेरा स्टेडियम में ‘नमस्ते ट्रम्प’ के दौरान ट्रम्प ने 2.30 मिनट मोदी की तारीफ की थी।
ट्रम्प ने कहा- पिछले हफ्ते अहमदाबाद के मोटेरा स्टेडियम में सवा लाख लोगों कोसंबोधित करने के बाद अब मैं कभी भी जनसमूहको लेकर इतना उत्साहित नहीं हो पाऊंगा, जितना वहां था। मैं आपको बताना चाहता हूं कि वह सबकुछ कमाल का था।
वहां 15 लाख लोग मौजूद थे: ट्रम्प
उन्होंने कहा-सामान्य रूपमैं अपनेसमर्थकोंको लेकर बात करना पसंद करता हूं, क्योंकि मुझे ऐसाजनसमूहमिलताहै,जो किसी को नहीं मिलता। अभी मैं जहां से लौटा हूं,वहां 140, 50 या 60 हजार लोग थे। अब मैं यहां आया हूं। आप खुद सोचिए कि वहां15 लाख लोग थे। हमारे पास 350 हैं। हम भी अच्छा ही कर रहे हैं।
वहां के लोग आपसे प्यार करते हैं: ट्रम्प
ट्रम्प ने कहा- मैं यहां जुटे लोगों को प्यार करता हूं। मैं उस जनसमूहको भी प्यार करता हूं। आपको कह सकता हूं कि उनके पास बहुत प्यार है। उनके पास बड़े नेता हैं। उनके पास इस देश के लोगों के लिए बेहद प्यार है। वह एक यादगार दौरा था।
मोटेरा स्टेडियम में हुआ था ट्रम्प का स्वागत
ट्रम्प के साथ भारत दौरे पर पत्नी मेलानिया और बेटी इवांका भी आए थे। 36 घंटे की भारत यात्रा के दौरान ट्रम्प परिवार ने अहमदाबाद, आगरा के साथ दिल्ली मेंकार्यक्रमों में हिस्सा लिया। ट्रम्प के सम्मान में अहमदाबाद के मोटेरा स्टेडियम में ‘नमस्ते ट्रम्प’ कार्यक्रम हुआथा।
साउथ कैरोलिना. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने शनिवार को साउथ कैरोलिना में रैली को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की। उन्होंने कहा- वे एकशानदार इंसान हैं, देश के लोग उन्हें बहुत प्यार करते हैं। रैली मेंट्रम्प ने भारत यात्रा और इस दौरान हुए अनुभवों को भी साझा किया। 24 फरवरी को मोटेरा स्टेडियम में ‘नमस्ते ट्रम्प’ के दौरान ट्रम्प ने 2.30 मिनट मोदी की तारीफ की थी।
ट्रम्प ने कहा- पिछले हफ्ते अहमदाबाद के मोटेरा स्टेडियम में सवा लाख लोगों कोसंबोधित करने के बाद अब मैं कभी भी जनसमूहको लेकर इतना उत्साहित नहीं हो पाऊंगा, जितना वहां था। मैं आपको बताना चाहता हूं कि वह सबकुछ कमाल का था।
वहां 15 लाख लोग मौजूद थे: ट्रम्प
उन्होंने कहा-सामान्य रूपमैं अपनेसमर्थकोंको लेकर बात करना पसंद करता हूं, क्योंकि मुझे ऐसाजनसमूहमिलताहै,जो किसी को नहीं मिलता। अभी मैं जहां से लौटा हूं,वहां 140, 50 या 60 हजार लोग थे। अब मैं यहां आया हूं। आप खुद सोचिए कि वहां15 लाख लोग थे। हमारे पास 350 हैं। हम भी अच्छा ही कर रहे हैं।
वहां के लोग आपसे प्यार करते हैं: ट्रम्प
ट्रम्प ने कहा- मैं यहां जुटे लोगों को प्यार करता हूं। मैं उस जनसमूहको भी प्यार करता हूं। आपको कह सकता हूं कि उनके पास बहुत प्यार है। उनके पास बड़े नेता हैं। उनके पास इस देश के लोगों के लिए बेहद प्यार है। वह एक यादगार दौरा था।
मोटेरा स्टेडियम में हुआ था ट्रम्प का स्वागत
ट्रम्प के साथ भारत दौरे पर पत्नी मेलानिया और बेटी इवांका भी आए थे। 36 घंटे की भारत यात्रा के दौरान ट्रम्प परिवार ने अहमदाबाद, आगरा के साथ दिल्ली मेंकार्यक्रमों में हिस्सा लिया। ट्रम्प के सम्मान में अहमदाबाद के मोटेरा स्टेडियम में ‘नमस्ते ट्रम्प’ कार्यक्रम हुआथा।
साउथ कैरोलिना. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने शनिवार को साउथ कैरोलिना में रैली को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की। उन्होंने कहा- वे एकशानदार इंसान हैं, देश के लोग उन्हें बहुत प्यार करते हैं। रैली मेंट्रम्प ने भारत यात्रा और इस दौरान हुए अनुभवों को भी साझा किया। 24 फरवरी को मोटेरा स्टेडियम में ‘नमस्ते ट्रम्प’ के दौरान ट्रम्प ने 2.30 मिनट मोदी की तारीफ की थी।
ट्रम्प ने कहा- पिछले हफ्ते अहमदाबाद के मोटेरा स्टेडियम में सवा लाख लोगों कोसंबोधित करने के बाद अब मैं कभी भी जनसमूहको लेकर इतना उत्साहित नहीं हो पाऊंगा, जितना वहां था। मैं आपको बताना चाहता हूं कि वह सबकुछ कमाल का था।
वहां 15 लाख लोग मौजूद थे: ट्रम्प
उन्होंने कहा-सामान्य रूपमैं अपनेसमर्थकोंको लेकर बात करना पसंद करता हूं, क्योंकि मुझे ऐसाजनसमूहमिलताहै,जो किसी को नहीं मिलता। अभी मैं जहां से लौटा हूं,वहां 140, 50 या 60 हजार लोग थे। अब मैं यहां आया हूं। आप खुद सोचिए कि वहां15 लाख लोग थे। हमारे पास 350 हैं। हम भी अच्छा ही कर रहे हैं।
वहां के लोग आपसे प्यार करते हैं: ट्रम्प
ट्रम्प ने कहा- मैं यहां जुटे लोगों को प्यार करता हूं। मैं उस जनसमूहको भी प्यार करता हूं। आपको कह सकता हूं कि उनके पास बहुत प्यार है। उनके पास बड़े नेता हैं। उनके पास इस देश के लोगों के लिए बेहद प्यार है। वह एक यादगार दौरा था।
मोटेरा स्टेडियम में हुआ था ट्रम्प का स्वागत
ट्रम्प के साथ भारत दौरे पर पत्नी मेलानिया और बेटी इवांका भी आए थे। 36 घंटे की भारत यात्रा के दौरान ट्रम्प परिवार ने अहमदाबाद, आगरा के साथ दिल्ली मेंकार्यक्रमों में हिस्सा लिया। ट्रम्प के सम्मान में अहमदाबाद के मोटेरा स्टेडियम में ‘नमस्ते ट्रम्प’ कार्यक्रम हुआथा।
अहमदाबाद (संकेत ठाकर ).गुजरात में अहमदाबाद के जासपुर में 1000 करोड़ रु. की लागत से उमिया माताजी का विश्व का सबसे ऊंचा मंदिर बनने जा रहा है। मंदिर 100 बीघा में बनेगा। यह 431 फीट ऊंचा होगा। मंदिर निर्माण के लिए शनिवार को दो दिवसीय शिलान्यास कार्यक्रमपूरा हुआ।मंदिर निर्माण के लिए सिर्फ 110 मिनट में 136 करोड़ रुपए श्रद्धालुओं ने दान दे दिए। दिलचस्प बात यह है कि अंतिम 17 मिनट में 40 करोड़ रुपए आए।
दरअसल,मंदिर के दो दिवसीय शिलान्यास कार्यक्रम में विश्व उमिया फाउंडेशन ने 125 करोड़ रुपए का आर्थिक सहयोग जुटाने का लक्ष्य तय किया था। शनिवार को जब समारोह का समापन हो रहा था, तब पता चला कि 40 करोड़ रुपए कम पड़ रहे हैं। तभी मुख्य संयोजक आरपी पटेल ने मंच से कहा- ‘‘40 करोड़ रुपए की व्यवस्था कम पड़ रही है।’’ इसके बाद देखते ही देखते 17 मिनट में ही 40 करोड़ रुपए का चंदा आ गया।
अहमदाबाद (संकेत ठाकर ).गुजरात में अहमदाबाद के जासपुर में 1000 करोड़ रु. की लागत से उमिया माताजी का विश्व का सबसे ऊंचा मंदिर बनने जा रहा है। मंदिर 100 बीघा में बनेगा। यह 431 फीट ऊंचा होगा। मंदिर निर्माण के लिए शनिवार को दो दिवसीय शिलान्यास कार्यक्रमपूरा हुआ।मंदिर निर्माण के लिए सिर्फ 110 मिनट में 136 करोड़ रुपए श्रद्धालुओं ने दान दे दिए। दिलचस्प बात यह है कि अंतिम 17 मिनट में 40 करोड़ रुपए आए।
दरअसल,मंदिर के दो दिवसीय शिलान्यास कार्यक्रम में विश्व उमिया फाउंडेशन ने 125 करोड़ रुपए का आर्थिक सहयोग जुटाने का लक्ष्य तय किया था। शनिवार को जब समारोह का समापन हो रहा था, तब पता चला कि 40 करोड़ रुपए कम पड़ रहे हैं। तभी मुख्य संयोजक आरपी पटेल ने मंच से कहा- ‘‘40 करोड़ रुपए की व्यवस्था कम पड़ रही है।’’ इसके बाद देखते ही देखते 17 मिनट में ही 40 करोड़ रुपए का चंदा आ गया।
from Dainik Bhaskar /gujarat/news/136-crores-help-in-110-minutes-40-crores-if-it-falls-short-gather-in-17-minutes-as-soon-as-the-announcement-is-made-126873005.html
नई दिल्ली (धर्मेन्द्र सिंह भदौरिया).टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी (ट्राई) की रिपोर्ट के अनुसार 31 दिसंबर 2019 तक देश में मोबाइल ग्राहकों (सब्सक्राइबर) की संख्या में 31.5 लाख की कमी आई है। रिपोर्ट के मुताबिक 31 दिसंबर तक देश में कुल मोबाइल यूजर्स की संख्या 115.14 करोड़ रही जबकि टेलीफोन यूजर्स की संख्या 2.1 करोड़ थी। जहां शहरों में मोबाइल ग्राहकों की संख्या में कमी आई है वहीं गांवों में यह संख्या बढ़ी है।
शहरों में मोबाइल यूजर 33.6 लाख कम होकर 64.397 करोड़ रहे। जबकि गांवों में यूजर्स की संख्या 50.746 करोड़ रही, इसमें 2.1 लाख ग्राहक जुड़े। सर्वाधिक 36.44 लाख उपभोक्ता वोडाफोन-आइडिया के कम हुए हैं। इस संबंध में कंपनी प्रवक्ता ने बताया कि ग्राहक संख्या कम होने का मुख्य कारण हमारा एक्टिव सब्सक्राइबर काउंटिंग का तरीका बदलना था। हमने ग्राहक के सक्रिय रहने के 120 दिन के नियम को 90 दिन कर दिया।
मोबाइल विशेषज्ञ और टेकआर्क के फाउंडर एंड चीफ एनालिस्ट फैसल कौसा ने कहा कि संख्या कम होने के पीछे प्लान महंगे होना है। कई सरकारी अनिवार्यताओं के कारण भी लोग एक ही सिम रखना पसंद कर रहे हैं। कंपनियों ने दिसंबर अंत में सेवाओं के दाम बढ़ाए हैं, एेसे में ट्राई की जनवरी माह की रिपोर्ट में संख्या और कम हो सकती है।
सीओएआई के डायरेक्टर जनरल राजन एस. मैथ्यूस ने कहा कि ग्राहकों की संख्या में गिरावट के वैश्विक और घरेलू कई कारण हैं। जैसे सब्सक्राइबर्स के पास कई सिम थीं और अब वह एक मोबाइल नंबर की ओर लौट रहा है।मैथ्यूस ने कहा कि साथ ही जो नंबर प्रयोग में नहीं आते हैं उनको हटाना। जैसे कुछ वर्ष पहले कंपनी ने मिनिमम रिचार्ज प्लान बाजार में उतारे थे ऐसे में सस्ते पैक चाहने वाले ग्राहकों के द्वारा भी मोबाइल का प्रयोग बंद किया गया है।
मध्यप्रदेश में ग्राहक बढ़े, बिहार में घटे
देश में 31 दिसंबर तक मोबाइल यूजर्स की कुल संख्या 115.14 करोड़ रही इनमें से 98.26 करोड़ ग्राहक सक्रिय थे।
नवंबर से दिसंबर 2019 की तुलना में जम्मू-कश्मीर (4.91 लाख), मप्र (2.33 लाख) और उप्र-पूर्व 1.49 लाख में ग्राहक सबसे ज्यादा बढ़े। वहीं उप्र-पश्चिम (6.78 लाख), बिहार (4.31 लाख) और प. बंगाल (3.02 लाख) में सर्वाधिक घटेे।
दिसंबर में 34.6 लाख ग्राहकों ने मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी के लिए आवेदन किया। कुल एमएनपी की संख्या नवंबर-19 मेंे 46.66 करोड़ से बढ़कर 47.01 करोड़ हो गई।
from Dainik Bhaskar /national/news/due-to-the-tariff-being-expensive-we-moved-towards-single-sim-voda-idea-customers-decreased-by-36-million-126878659.html
अहमदाबाद (संकेत ठाकर ).गुजरात में अहमदाबाद के जासपुर में 1000 करोड़ रु. की लागत से उमिया माताजी का विश्व का सबसे ऊंचा मंदिर बनने जा रहा है। मंदिर 100 बीघा में बनेगा। यह 431 फीट ऊंचा होगा। मंदिर निर्माण के लिए शनिवार को दो दिवसीय शिलान्यास कार्यक्रमपूरा हुआ।मंदिर निर्माण के लिए सिर्फ 110 मिनट में 136 करोड़ रुपए श्रद्धालुओं ने दान दे दिए। दिलचस्प बात यह है कि अंतिम 17 मिनट में 40 करोड़ रुपए आए।
दरअसल,मंदिर के दो दिवसीय शिलान्यास कार्यक्रम में विश्व उमिया फाउंडेशन ने 125 करोड़ रुपए का आर्थिक सहयोग जुटाने का लक्ष्य तय किया था। शनिवार को जब समारोह का समापन हो रहा था, तब पता चला कि 40 करोड़ रुपए कम पड़ रहे हैं। तभी मुख्य संयोजक आरपी पटेल ने मंच से कहा- ‘‘40 करोड़ रुपए की व्यवस्था कम पड़ रही है।’’ इसके बाद देखते ही देखते 17 मिनट में ही 40 करोड़ रुपए का चंदा आ गया।
from Dainik Bhaskar /gujarat/news/136-crores-help-in-110-minutes-40-crores-if-it-falls-short-gather-in-17-minutes-as-soon-as-the-announcement-is-made-126873005.html
नई दिल्ली (धर्मेन्द्र सिंह भदौरिया).टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी (ट्राई) की रिपोर्ट के अनुसार 31 दिसंबर 2019 तक देश में मोबाइल ग्राहकों (सब्सक्राइबर) की संख्या में 31.5 लाख की कमी आई है। रिपोर्ट के मुताबिक 31 दिसंबर तक देश में कुल मोबाइल यूजर्स की संख्या 115.14 करोड़ रही जबकि टेलीफोन यूजर्स की संख्या 2.1 करोड़ थी। जहां शहरों में मोबाइल ग्राहकों की संख्या में कमी आई है वहीं गांवों में यह संख्या बढ़ी है।
शहरों में मोबाइल यूजर 33.6 लाख कम होकर 64.397 करोड़ रहे। जबकि गांवों में यूजर्स की संख्या 50.746 करोड़ रही, इसमें 2.1 लाख ग्राहक जुड़े। सर्वाधिक 36.44 लाख उपभोक्ता वोडाफोन-आइडिया के कम हुए हैं। इस संबंध में कंपनी प्रवक्ता ने बताया कि ग्राहक संख्या कम होने का मुख्य कारण हमारा एक्टिव सब्सक्राइबर काउंटिंग का तरीका बदलना था। हमने ग्राहक के सक्रिय रहने के 120 दिन के नियम को 90 दिन कर दिया।
मोबाइल विशेषज्ञ और टेकआर्क के फाउंडर एंड चीफ एनालिस्ट फैसल कौसा ने कहा कि संख्या कम होने के पीछे प्लान महंगे होना है। कई सरकारी अनिवार्यताओं के कारण भी लोग एक ही सिम रखना पसंद कर रहे हैं। कंपनियों ने दिसंबर अंत में सेवाओं के दाम बढ़ाए हैं, एेसे में ट्राई की जनवरी माह की रिपोर्ट में संख्या और कम हो सकती है।
सीओएआई के डायरेक्टर जनरल राजन एस. मैथ्यूस ने कहा कि ग्राहकों की संख्या में गिरावट के वैश्विक और घरेलू कई कारण हैं। जैसे सब्सक्राइबर्स के पास कई सिम थीं और अब वह एक मोबाइल नंबर की ओर लौट रहा है।मैथ्यूस ने कहा कि साथ ही जो नंबर प्रयोग में नहीं आते हैं उनको हटाना। जैसे कुछ वर्ष पहले कंपनी ने मिनिमम रिचार्ज प्लान बाजार में उतारे थे ऐसे में सस्ते पैक चाहने वाले ग्राहकों के द्वारा भी मोबाइल का प्रयोग बंद किया गया है।
मध्यप्रदेश में ग्राहक बढ़े, बिहार में घटे
देश में 31 दिसंबर तक मोबाइल यूजर्स की कुल संख्या 115.14 करोड़ रही इनमें से 98.26 करोड़ ग्राहक सक्रिय थे।
नवंबर से दिसंबर 2019 की तुलना में जम्मू-कश्मीर (4.91 लाख), मप्र (2.33 लाख) और उप्र-पूर्व 1.49 लाख में ग्राहक सबसे ज्यादा बढ़े। वहीं उप्र-पश्चिम (6.78 लाख), बिहार (4.31 लाख) और प. बंगाल (3.02 लाख) में सर्वाधिक घटेे।
दिसंबर में 34.6 लाख ग्राहकों ने मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी के लिए आवेदन किया। कुल एमएनपी की संख्या नवंबर-19 मेंे 46.66 करोड़ से बढ़कर 47.01 करोड़ हो गई।
from Dainik Bhaskar /national/news/due-to-the-tariff-being-expensive-we-moved-towards-single-sim-voda-idea-customers-decreased-by-36-million-126878659.html
लक्जमबर्ग. यूरोप का सातवां सबसे छोटा देश लक्जमबर्ग शनिवार से सार्वजनिक परिवहन मुफ्त कर दिया गया है। ऐसा करने वाला यह दुनिया का पहला देश बन गया। सड़क पर ट्रैफिक का दबाव कम करने और गरीब श्रमिकों की मदद के लिए यह प्रयोग किया गया है। इसके तहत ट्राम, ट्रेन और बस का इस्तेमाल बढ़ाया जाएगा। यहां हर शनिवार को बस, ट्रेन और ट्राम में पहले से मुफ्त यात्रा का नियम था, लेकिन अब यह सप्ताह के सातों दिन मुफ्त रहेगा। इस कदम से जर्मनी, बेल्जियम और फ्रांस से आने वाले सैलानियों को भी फायदा मिलेगा। पहले 2 घंटे से ज्यादा की यात्रा के लिए लोगों को महज 160 रु. किराया देना पड़ता था।
दरअसल, साल 2018 के आखिर में जेवियर बेटल ने लक्जमबर्ग के प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ लेने के बाद इसका ऐलाना किया था। यह उनका चुनावी वादा था कि वो पब्लिक ट्रांसपोर्ट को मुफ्त करेंगे। इस फैसले से देश के करीब छह लाख नागरिकों, 1,75,000 सीमा-पार के मजदूरों और यहां आने वाले 12 लाख सैलानियों को फायदा होगा।
पर्यावरण और सामाजिक स्तर सुधारना मुख्य मकसद
सार्वजनिक परिवहन को मुफ्त करने के पीछे सड़कों पर भीड़भाड़ और वाहनों की संख्या कम करना है। इससे पर्यावरण की दशा भी सुधारेगी। इसके अलावा इसका मकसद अमीरों और गरीबों के बीच बढ़ती खाई को भी पाटना भी है। दरअसल, यूरोपीय संघ के सभी देशों के मुकाबले यहां प्रति व्यक्ति कारों की संख्या सबसे ज्यादा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, लक्जमबर्ग में 60 फीसदी से अधिक लोग दफ्तर जाने के लिए अपनी कार का उपयोग करते हैं। सिर्फ 19 फीसदी लोग ही सार्वजनिक परिवहन के साधनों का इस्तेमाल करते हैं।
खेल डेस्क. अमेरिका के नॉर्थ कैरोलिना में एक हाई स्कूल की लड़की ने अपने पुरुष प्रतिद्वंद्वियों को हराकर स्टेट रेसलिंग चैम्पियनशिप जीत ली। 16 साल की हेवन फिच स्टेट रेसलिंग चैम्पियनशिप में इंडिविजुअल टाइटल जीतने वाली पहली महिला बन गई हैं। नॉर्थ कैरोलिना हाई स्कूल एथलेटिक एसोसिएशन के डिविजन टूर्नामेंट में उन्हें मोस्ट आउटस्टेंडिंग रेसलर का अवॉर्ड भी मिला। हेवन ने 48 किग्रा वेट कैटेगरी के फाइनल में रॉबिंसविले हाई स्कूल के ल्यूक विल्सन को 11-3 से हराया।
उनकी वेट कैटेगरी में 8 खिलाड़ी थे, जिसमें वे इकलौती महिला रेसलर थीं। उन्होंने इस सीजन में 58 मुकाबले लड़े। इसमें से 54 जीते। हेवन पिछले साल इस टूर्नामेंट में अपनी कैटेगरी में चौथे नंबर पर रहीं थीं। हेवन के तीन भाई हैं। वे भी रेसलिंग करते हैं। हेवन कहती हैं, ‘मैं भाइयों को देखकर इस खेल में आई। वे नहीं चाहते थे कि मैं कुश्ती करूं क्याेंकि वे मुझे चोट लगते हुए नहीं देख सकते। यह खेल मुझे बहुत पसंद है।’
लखनऊ. सीएए के खिलाफ दिल्ली के शाहीन बाग में दो महीने से ज्यादा समय से धरना जारी है। इसी की तर्ज पर यूपी के 7 शहरों में भी प्रदर्शन हो रहे हैं। लखनऊ के घंटाघर पर चल रहे प्रदर्शन में इन दिनों परीक्षाओं की वजह से भीड़ कम हुई है। लेकिन, प्रदर्शन की सबसे दर्दनाक तस्वीर भी यहीं से सामने आई है। यहां प्रदर्शन में बैठी लड़की बारिश में भीगकर बीमार हुई और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। कानपुर में धरने पर बैठी महिलाओं को पुलिस ने हटाया तो उन्होंने सड़क पर कब्जा कर लिया। मजबूर होकर प्रशासन को पार्क में धरना देने की अनुमति देनी पड़ी। अलीगढ़ में चल रहे प्रदर्शन के दौरान माहौल बिगड़ा तो वहां इंटरनेट बंद करना पड़ा था। मुरादाबाद में चल रहे प्रदर्शन के दौरान हुए हंगामे के बाद प्रशासन ने धरने में शामिल शायर इमरान प्रतापगढ़ी को 1 करोड़ 4 लाख रु. का नोटिस दिया। सहारनपुर में शांतिपूर्ण प्रदर्शन चल रहा है तो प्रयागराज में धरनास्थल पर बारिश का पानी भरने के बाद भी महिलाएं हटी नहीं। आजमगढ़ के बिलिरियागंज कस्बे में धरने पर बैठी महिलाओं को पुलिस ने लाठी मारकर भगा दिया। इन महिलाओं से मिलने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी भी पहुंची थीं। पढ़िए यूपी के 7 शहरों से ग्राउंड रिपोर्ट...
#लखनऊ: महिलाओं ने बनाया सांकेतिक डिटेंशन सेंटर
लखनऊ के घंटाघर पर 17 जनवरी से प्रदर्शन जारी है। हम यहां शाम 5 बजे के आसपास पहुंचे। 43 दिन से चल रहे धरने में महिलाओं की संख्या आम दिनों से काफी कम नजर आ रही है। महिलाओं ने बताया- इस समय बच्चों की परीक्षा चल रही है, इस वजह से महिलाएं थोड़ा व्यस्त हो गई हैं। यहां महिलाओं ने सांकेतिक डिटेंशन सेंटर भी बनाया है। बगल में भारत के नक्शे का बड़ा कटआउट भी लगा है। कुछ महिलाएं रंगोली तो कुछ चार्ट पेपर पर नए-नए स्लोगन्स लिख रही हैं। फखरुद्दीन की बेटी तैय्यबा बीए की छात्रा थी। वह भी घंटाघर पर अन्य महिलाओं के साथ धरने पर बैठी थी। ठंड में हुई बारिश में भीगने से उसकी तबियत बिगड़ गई। पिछले रविवार को उसकी उपचार के दौरान मौत हो गई। फखरुद्दीन बेटी को वकील बनाना चाहते थे। फखरुद्दीन कहते हैं- तैय्यबा कहती थी "पापा मैं आपका ख्वाब पूरा करूंगी" मेरी बेटी मेरा ख्वाब पूरा कर गई, पूरे हिंदुस्तान में उसका नाम हो गया।'' प्रदर्शन के दौरान सुर्खियोंमें आई शायर मुनव्वर राना की बेटी सुमैया कहती हैं कि यह सही है कि लखनऊ में धरना शाहीनबाग की तर्ज पर शुरू हुआ था। लेकिन, शाहीनबाग अगर किसी बीच के रास्ते पर उठ जाता है तो हम तब भी नहीं उठेंगे। हम तब तक बैठेंगे जब तक सीएए, एनआरसी और एनपीआर की वापसी नहीं हो जाती है। प्रशासन ने महिलाओं के प्रदर्शन से जुड़ी 4 एफआईआर की है, जिसमें 298 लोगों को आरोपी बनाया गया है।
#कानपुर: विरोध के आगे झुका प्रशासन, पार्क में धरना देने की इजाजत दी
कानपुर के मोहम्मद अली पार्क में सीएए के खिलाफ धरने पर बैठी महिलाओं का कहना है कि दिल्ली में जिन्होंने भी दंगा किया,वह हिंदुस्तानी नहीं हो सकते हैं। महिलाओं का कहना है कि सीएए के विरोध की आड़ में दंगा करने वाले साजिशकर्ता हैं, जो देशभर में तमाम जगह शांति से बिल का विरोध करने बैठे लोगों को बदनाम करना चाहते हैं। 53 दिन से कानपुर के मोहम्मद अली पार्क में धरना दे रही महिलाओं की संख्या और उनके हौसलों में कोई कमी नहीं आई है। 9 फरवरी को पुलिस ने महिलाओं को पार्क से खदेड़ा तो महिलाएं चमनगंज सड़क रोककरबैठ गईं। मुख्य सड़क बंद होने से स्कूल, दुकानें और यातायात पूरी तरह ठप हुआ। पुलिस को मजबूरन पार्क में धरना देने की अनुमति देनी पड़ी। पुलिस ने 7 फरवरी को 80 लोगों को नोटिस जारी किया था जबकि 200 लोगों पर शांतिभंग की कार्रवाई की है।
#अलीगढ़: हिंसा की चपेट में आया धरना, इंटरनेट बंद करना पड़ा
ईदगाह पर महिलाओं का धरना चल रहा है। बीते रविवार को महिलाओं ने ईदगाह से 1 किमी दूर कोतवाली के सामने धरना शुरू करने के लिए रास्ता बंद कर दिया, जिस पर पुलिस ने आपत्ति जताई। हालत बेकाबू होने लगे तो शहर काजी ने आकर मामला संभालना चाहा,लेकिन उसी बीच भीड़ से किसी ने पत्थरबाजी शुरू कर दी, जिससे हालात बिगड़ गए। युवक को गोली लगी, पुलिस की गाड़ियों में आग लगाई गई, कई पुलिसवाले घायल हुए। प्रशासन को इंटरनेट भी बंद करना पड़ा। अलीगढ़ में ईदगाह से तकरीबन 5 किमी दूर अलग-अलग दिशाओं में दो धरने और चल रहे हैं, जिनमेंस्थानीय महिलाएं लगातार हिस्सा ले रहीहैं। इस धरना प्रदर्शन को लेकर पुलिस की तरफ से अब तक 6 एफआईआर की जा चुकी है, जिसमें 1000 से ज्यादा लोगों को आरोपी बनाया गया है।
#मुरादाबाद: धरने में शामिल हुए इमरान प्रतापगढ़ी तो 1 करोड़ 4 लाख रु. का नोटिस
29 जनवरी से ईदगाह मैदान पर धरना शुरू हुआ। खास बात यह है कि यहां तम्बू-कनात लगे हुए हैं, ओढ़ने-बिछाने के बिस्तरों का भी पूरा प्रबंध है। जबकि, लखनऊ की प्रदर्शनकारी महिलाएं इन व्यवस्थाओं के लिए संघर्ष कर रही हैं। मुरादाबाद में पुरुष भी धरने में शामिल हैं। उनके बैठने के लिए अलग व्यवस्था है। हर शुक्रवार को महिलाएं वहां पहुंचकर अपना विरोध दर्ज कराती हैं। मुरादाबाद से कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़े शायर इमरान प्रतापगढ़ी भी धरने में शामिल हुए थे। अब प्रशासन ने उन्हें नोटिस भेजकर 1 करोड़ 4 लाख रुपए के जुर्मानेका नोटिस भेजा है। यहां बैठी महिलाओं का कहना है- हम शाहीन बाग की तर्ज पर प्रदर्शन जरूर कर रहे हैं, लेकिन उनका हर फैसला मंजूर नहीं करेंगे। वह भले ही सीएए हटने से पहले उठ जाएं, लेकिन हम नहीं उठेंगे।
#सहारनपुर: 34 दिन में कोई पुलिसिया कार्रवाई नहीं हुई
34 दिन पहले जमियत उलेमा-ए-हिन्द ने देवबंद के ईदगाह पर धरना शुरू किया था। बाद में धरने की कमान पुरुषों की जगह महिलाओं ने संभाल ली। अब यहां मुत्तहिदा ख्वातीन कमेटी का बैनर लगा हुआ है और उसी के अंतर्गत सारा धरना जारी है। धरने में शामिल फरहीन जहां कहती हैं कि धर्म के आधार पर नागरिकता देना और धर्म के आधार पर नागरिकता न देना संविधान की हत्या जैसा है। इसे वापस लिया जाना ही चाहिए। अदीबा कहती हैं कि दिल्ली की हिंसा अफसोसजनक है। सदियों से भारत में हिन्दू-मुस्लिम भाई-भाई की तरह रहे हैं। ईद-होली साथ मनाई है। दिल्ली में हिंसा साजिश है। खास बात यह है कि सहारनपुर में चल रहे धरना-प्रदर्शन में अभी तक कोई पुलिसिया कार्रवाई नहीं हुई है।
#प्रयागराज: मंसूर अली पार्क की सीसीटीवी से हो रही निगरानी
प्रयागराज के मंसूर अली पार्क में 14 जनवरी से शुरू हुआ धरना आज भी जारी है। 18 जनवरी और 16 फरवरी को पुलिस महिलाओं को उठाने पहुंची, लेकिन उनके विरोध के कारण पुलिस को वापस लौटना पड़ा। बारिश का पानी पार्क में भरा, लेकिन महिलाओं ने हार नहीं मानी और धरने पर डटी रहीं। अब आन्दोलनरत महिलाओं ने आशंका के चलते पार्क के चारोंओर सीसीटीवी कैमरे लगवा दिए हैं। धरने में शामिल महिलाओं को आशंका है कि आंदोलन खत्म करने के लिए अराजकतत्व माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर सकते हैं। ऐसे लोगों पर नजर रखने के लिए एक दर्जन से अधिक कैमरे पार्क के प्रमुख स्थानों पर लगाए गए हैं।
#आजमगढ़: 12 घंटे ही चला धरना, पुलिस ने लाठीचार्ज कर महिलाओं को भगाया
आजमगढ़ के बिलिरियागंज कसबे में 4 फरवरी को महिलाएं सीएए के खिलाफ लामबंद हुईं। लेकिन,रात दो बजे पुलिस ने धरनास्थल जौहर अली पार्क में बैठी महिलाओं को लाठीचार्ज कर खदेड़ दिया। पुलिस पर आरोप है कि लाठीचार्ज महिलाओं के ऊपर किया गया। तनाव बढ़ता देख इस मामले में पुलिस ने एक धर्मगुरु समेत 1 दर्जन लोगों को हिरासत में लिया। मामले की जानकारी हुई तो 12 फरवरी को पीड़ित महिलाओं से मिलने के लिए प्रियंका गांधी भी पहुंच गईं। उन्होंने कहा- आप सभी के साथ गलत किया गया है। हमें इस अन्याय के खिलाफ खड़ा होना होगा। यह सरकार पूरी तरह से गरीबों के खिलाफ है। जिन लोगों पर अत्याचार हुआ है और जो लोग जेल में बंद हैं उनको न्याय दिलाने की कोशिश हर संभव की जाएगी। आजमगढ़ में अब धरना नहीं हो रहा है।
लखनऊ. सीएए के खिलाफ दिल्ली के शाहीन बाग में दो महीने से ज्यादा समय से धरना जारी है। इसी की तर्ज पर यूपी के 7 शहरों में भी प्रदर्शन हो रहे हैं। लखनऊ के घंटाघर पर चल रहे प्रदर्शन में इन दिनों परीक्षाओं की वजह से भीड़ कम हुई है। लेकिन, प्रदर्शन की सबसे दर्दनाक तस्वीर भी यहीं से सामने आई है। यहां प्रदर्शन में बैठी लड़की बारिश में भीगकर बीमार हुई और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। कानपुर में धरने पर बैठी महिलाओं को पुलिस ने हटाया तो उन्होंने सड़क पर कब्जा कर लिया। मजबूर होकर प्रशासन को पार्क में धरना देने की अनुमति देनी पड़ी। अलीगढ़ में चल रहे प्रदर्शन के दौरान माहौल बिगड़ा तो वहां इंटरनेट बंद करना पड़ा था। मुरादाबाद में चल रहे प्रदर्शन के दौरान हुए हंगामे के बाद प्रशासन ने धरने में शामिल शायर इमरान प्रतापगढ़ी को 1 करोड़ 4 लाख रु. का नोटिस दिया। सहारनपुर में शांतिपूर्ण प्रदर्शन चल रहा है तो प्रयागराज में धरनास्थल पर बारिश का पानी भरने के बाद भी महिलाएं हटी नहीं। आजमगढ़ के बिलिरियागंज कस्बे में धरने पर बैठी महिलाओं को पुलिस ने लाठी मारकर भगा दिया। इन महिलाओं से मिलने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी भी पहुंची थीं। पढ़िए यूपी के 7 शहरों से ग्राउंड रिपोर्ट...
#लखनऊ: महिलाओं ने बनाया सांकेतिक डिटेंशन सेंटर
लखनऊ के घंटाघर पर 17 जनवरी से प्रदर्शन जारी है। हम यहां शाम 5 बजे के आसपास पहुंचे। 43 दिन से चल रहे धरने में महिलाओं की संख्या आम दिनों से काफी कम नजर आ रही है। महिलाओं ने बताया- इस समय बच्चों की परीक्षा चल रही है, इस वजह से महिलाएं थोड़ा व्यस्त हो गई हैं। यहां महिलाओं ने सांकेतिक डिटेंशन सेंटर भी बनाया है। बगल में भारत के नक्शे का बड़ा कटआउट भी लगा है। कुछ महिलाएं रंगोली तो कुछ चार्ट पेपर पर नए-नए स्लोगन्स लिख रही हैं। फखरुद्दीन की बेटी तैय्यबा बीए की छात्रा थी। वह भी घंटाघर पर अन्य महिलाओं के साथ धरने पर बैठी थी। ठंड में हुई बारिश में भीगने से उसकी तबियत बिगड़ गई। पिछले रविवार को उसकी उपचार के दौरान मौत हो गई। फखरुद्दीन बेटी को वकील बनाना चाहते थे। फखरुद्दीन कहते हैं- तैय्यबा कहती थी "पापा मैं आपका ख्वाब पूरा करूंगी" मेरी बेटी मेरा ख्वाब पूरा कर गई, पूरे हिंदुस्तान में उसका नाम हो गया।'' प्रदर्शन के दौरान सुर्खियोंमें आई शायर मुनव्वर राना की बेटी सुमैया कहती हैं कि यह सही है कि लखनऊ में धरना शाहीनबाग की तर्ज पर शुरू हुआ था। लेकिन, शाहीनबाग अगर किसी बीच के रास्ते पर उठ जाता है तो हम तब भी नहीं उठेंगे। हम तब तक बैठेंगे जब तक सीएए, एनआरसी और एनपीआर की वापसी नहीं हो जाती है। प्रशासन ने महिलाओं के प्रदर्शन से जुड़ी 4 एफआईआर की है, जिसमें 298 लोगों को आरोपी बनाया गया है।
#कानपुर: विरोध के आगे झुका प्रशासन, पार्क में धरना देने की इजाजत दी
कानपुर के मोहम्मद अली पार्क में सीएए के खिलाफ धरने पर बैठी महिलाओं का कहना है कि दिल्ली में जिन्होंने भी दंगा किया,वह हिंदुस्तानी नहीं हो सकते हैं। महिलाओं का कहना है कि सीएए के विरोध की आड़ में दंगा करने वाले साजिशकर्ता हैं, जो देशभर में तमाम जगह शांति से बिल का विरोध करने बैठे लोगों को बदनाम करना चाहते हैं। 53 दिन से कानपुर के मोहम्मद अली पार्क में धरना दे रही महिलाओं की संख्या और उनके हौसलों में कोई कमी नहीं आई है। 9 फरवरी को पुलिस ने महिलाओं को पार्क से खदेड़ा तो महिलाएं चमनगंज सड़क रोककरबैठ गईं। मुख्य सड़क बंद होने से स्कूल, दुकानें और यातायात पूरी तरह ठप हुआ। पुलिस को मजबूरन पार्क में धरना देने की अनुमति देनी पड़ी। पुलिस ने 7 फरवरी को 80 लोगों को नोटिस जारी किया था जबकि 200 लोगों पर शांतिभंग की कार्रवाई की है।
#अलीगढ़: हिंसा की चपेट में आया धरना, इंटरनेट बंद करना पड़ा
ईदगाह पर महिलाओं का धरना चल रहा है। बीते रविवार को महिलाओं ने ईदगाह से 1 किमी दूर कोतवाली के सामने धरना शुरू करने के लिए रास्ता बंद कर दिया, जिस पर पुलिस ने आपत्ति जताई। हालत बेकाबू होने लगे तो शहर काजी ने आकर मामला संभालना चाहा,लेकिन उसी बीच भीड़ से किसी ने पत्थरबाजी शुरू कर दी, जिससे हालात बिगड़ गए। युवक को गोली लगी, पुलिस की गाड़ियों में आग लगाई गई, कई पुलिसवाले घायल हुए। प्रशासन को इंटरनेट भी बंद करना पड़ा। अलीगढ़ में ईदगाह से तकरीबन 5 किमी दूर अलग-अलग दिशाओं में दो धरने और चल रहे हैं, जिनमेंस्थानीय महिलाएं लगातार हिस्सा ले रहीहैं। इस धरना प्रदर्शन को लेकर पुलिस की तरफ से अब तक 6 एफआईआर की जा चुकी है, जिसमें 1000 से ज्यादा लोगों को आरोपी बनाया गया है।
#मुरादाबाद: धरने में शामिल हुए इमरान प्रतापगढ़ी तो 1 करोड़ 4 लाख रु. का नोटिस
29 जनवरी से ईदगाह मैदान पर धरना शुरू हुआ। खास बात यह है कि यहां तम्बू-कनात लगे हुए हैं, ओढ़ने-बिछाने के बिस्तरों का भी पूरा प्रबंध है। जबकि, लखनऊ की प्रदर्शनकारी महिलाएं इन व्यवस्थाओं के लिए संघर्ष कर रही हैं। मुरादाबाद में पुरुष भी धरने में शामिल हैं। उनके बैठने के लिए अलग व्यवस्था है। हर शुक्रवार को महिलाएं वहां पहुंचकर अपना विरोध दर्ज कराती हैं। मुरादाबाद से कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़े शायर इमरान प्रतापगढ़ी भी धरने में शामिल हुए थे। अब प्रशासन ने उन्हें नोटिस भेजकर 1 करोड़ 4 लाख रुपए के जुर्मानेका नोटिस भेजा है। यहां बैठी महिलाओं का कहना है- हम शाहीन बाग की तर्ज पर प्रदर्शन जरूर कर रहे हैं, लेकिन उनका हर फैसला मंजूर नहीं करेंगे। वह भले ही सीएए हटने से पहले उठ जाएं, लेकिन हम नहीं उठेंगे।
#सहारनपुर: 34 दिन में कोई पुलिसिया कार्रवाई नहीं हुई
34 दिन पहले जमियत उलेमा-ए-हिन्द ने देवबंद के ईदगाह पर धरना शुरू किया था। बाद में धरने की कमान पुरुषों की जगह महिलाओं ने संभाल ली। अब यहां मुत्तहिदा ख्वातीन कमेटी का बैनर लगा हुआ है और उसी के अंतर्गत सारा धरना जारी है। धरने में शामिल फरहीन जहां कहती हैं कि धर्म के आधार पर नागरिकता देना और धर्म के आधार पर नागरिकता न देना संविधान की हत्या जैसा है। इसे वापस लिया जाना ही चाहिए। अदीबा कहती हैं कि दिल्ली की हिंसा अफसोसजनक है। सदियों से भारत में हिन्दू-मुस्लिम भाई-भाई की तरह रहे हैं। ईद-होली साथ मनाई है। दिल्ली में हिंसा साजिश है। खास बात यह है कि सहारनपुर में चल रहे धरना-प्रदर्शन में अभी तक कोई पुलिसिया कार्रवाई नहीं हुई है।
#प्रयागराज: मंसूर अली पार्क की सीसीटीवी से हो रही निगरानी
प्रयागराज के मंसूर अली पार्क में 14 जनवरी से शुरू हुआ धरना आज भी जारी है। 18 जनवरी और 16 फरवरी को पुलिस महिलाओं को उठाने पहुंची, लेकिन उनके विरोध के कारण पुलिस को वापस लौटना पड़ा। बारिश का पानी पार्क में भरा, लेकिन महिलाओं ने हार नहीं मानी और धरने पर डटी रहीं। अब आन्दोलनरत महिलाओं ने आशंका के चलते पार्क के चारोंओर सीसीटीवी कैमरे लगवा दिए हैं। धरने में शामिल महिलाओं को आशंका है कि आंदोलन खत्म करने के लिए अराजकतत्व माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर सकते हैं। ऐसे लोगों पर नजर रखने के लिए एक दर्जन से अधिक कैमरे पार्क के प्रमुख स्थानों पर लगाए गए हैं।
#आजमगढ़: 12 घंटे ही चला धरना, पुलिस ने लाठीचार्ज कर महिलाओं को भगाया
आजमगढ़ के बिलिरियागंज कसबे में 4 फरवरी को महिलाएं सीएए के खिलाफ लामबंद हुईं। लेकिन,रात दो बजे पुलिस ने धरनास्थल जौहर अली पार्क में बैठी महिलाओं को लाठीचार्ज कर खदेड़ दिया। पुलिस पर आरोप है कि लाठीचार्ज महिलाओं के ऊपर किया गया। तनाव बढ़ता देख इस मामले में पुलिस ने एक धर्मगुरु समेत 1 दर्जन लोगों को हिरासत में लिया। मामले की जानकारी हुई तो 12 फरवरी को पीड़ित महिलाओं से मिलने के लिए प्रियंका गांधी भी पहुंच गईं। उन्होंने कहा- आप सभी के साथ गलत किया गया है। हमें इस अन्याय के खिलाफ खड़ा होना होगा। यह सरकार पूरी तरह से गरीबों के खिलाफ है। जिन लोगों पर अत्याचार हुआ है और जो लोग जेल में बंद हैं उनको न्याय दिलाने की कोशिश हर संभव की जाएगी। आजमगढ़ में अब धरना नहीं हो रहा है।
खेल डेस्क. दूसरे टेस्ट के पहले दिन भारतीय टीम खराब स्थिति में पहुंच गई है। पहला टेस्ट बुरी तरह से हारने के बाद यह मैच महत्वपूर्ण था। न्यूजीलैंड की टीम ने कोहली की टीम इंडिया को बता दिया है कि घास वाली पिच पर कैसे बल्लेबाजी और गेंदबाजी की जाती है। यह सही है कि न्यूजीलैंड की टीम घरेलू मैदान पर हमेशा अच्छा प्रदर्शन करती है। अधिकतर विदेशी टीमों को यहां परेशानी होती है। कोहली का दूसरी बार टॉस हारना भी एक बड़ा फैक्टर है। लेकिन इस तरह की चीजें हमें सीरीज शुरू होने के पहले से पता होती हैं।
किसी परिस्थिति से कैसे निकलना है। यह टीम की मानसिकता से पता चलता है। पहले दिन का खेल देखा जाए तो वेलिंगटन मेंमिली 10 विकेट की हार से हम आगे नहीं बढ़ सके हैं। इस सीरीज में बहुत कुछ दांव पर है। लेकिन हम व्यक्तिगत और सामूहिक दोनों में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सके। तेज पिचों पर हमेशा बल्लेबाजी करना कठिन होता है। इस कारण अतिरिक्त बल्लेबाज को जगह दी गई। लेकिन यह काम नहीं आया।
कोहली अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सके
कप्तान कोहली भी अब तक अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सके हैं। वे पूरे दौरे पर अब तक सिर्फ एक अर्धशतक लगा सके हैं। कठिन परिस्थितियों में स्किल के अलावा स्वभाव भी काफी मायने रखता है। लेकिन कोई खिलाड़ी ऐसा नहीं कर सका। शनिवार को टॉप ऑर्डर के तीन खिलाड़ियों के अर्धशतक लगाने के बाद भी हम सिर्फ 242 रन बना सके। मैच जीतने के लिए आपको एग्रेसिव होना होता है। लेकिन आपको परिस्थितियों को भी समझना चाहिए। शॉ, पुजारा और विहारी तीनों अर्धशतक लगाने के बाद खराब शॉट खेलकर आउट हुए। दो खिलाड़ी भी अगर टिक जाते तो हम 350 के स्कोर तक पहुंच सकते थे, जो इस पिच पर अच्छा स्कोर रहता।
इसके बाद भी न्यूजीलैंड की शानदार गेंदबाजी को नकारा नहीं जा सकता।
जैमिसन काफी घातक साबित हुए
खासकर युवा तेज गेंदबाज काइल जेमिसन का प्रदर्शन अच्छा रहा। वे बहुत तेज नहीं है,लेकिन लंबाई के कारण उन्हें अतिरिक्त उछाल मिलता है। साउदी और बोल्ट ने स्विंग को नियंत्रित करते हुए अच्छी गेंदबाजी की। दूसरी ओर वेगनर और जेमिसन ने शॉर्ट पिच गेंद से परेशान किया। ये गेंदबाज अलग-अलग बल्लेबाजों के हिसाब से गेंदबाजी कर रहे थे। दूसरी ओर भारतीय गेंदबाजों ने भी 23 ओवर फेंके। शॉर्ट पिच गेंदों से उन्हें परेशान करने की कोशिश की गई। लेकिन यह सफल नहीं रही। क्योंकि लाथम और ब्लंडेल ने भारतीय बल्लेबाजों की तरह जल्दी नहीं दिखाई। बुमराह, शमी और उमेश ने छोटी गेंद भी डालीं। हालांकि एक दिन के खेल को देखकर भविष्यवाणी करना खतरनाक है। इतिहास में पहले भी कई बड़े फाइटबैक देखे गए हैं। लेकिन दौरे पर अब तक भारतीय टीम ने नंबर-1 टीम की तरह प्रदर्शन नहीं किया है। टीम को वापसी के लिए असाधारण प्रदर्शन करना होगा।
जम्मू से मोहित कंधारी. मोदी सरकार म्यांमार से आए रोहिंग्या मुसलमानों की पहचान करने और उन्हें वापस भेजने की लगातार बात कर रही है, लेकिन जम्मू म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन (जेएमसी) में स्थानीय लोगों के मुकाबले ऐसे अवैध प्रवासियों को तरजीह मिल रही है। करीब 200 रोहिंग्या मुसलमान जम्मू म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन में दिहाड़ी मजदूर हैं, जो नालियों की सफाई का काम करते हैं। इन्हें हर रोज 400 रुपए मिलते हैं। जबकि, इसी काम के लिए स्थानीय मजदूरों को 225 रुपए ही मिलते हैं। ठेकेदारों ने इन रोहिंग्याओं को लाने-ले जाने के लिए ट्रांसपोर्ट व्हीकल का इंतजाम भी किया है। काम पर जाने से पहले ये मजदूर स्थानीय जेएमसी सुपरवाइजर के ऑफिस में अटेंडेंस भी लगाते हैं।
दैनिक भास्कर से बातचीत में जेएमसी के सफाई कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष रिंकू गिल बताते हैं, ‘‘जम्मू में नालों की सफाई के लिए ठेकेदारों के पास करीब 200 रोहिंग्या काम कर रहे हैं। स्थानीय भाषा में इन्हें "नाला गैंग' कहते हैं। इन्हें 3 से 5 फीट की गहरी नालियों की सफाई करनी होती है। इसके लिए हर व्यक्ति को रोज 400 रुपए दिए जाते हैं।’’रोहिंग्या पर सरकार के बयानों का जिक्र करते हुए गिल कहते हैं, "एक तरफ सरकार रोहिंग्याओं को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताती है। दूसरी ओर जेएमसी में स्थानीय लोगों की अनदेखी कर इन्हें रखा जा रहा है।’’स्थानीय मजदूरों के समर्थन पर गिल आगे कहते हैं "अगर ठेकेदार बाहरी लोगों को काम पर रख रहे हैं, तो सभी को समान मजदूरी दी जानी चाहिए। स्थानीय मजदूरों से डबल शिफ्ट में काम कराया जाता है, लेकिन उन्हें मजदूरी रोहिंग्याओं की तुलना में कम मिलती है।"
इस बारे में जब जेएमसी के मेयर चंदर मोहन गुप्ता से बात की गई, तो उन्होंने कहा- जिस तरह से सरकार रोहिंग्या और अन्य सभी अवैध अप्रवासियों को बाहर करना चाहती है, उसी तरह से हम भी जम्मू से इन्हें बाहर कर रहे हैं। गुप्ता दावा करते हैं कि जेएमसी में किसी भी रोहिंग्या को काम पर नहीं रखा गया है। वे कहते हैं कि हम मजदूरों-कर्मियों की जांच करते हैं और यहां तक कि जेएमसी से जुड़े एनजीओ भी मजदूरों का रिकॉर्ड रखते हैं।
देशभर में 40 हजार से ज्यादा रोहिंग्या
हजारों की संख्या में रोहिंग्या जम्मू-कश्मीर के अलग-अलग क्षेत्रों में अपने शिविर बनाकर रह रहे हैं। ये बिना किसी रोकटोक के आर्मी कैम्प, पुलिस लाइन या रेलवे लाइन्स के नजदीक अपने तम्बू लगाते जा रहे हैं। एक अनुमान के मुताबिक, देशभर में 40 हजार से ज्यादा रोहिंग्या रह रहे हैं, इनका एक चौथाई हिस्सा यानी 10 हजार से ज्यादा अकेले जम्मू और इससे सटे साम्बा,पुंछ, डोटा और अनंतनाग जिले में हैं। पिछले एक दशक में म्यांमार से बांग्लादेश होते हुए ये रोहिंग्या जम्मू को अपना दूसरा घर बना चुके हैं।
गृह विभाग ने रोहिंग्याओं पर जारी रिपोर्टकी थी
2 फरवरी 2018 को राज्य विधानसभा में पेश हुई जम्मू-कश्मीर गृह विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य के 5 जिलों के 39 अलग-अलग स्थानों पर रोहिंग्याओं के तम्बू मिले थे। इनमें 6,523 रोहिंग्या पाए गए थे। इनमें से 6,461 जम्मू में और 62 कश्मीर में थे। इस रिपोर्ट के अनुसार, जम्मू के बाहरी इलाके सुंजवान क्षेत्र में मिलिट्री स्टेशन के पास भी रोहिंग्याओं के तम्बू थे। इनमें 48 रोहिंग्या परिवारों के 206 सदस्य पाए गए। 10 फरवरी, 2018 को जब आतंकवादियों ने सेना के सुंजवान कैम्प पर हमला किया, तब सुरक्षा बलों ने गंभीर चिंता जताई थी कि इन आतंकवादियों को अवैध प्रवासियों ने शरण दी होगी। हालांकि, सबूत नहीं मिले और किसी भी अवैध अप्रवासी की जांच नहीं की गई। गृह विभाग की रिपोर्ट बताती है कि 150 परिवारों के 734 रोहिंग्या जम्मू के चन्नी हिम्मत क्षेत्र में पुलिस लाइन्स के सामने अस्थायी शेड बनाकर रह रहे हैं। नगरोटा में सेना के 16 कोर मुख्यालय के आसपास भी कम से कम 40 रोहिंग्या रह रहे हैं। जम्मू के नरवाल इलाके में एक कब्रिस्तान में भी 250 रोहिंग्या रह रहे हैं। इनकी संख्या धीरे-धीरे इस क्षेत्र में बढ़ती ही जा रही है।
रोहिंग्याओं की संख्या अनुमान से कहीं ज्यादा: दावा
स्थानीय लोग रोहिंग्याओं को वापस भेजने की मांग लगातार कर रहे हैं। इनका कहना है कि रोहिंग्याओं की संख्या सरकारी आंकड़ों से कहीं ज्यादा है। इनका बायो मैट्रिक्स डेटा भी अब तक नहीं लिया गया है। पिछले साल रोहिंग्याओं की वास्तविक संख्या का डेटा जुटाने के लिए जम्मू-कश्मीर पुलिस ने एक विशेष अभियान शुरू किया था। केंद्र सरकार के निर्देश पर यह अभियान शुरू किया गया था। इसका उद्देश्य रोहिंग्याओं को उनके देश वापस भेजने के लिए उनका बायोमैट्रिक्स डेटा लेना था। यह डेटा जुटाने के दौरान पुलिसकर्मियों को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा। उन्हें इन रोहिंग्याओं के विरोध का सामना करना पड़ा।
सीवरेज लाइन बिछाने का काम करते हैं रोहिंग्या
ज्यादातर रोहिंग्या कचरा बीनने और साफ-सफाई के काम करते हैं। ठेकेदार इन्हें केबल और सीवरेज लाइन बिछाने के लिए मजदूरी पर रखते हैं। महिलाएं फैक्ट्रियों में काम करती हैं। भटिंडी क्षेत्र में इनका अपना बाजार है। यहां युवा एक साथ बैठे अपने मोबाइल फोन पर गेम खेलते और टीवी देखते देखे जाते हैं। युवा यहां इलेक्ट्रॉनिक सामान और मोबाइल फोन सुधारने की दुकानें भी चलाते हैं। कुछ रोहिंग्या सब्जी के ठेले और मांस की दुकानें लगाते हैं। इनके शिविरों में मस्जिदें भी हैं और कश्मीरी एनजीओ द्वारा संचालित स्कूल भी खुले हुए हैं। बच्चे सरकारी स्कूलों और स्थानीय मदरसे में भी पढ़ते हैं।
केन्द्रीय मंत्री रोहिंग्याओं को बाहर करने के बयान देते रहे हैं
मोदी सरकार में कई सीनियर मंत्री यह दावा करते रहे हैं कि उनकी सरकार देश के कोने-कोने से अवैध घुसपैठियों की पहचान कर अंतरराष्ट्रीय कानून के मुताबिक,उन्हें वापस उनके देश भेजेगी। गृह मंत्री अमित शाह इस मामले में सबसे आगे रहे हैं। पिछले साल उन्होंने चुनावी रैलियों में घुसपैठियों को बाहर करने की बात लगातार कही। संसद में भी वे इस मुद्दे पर केन्द्र सरकार का रुख साफ कर चुके हैं। 17 जुलाई, 2019 को राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में अमित शाह ने कहा था कि यह एनआरसी था, जिसके आधार पर भाजपा 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद सत्ता में आई है। शाह ने कहा था, "असम में हुई एनआरसी की कवायद असम समझौते का हिस्सा है और देशभर में एनआरसी लाना यह लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा के घोषणापत्र में शामिल था। इसी आधार पर हम चुनकर दोबारा सत्ता में आए हैं। सरकार देश के एक-एक इंच से घुसपैठियों की पहचान करेगी और अंतरराष्ट्रीय कानून के मुताबिक उन्हें बाहर करेगी।"
हालांकि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के रामलीला मैदान पर 22 दिसंबर को हुई रैली में कहा था, ‘‘हमारी सरकार बनने के बाद से आज तक एनआरसी शब्द की कभी चर्चा तक नहीं हुई। असम में भी हमने एनआरसी लागू नहीं किया था, जो भी हुआ वो सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर हुआ।’’ केन्द्रीय मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने 3 जनवरी को दिए बयान में कहा था, ‘‘नागरिकता संशोधन कानून से रोहिंग्याओं को किसी तरह का फायदा नहीं होगा। वे किसी भी तरह से भारत केनागरिक नहीं हो सकते। ऐसे में जम्मू-कश्मीर में रहने वाले हर रोहिंग्या को वापस जाना ही होगा।’’