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क्या फ्लाइट में सफर करना मुश्किल भरा होगा? जानें कोरोना के दौर में क्या बदलने वाला है?

कोरोनावायरस ने किसी इंडस्ट्री को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया है, तो वो है एविएशन। इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (IATA) का अनुमान है कि कोरोना की वजह से दुनियाभर की एविएशन इंडस्ट्री को अभी तक 31 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान हुआ है।

भारत समेत कई देशों में डोमेस्टिक फ्लाइट तो शुरू हो गई हैं, लेकिन इंटरनेशनल फ्लाइट अभी भी पूरी तरह से शुरू नहीं हो पाई हैं। यही वजह है कि कोरोना के असर से इंडस्ट्री को उबारने के लिए IATA एक नया प्लान लेकर आई है और वो है कोविड पासपोर्ट। ये क्या है? इसकी जरूरत क्यों पड़ी? क्या इससे हवाई सफर करना मुश्किल हो जाएगा? आइए जानते हैं...

कोविड पासपोर्ट क्या है?
दरअसल, IATA एक मोबाइल ऐप पर काम कर रहा है, जो दुनियाभर में ट्रैवल पास की तरह समझा जाएगा। इस ऐप को कोरोना की वजह से लाने का प्लान है, इसलिए इसे कोविड पासपोर्ट कहा जा रहा है। IATA के इस ऐप में यात्री के कोरोना टेस्ट, उसे वैक्सीन लगी है या नहीं (वैक्सीन आने के बाद) जैसी जानकारी होगी। इसके साथ ही इस ऐप में यात्री के पासपोर्ट के ई-कॉपी भी होगी।

इस ऐप पर यात्री का QR कोड होगा, जिसे स्कैन करते ही उसकी सारी डिटेल सामने आ जाएगी। ये ऐप IATA के मौजूदा टाइमैटिक सिस्टम पर बेस्ड होगी, जिसका इस्तेमाल डॉक्यूमेंट को वेरिफाई करने के लिए होता है। इसके साथ ही ये ऐप ब्लॉक-चैन टेक्नोलॉजी पर काम करेगा और इसमें यूजर का डेटा स्टोर नहीं होगा।

इसकी जरूरत क्यों पड़ी?
इसकी जरूरत इसलिए पड़ रही है, क्योंकि इंटरनेशनल फ्लाइट से आने वाले पैसेंजर्स कोरोना पॉजिटिव मिल रहे हैं। चीन की वेबसाइट साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के मुताबिक, पिछले दिनों शंघाई में कई कोरोना पॉजिटिव केस आए। इनमें से कई ऐसे थे जो यात्रा करके लौटे थे।

9 नवंबर से भारत और ओमान के बीच एयर बबल एग्रीमेंट के तहत इंटरनेशनल उड़ान शुरू हुई। इस दौरान भी कई यात्री पॉजिटिव निकले, जिसके बाद सीटों की संख्या 10 हजार से घटाकर 5 हजार कर दी गई।
वहीं, हॉन्गकॉन्ग ने भी कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद 3 दिसंबर तक एयर इंडिया की फ्लाइट पर रोक लगा दी है। इसके अलावा महाराष्ट्र सरकार ने राज्य में आने वाले हर व्यक्ति के लिए RT-PCR टेस्ट कराना जरूरी कर दिया है। फिर चाहे वो बस से आए या ट्रेन से या फ्लाइट से।

इंटरनेशनल फ्लाइट से कोरोना पॉजिटिव आने के बाद IATA को एक ऐसे ऐप की जरूरत महसूस हुई, जो यात्री के कोरोना टेस्ट से लेकर उसकी हर डिटेल बता सके। ताकि दोबारा से इंटरनेशनल फ्लाइट को सही तरह से शुरू किया जा सके और बार-बार इन्हें रोकने की जरूरत न पड़े।

क्या और भी कोई कारण?
हां। कोरोना की वजह से दुनिया की इकोनॉमी को झटका लगा है। एविएशन इंडस्ट्री को भी नुकसान झेलना पड़ा है। IATA के मुताबिक, कोरोना की वजह से इस साल एयरलाइन कंपनियों को 84.3 अरब डॉलर यानी करीब 6.23 लाख करोड़ रुपए का घाटा हुआ है। जबकि, उनके रेवेन्यू में भी 419 अरब डॉलर (31 लाख करोड़ रुपए) का नुकसान होने की आशंका है। इसके अलावा यात्रियों की संख्या भी कम हो गई। एविएशन के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ, जब पायलटों की भी नौकरियां गईं। इन्हीं सबसे उबरने के लिए ऐसी कोशिशें की जा रही हैं।

क्या इससे हवाई सफर करना मुश्किल हो जाएगा?
नहीं, बल्कि इससे हवाई सफर पहले की तरह ही सेफ होगा। अमेरिका सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल (CDC) का कहना है कि फ्लाइट में यात्री जगह-जगह सतहों को छूते हैं। कम जगह होने की वजह से यहां सोशल डिस्टेंसिंग भी रख पाना मुमकिन नहीं है।

कुछ फ्लाइट में इन-बिल्ट एयर फिल्ट्रेशन और वेंटिलेशन सिस्टम होता है, जो किसी भी तरह के वायरस को फैलने नहीं देता और फ्लाइट के अंदर की हवा को साफ करता रहता है, लेकिन ऐसा सिस्टम हर फ्लाइट में नहीं होता। इसलिए कोविड पासपोर्ट होने से इन सारी परेशानियों से बचा जा सकेगा।

IATA कब तक इस ऐप को लॉन्च कर देगा?
इस साल इस ऐप की पायलट टेस्टिंग शुरू हो जाएगी। जबकि, मार्च 2021 तक इसे एपल डिवाइस के लिए लॉन्च करने की बात कही जा रही है। वहीं, एंड्रॉयड डिवाइस के लिए इसे अप्रैल 2021 तक लॉन्च किया जा सकता है।



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What Is Covid Passport, Digital Passport? International Air Transport Association Is Working On Mobile App


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मुंबई के एक अस्पताल में 50% कोरोना पीड़ितों में कावासाकी के लक्षण, जानें क्या है और कैसे बचें

दुनिया भर में कोरोना के मरीजों में कावासाकी के लक्षण देखने को मिल रहे हैं। लेकिन अभी तक इसके लक्षण जिन कोरोना पीड़ितों में देखने को मिले, उनमें ज्यादातर बच्चे थे। कावासाकी वैसे भी बच्चों की बीमारी मानी जाती है। लेकिन क्या हो जब यह बीमारी बच्चों के साथ-साथ 40 से 60 साल के एडल्ट्स में भी दिखने लगे?

कोरोनावायरस पर अभी भी तमाम रिसर्च जारी है, बहुत सी रिपोर्ट आ भी चुकी हैं। अभी तक यह संक्रमण डॉक्टर्स और रिसर्चर्स के लिए पहेली ही बना हुआ है। हाल ही में मुंबई के कोकिलाबेन हॉस्पिटल के ICU में एडमिट कोरोना के 50% से ज्यादा मरीजों में कावासाकी के लक्षण दिखे। हैरान करने वाली बात यह है कि इनकी उम्र 40 से 60 साल के बीच है।

भोपाल AIIMS की डॉ. उमा कुमारी कहती हैं कि कोरोना की वजह से इम्यून डिसऑर्डर हो रहा है। कावासाकी भी इसी वजह से होता है। यह बच्चों की बीमारी है, एडल्ट में इसके लक्षण दिखने की वजह रिसर्च का विषय है।

क्या होता है कावासाकी?

  • कावासाकी रोग को म्यूकोस्यूटियस लिम्फ नोड सिंड्रोम भी कहा जाता है। यह बचपन में होने वाली एक दुर्लभ बीमारी है, जो ब्लड वेसल्स को प्रभावित करती है। ये त्वचा, नाक, गले और मुंह के अंदर स्थित म्यूकस मेम्ब्रेन पर प्रभाव डालती है।

  • कावासाकी होने पर बच्चों की पूरी बॉडी में रक्त वाहिकाओं में सूजन आ जाती है। इससे कोरोनरी आर्टरी क्षतिग्रस्त हो सकती हैं। यह रक्त वाहिकाएं ब्लड को हार्ट तक लेकर जाती हैं। इससे हार्ट की दिक्‍कत भी हो सकती है।

कावासाकी रोग होना कितना सामान्य है?

  • जापान, कोरिया और ताइवान समेत वेस्ट एशिया में कावासाकी रोग 10-20 गुना ज्यादा है। इससे पीड़ित अधिकतर बच्चे पांच वर्ष से कम उम्र के होते हैं। लड़कियों की तुलना में लड़कों में इसकी संभावना दोगुनी होती है।

कावासाकी रोग के क्या लक्षण हैं?

इस बीमारी के लक्षण कई स्टेज में उभर कर आते हैं। पहले और दूसरे स्टेज में इसका इलाज आसानी से हो जाता है। लेकिन अगर यह तीसरे या उसके बाद के स्टेज में पहुंच जाए, तो इससे उबरने में सालों लग जाते हैं। तीसरे या उसके बाद की स्टेज में इसके परिणाम खतरनाक हो सकते हैं।


कावासाकी रोग का क्या कारण है?

  • एक्सपर्ट्स के पास अभी तक इस बीमारी के सटीक कारण के बारे में कोई पुख्ता जानकारी नहीं है। अक्सर कावासाकी रोग सर्दियों के अंत में होता है।

  • कई सिद्धांतों में इस बीमारी का संबंध बैक्टीरिया, वायरस या पर्यावरणिक वजहों से जोड़ा गया है, लेकिन अभी तक इनमें से किसी भी वजह की पुष्टि नहीं की गई है। कुछ जीन आपके बच्चे में कावासाकी रोग के फैलने की संभावना बढ़ा सकते हैं।

हार्ट के लिए खतरनाक कावासाकी

यह बीमारी हार्ट को प्रभावित करती है। कावासाकी रोग से पीड़ित ज्यादातर बच्चे पूरी तरह ठीक हो जाते हैं और उन्हें किसी भी तरह की समस्या नहीं होती है। हालांकि, ज्यादा बढ़ जाने से यह हार्ट को बुरी तरह डैमेज कर सकता है।


कोरोना से इसका क्या कनेक्शन

  • डॉ. उमा के मुताबिक, कोरोना में हमारा इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है। उसे हम दोबारा भी मेंटेन कर सकते हैं। लेकिन बहुत से पीड़ितों में इम्यून डिसऑर्डर की समस्या भी देखी जा रही है।

  • इम्यून डिसऑर्डर में हमारे इम्यून सिस्टम ठीक से फंक्शन नहीं करते। इसके चलते कई बार ये अपने ही बॉडी के खिलाफ ट्रिगर कर जाते हैं।

  • कावासाकी भी इम्यून डिसऑर्डर से होता है। लेकिन इसे अभी पुख्ता तौर पार नहीं कहा जा सकता कि कोरोना पीड़ितों में कावासाकी के लक्षण दिखने की वजह इम्यून डिसऑर्डर है।

कोरोना के दौर में इससे भी बचना जरूरी

  • डॉ. उमा कहती हैं कि ऐसा बिल्कुल नहीं है कि कावासाकी के लक्षण सभी कोरोना पीड़ितों में देखने को मिल रहे है। लेकिन यह बीमारी ठंड में होती है, इसलिए इस दौर में अगर कोरोना हो जाता है, तो इसके भी होने की संभावना बढ़ जाती है। बच्चों में यह खतरा विशेष तौर पर है। इससे बचने का एक ही तरीका है कि हम खुद को मजबूत रखें।



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Kawasaki symptoms in 50% corona victims in a hospital in Mumbai, know what is and how to avoid


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जब दुनिया के किसी मुस्लिम देश में पहली बार चुनी गई महिला प्रधानमंत्री, सिर्फ 35 साल थी उनकी उम्र

हमारे पड़ोसी देश पाकिस्तान में आज ही के दिन कोई महिला प्रधानमंत्री बनी थी। ये न सिर्फ पाकिस्तान की पहली महिला प्रधानमंत्री थीं, बल्कि किसी मुस्लिम देश की भी पहली महिला थीं, जो प्रधानमंत्री बनीं। इनका नाम था बेनजीर भुट्टो। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो की सबसे बड़ी बेटी थीं बेनजीर, जिनका जन्म 21 जून 1953 को कराची शहर में हुआ था।

बेनजीर भुट्टो ने अमेरिका की हार्वर्ड यूनिवर्सिटी और ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की। 1977 में बेनजीर लंदन से पाकिस्तान लौट आईं। 1978 में जनरल जिया उल-हक पाकिस्तान के राष्ट्रपति बने। उनके आते ही बेनजीर के पिता जुल्फिकार अली भुट्टो को हत्या के एक मामले में फांसी हो गई। पिता की मौत के बाद बेनजीर ने राजनीतिक विरासत को संभाला।

10 अप्रैल 1986 को उन्होंने पाकिस्तान में सैन्य शासन के खिलाफ आंदोलन छेड़ दिया। 1988 में एक प्लेन क्रैश में जिया उल-हक की मौत हो गई। उसके बाद 1 दिसंबर 1988 को बेनजीर पाकिस्तान की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं। प्रधानमंत्री बनने से 3 महीने पहले ही उन्होंने बेटे को जन्म दिया था। जिस समय वो प्रधानमंत्री बनीं, उस समय उनकी उम्र 35 साल थी।

बेनजीर भुट्टो दो बार पाकिस्तान की प्रधानमंत्री बनीं। पहली बार 1988 से 1990 तक और दूसरी बार 1993 से 1996 तक। भ्रष्टाचार के मामलों में दोषी ठहराए जाने पर बेनजीर को 1999 में देश छोड़ना पड़ा था। 2007 में जब फौजी ताकत दम तोड़ रही थी और लोग लोकतंत्र के लिए आवाज उठा रहे थे, तब बेनजीर भुट्टो लौटी थीं। 27 दिसंबर 2007 को चुनाव प्रचार के दौरान उनकी हत्या कर दी गई।

लंदन के मैडम तुसाद म्यूजियम पर लगा मैडम तुसाद का मोम का पुतला।

मोम के पुतले बनाने वाली मैडम तुसाद का जन्म
1 दिसंबर 1761 को मैडम तुसाद का जन्म फ्रांस के स्ट्रासबर्ग में हुआ था। उनका नाम मैरी ग्रासहोल्ट्ज था। उनकी मां पेरिस में डॉ. फिलिप कर्टियस के यहां काम करती थीं। डॉ. कर्टियस मोम के पुतले बनाया करते थे। डॉ. कर्टियस से ही मैडम तुसाद ने मोम के पुतले बनाना सीखा। मैडम तुसाद ने 16 साल की उम्र में पहला मोम का पुतला बनाया था। उन्होंने उस समय एक फिलॉस्फर फ्रैंक्वाइस वॉल्टैयर का पुतला बनाया था।

फ्रेंच रिवोल्यूशन के दौरान उन्होंने तीन महीने जेल में भी काटे। 1794 में उन्होंने फ्रैंक्वाइस तुसाद से शादी की। 1835 में उन्होंने लंदन की बेकर स्ट्रीट पर पहला स्टूडियो खोला। 1850 में 89 साल की उम्र में मैडम तुसाद का निधन हो गया। 1884 में उनका म्यूजियम बेकर स्ट्रीट से मेरिलबोन रोड पर शिफ्ट कर दिया गया, जहां ये आज भी है।

भारत और दुनिया में 1 दिसंबर की महत्वपूर्ण घटनाएं इस प्रकार हैं:

  • 1640 : पुर्तगाल की 60 वर्ष की गुलामी के बाद स्पेन आजाद हुआ।
  • 1761 : मोम के पुतलों के संग्रहालय बनाने वाली मैडम तुसाद का जन्म।
  • 1959 : दुनिया के 12 देशों ने अंटार्कटिक संधि पर हस्ताक्षर कर अंटार्कटिक महाद्वीप को तमाम सैन्य गतिविधियों से मुक्त करके वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए संरक्षित रखने का संकल्प लिया।
  • 1959 : बाहरी अंतरिक्ष से पृथ्वी का पहला रंगीन फोटो लिया गया।
  • 1963 : नगालैंड भारत का 16वां राज्य बना।
  • 1965 : सीमा सुरक्षा बल (BSF) की स्थापना।
  • 1973 : इजरायल के संस्थापक डेविड बेन गुरियन का निधन।
  • 1987 : अफगानिस्तान में नए संविधान के अनुसार डॉ. नजीबुल्लाह को देश का राष्ट्रपति चुना गया।
  • 1991 : एड्स डे की शुरुआत।
  • 1990 : पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की बहन विजयलक्ष्मी पंडित का निधन।
  • 2001 : अफगानिस्तान में कंधार एयरपोर्ट पर तालिबान विरोधी कबायली संगठन का कब्जा।
  • 2008 : बिहार विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष शिवचंद्र झा का निधन।


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Aaj Ka Itihas India World 1 December 2020 | Pakistan First Female PM Benazir Bhutto, BSF Establishment Year


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किसान पर पुलिस की बर्बरता की फोटो कांग्रेसी प्रोपेगैंडा है? BJP आईटी सेल के हेड का दावा झूठा

क्या हो रहा है वायरल : राहुल गांधी ने 28 नवंबर को एक फोटो सोशल मीडिया पर शेयर की। फोटो में एक बुजुर्ग किसान को सुरक्षा बल का जवान लाठी मारता दिख रहा है।

भाजपा आईटी सेल के इंचार्ज अमित मालवीय ने राहुल को जवाब देते हुए 15 सेकंड का वीडियो पोस्ट किया। वीडियो में दिख रहा है कि पुलिसकर्मी ने लाठी उठाई जरूर, पर किसान को लाठी लगी नहीं।

सोशल मीडिया पर अमित मालवीय द्वारा शेयर किया गया वीडियो अब इसी दावे के साथ शेयर किया जा रहा है कि असल में पुलिस ने किसी पर लाठी बरसाई ही नहीं। भास्कर ने इस दावे की पड़ताल की।

और सच क्या है ?

  • राहुल गांधी ने सिर्फ एक फोटो शेयर किया। अमित मालवीय ने भी केवल 15 सेकंड का ही वीडियो शेयर किया। इंटरनेट पर हमने वीडियो के की-फ्रेम्स के जरिए वह पूरा वीडियो खंगालना शुरू किया, जिसका छोटा हिस्सा शेयर कर अमित मालवीय ने इसे प्रोपेगैंडा बताया है।
  • EURO News की वेबसाइट पर हमें 50 सेकंड का वीडियो मिला। इसमें देखा जा सकता है कि वृद्ध किसान पर एक के बाद एक सुरक्षा बल के 2 जवानों ने लाठी मारी। यही नहीं, इसके बाद कई अन्य प्रदर्शनकारियों को भी लाठी मारी गई।
  • RT के यूट्यूब चैनल पर 1:30 मिनट के इस वीडियो में भी देखा जा सकता है कि बुजुर्ग किसान के बाद कई अन्य प्रदर्शनकारियों पर भी सुरक्षा बल के जवानों ने लाठियां भांजीं।

  • साफ है कि भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय का ये दावा झूठा है कि वायरल फोटो में दिख रहे किसान के साथ हिंसा नहीं हुई।


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Rahul Gandhi Vs Amit Malviya BJP IT Cell; Congress leader shared Pictures On Twitter Which Farmer Beaten By Cops


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विदेशी जमीन पर लगातार दूसरे क्लीन स्वीप से बचने उतरेगी टीम इंडिया, बॉलर्स का फॉर्म में आना जरूरी

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे सीरीज का तीसरा और आखिरी मुकाबला बुधवार को कैनबरा में खेला जाएगा। मनुका ओवल मैदान पर जब भारत मैदान पर उतरेगा, तब उसके सामने ऑस्ट्रेलिया दौरे पर अपनी पहली जीत दर्ज करने की चुनौती होगी। इसके साथ ही टीम विदेशी जमीन पर लगातार दूसरे क्लीन स्वीप से बचना चाहेगी। इससे पहले जनवरी-फरवरी में न्यूजीलैंड दौरे पर भारत को कीवी टीम ने 3-0 से हराया था।

कैनबरा के मैदान की बात करें, तो ऑस्ट्रेलिया ने यहां खेले अपने चारों मुकाबले जीते हैं। वहीं, भारत ने इस मैदान पर अब तक कुल 2 मुकाबले खेले हैं और दोनों में उसे हार का सामना करना पड़ा है। इस सीरीज में भारतीय बॉलर्स स्ट्रगल करते नजर आए हैं। ऐसे में अगर भारत को जीत दर्ज करनी है, तो बॉलर्स को लय में आना होगा।

सीरीज में ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों का बोलबाला
सीरीज में ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज पूरी तरह से भारतीय बॉलर्स पर हावी रहे हैं। स्टीव स्मिथ ने पिछले दोनों वनडे में शतक जड़ा। वहीं, कप्तान एरॉन फिंच ने पहले वनडे में शतक और दूसरे मुकाबले में फिफ्टी लगाई। चोट की वजह से सीरीज से बाहर होने वाले डेविड वॉर्नर ने भी दोनों मुकाबलों में फिफ्टी लगाई। स्मिथ-फिंच के अलावा मार्नस लाबुशाने और ग्लेन मैक्सवेल भी अच्छी फॉर्म में हैं।

भारतीय बल्लेबाजों की बात करें, तो उन्हें शुरुआत तो मिली, लेकिन वे उसे बड़े स्कोर में तब्दील नहीं कर सके। शिखर धवन और हार्दिक पंड्या ने पहले वनडे में फिफ्टी लगाई, लेकिन टीम को जीत नहीं दिला सके। इसके बाद दूसरे वनडे में कप्तान विराट कोहली और उप-कप्तान लोकेश राहुल ने फिफ्टी लगाई, लेकिन बड़ा स्कोर नहीं बना सके। ऐसे में तीसरे वनडे में भारतीय बल्लेबाजों को बड़ा स्कोर बनाकर टीम को जीत दिलानी होगी।

भारतीय गेंदबाज लय में नहीं दिखे
टीम की गेंदबाजी भारत की हार का सबसे बड़ी वजह रही है। भारतीय बॉलर्स शुरुआती ओवर में विकेट नहीं ले पा रहे हैं। यही नहीं, भारतीय बॉलर्स को जमकर रन पड़ रहे हैं। मोहम्मद शमी-जसप्रीत बुमराह जैसे दिग्गज गेंदबाज भी रन रोकने में नाकाम साबित हुए हैं। ऐसे में अगर टीम को जीतना है, तो बॉलर्स को जिम्मेदारी लेनी होगी और कंगारू टीम के विकेट निकालने होंगे।

वॉर्नर-कमिंस की गैर-मौजूदगी भारत के लिए मौका
चोट की वजह से वॉर्नर टीम का हिस्सा नहीं हैं। वहीं, पैट कमिंस को टेस्ट सीरीज की तैयारी के मद्देनजर आराम दिया गया है। ऐसे में इन दोनों दिग्गजों के न होने से भारत के पास अच्छा मौका होगा। भारतीय बॉलर्स पिछले 5 मुकाबले से पावर-प्ले के दौरान चले आ रहे विकेटों के सूखे को दूर कर सकते हैं और भारतीय बल्लेबाज कमिंस की गैर-मौजूदगी में ऑस्ट्रेलिया पर अटैक कर सकते हैं।

कोहली के पास एक और रिकॉर्ड बनाने का मौका
भले ही भारत यह सीरीज हार चुका है, लेकिन तीसरे वनडे में कोहली के पास एक और रिकॉर्ड अपने नाम करने का मौका होगा। कोहली अगर इस मैच शतक जड़ने में कामयाब हो जाते हैं, तो वे बतौर कप्तान सबसे ज्यादा शतक लगाने वाले खिलाड़ी बन जाएंगे। अभी कोहली और पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान रिकी पोंटिंग के नाम 41-41 शतक दर्ज हैं।

ऑस्ट्रेलिया से 7वीं सीरीज हारा भारत
शुरुआती दोनों मुकाबले जीतकर ऑस्ट्रेलिया पहले ही सीरीज अपने नाम कर चुका है। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच इस सीरीज को मिलाकर कुल 13 वनडे सीरीज खेली गईं हैं। इसमें ऑस्ट्रेलिया ने 7 और भारत ने 6 सीरीज अपने नाम कीं हैं। ऑस्ट्रेलिया ने घर में भारत के खिलाफ 3 द्विपक्षीय वनडे सीरीज खेलीं, जिसमें दो जीती और एक हारी है।

मौसम और पिच रिपोर्ट
कैनबरा में सामान्य रूप से आसमान साफ रहेगा। बीच-बीच में बादल छा सकते हैं। अधिकतम तापमान 26 डिग्री और न्यूनतम तापमान 12 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है। पिच से बल्लेबाजों को मदद मिल सकती है। यहां खेले गए पिछले 9 वनडे मैचों में पहले बल्लेबाजी करने वाली टीम का सक्सेस रेट 77.77% है।

हेड-टू-हेड
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच अब तक 142 वनडे खेले गए। इसमें टीम इंडिया ने 52 मैच जीते और 80 हारे हैं, जबकि 10 मुकाबले बेनतीजा रहे। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उसी के घर में भारतीय टीम ने 53 वनडे खेले, जिसमें से 13 जीते और 38 मैच हारे हैं। 2 वनडे बेनतीजा रहे।

भारतीय वनडे टीम

  • बैट्समैन: विराट कोहली (कप्तान), शुभमन गिल, शिखर धवन, लोकेश राहुल (उपकप्तान, विकेटकीपर), मनीष पांडे, श्रेयस अय्यर, मयंक अग्रवाल और संजू सैमसन (विकेटकीपर)।
  • ऑलराउंडर: हार्दिक पंड्या और रविंद्र जडेजा।
  • बॉलर्स: युजवेंद्र चहल, कुलदीप यादव, जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी, नवदीप सैनी, शार्दूल ठाकुर और टी नटराजन।

ऑस्ट्रेलिया वनडे टीम

  • बैट्समैन: एरॉन फिंच (कप्तान), एलेक्स कैरी (विकेटकीपर), स्टीव स्मिथ, डी'आर्की शॉर्ट, मैथ्यू वेड (विकेटकीपर)।
  • ऑलराउंडर: मार्नस लाबुशाने, मोइसेस हेनरिक, ग्लेन मैक्सवेल, डेनियल सैम्स, मार्कस स्टोइनिस और कैमरॉन ग्रीन।
  • बॉलर्स: पैट कमिंस, सीन एबॉट, एश्टन एगर, जोश हेजलवुड, मिचेल स्टार्क, एंड्र्यू टाई और एडम जम्पा।

भारत ने पिछली सीरीज में 2-1 से ऑस्ट्रेलिया को हराया था
पिछली बार भारतीय टीम ने जनवरी 2019 में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर 3 वनडे की सीरीज खेली थी। पहला वनडे हारने के बाद टीम इंडिया ने यह सीरीज 2-1 से जीती थी। तब भी भारतीय टीम की कमान विराट कोहली के हाथ में ही थी। ऑस्ट्रेलिया की कप्तानी भी एरॉन फिंच के ही पास थी।



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India vs Australia 3rd ODI Oval Update Virat Kohli Steve Smith | Head To Head Match Stats, Winning and Pitch Prediction & Weather Analysis


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जब दुनिया के किसी मुस्लिम देश में पहली बार चुनी गई महिला प्रधानमंत्री, सिर्फ 35 साल थी उनकी उम्र

हमारे पड़ोसी देश पाकिस्तान में आज ही के दिन कोई महिला प्रधानमंत्री बनी थी। ये न सिर्फ पाकिस्तान की पहली महिला प्रधानमंत्री थीं, बल्कि किसी मुस्लिम देश की भी पहली महिला थीं, जो प्रधानमंत्री बनीं। इनका नाम था बेनजीर भुट्टो। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो की सबसे बड़ी बेटी थीं बेनजीर, जिनका जन्म 21 जून 1953 को कराची शहर में हुआ था।

बेनजीर भुट्टो ने अमेरिका की हार्वर्ड यूनिवर्सिटी और ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की। 1977 में बेनजीर लंदन से पाकिस्तान लौट आईं। 1978 में जनरल जिया उल-हक पाकिस्तान के राष्ट्रपति बने। उनके आते ही बेनजीर के पिता जुल्फिकार अली भुट्टो को हत्या के एक मामले में फांसी हो गई। पिता की मौत के बाद बेनजीर ने राजनीतिक विरासत को संभाला।

10 अप्रैल 1986 को उन्होंने पाकिस्तान में सैन्य शासन के खिलाफ आंदोलन छेड़ दिया। 1988 में एक प्लेन क्रैश में जिया उल-हक की मौत हो गई। उसके बाद 1 दिसंबर 1988 को बेनजीर पाकिस्तान की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं। प्रधानमंत्री बनने से 3 महीने पहले ही उन्होंने बेटे को जन्म दिया था। जिस समय वो प्रधानमंत्री बनीं, उस समय उनकी उम्र 35 साल थी।

बेनजीर भुट्टो दो बार पाकिस्तान की प्रधानमंत्री बनीं। पहली बार 1988 से 1990 तक और दूसरी बार 1993 से 1996 तक। भ्रष्टाचार के मामलों में दोषी ठहराए जाने पर बेनजीर को 1999 में देश छोड़ना पड़ा था। 2007 में जब फौजी ताकत दम तोड़ रही थी और लोग लोकतंत्र के लिए आवाज उठा रहे थे, तब बेनजीर भुट्टो लौटी थीं। 27 दिसंबर 2007 को चुनाव प्रचार के दौरान उनकी हत्या कर दी गई।

लंदन के मैडम तुसाद म्यूजियम पर लगा मैडम तुसाद का मोम का पुतला।

मोम के पुतले बनाने वाली मैडम तुसाद का जन्म
1 दिसंबर 1761 को मैडम तुसाद का जन्म फ्रांस के स्ट्रासबर्ग में हुआ था। उनका नाम मैरी ग्रासहोल्ट्ज था। उनकी मां पेरिस में डॉ. फिलिप कर्टियस के यहां काम करती थीं। डॉ. कर्टियस मोम के पुतले बनाया करते थे। डॉ. कर्टियस से ही मैडम तुसाद ने मोम के पुतले बनाना सीखा। मैडम तुसाद ने 16 साल की उम्र में पहला मोम का पुतला बनाया था। उन्होंने उस समय एक फिलॉस्फर फ्रैंक्वाइस वॉल्टैयर का पुतला बनाया था।

फ्रेंच रिवोल्यूशन के दौरान उन्होंने तीन महीने जेल में भी काटे। 1794 में उन्होंने फ्रैंक्वाइस तुसाद से शादी की। 1835 में उन्होंने लंदन की बेकर स्ट्रीट पर पहला स्टूडियो खोला। 1850 में 89 साल की उम्र में मैडम तुसाद का निधन हो गया। 1884 में उनका म्यूजियम बेकर स्ट्रीट से मेरिलबोन रोड पर शिफ्ट कर दिया गया, जहां ये आज भी है।

भारत और दुनिया में 1 दिसंबर की महत्वपूर्ण घटनाएं इस प्रकार हैं:

  • 1640 : पुर्तगाल की 60 वर्ष की गुलामी के बाद स्पेन आजाद हुआ।
  • 1761 : मोम के पुतलों के संग्रहालय बनाने वाली मैडम तुसाद का जन्म।
  • 1959 : दुनिया के 12 देशों ने अंटार्कटिक संधि पर हस्ताक्षर कर अंटार्कटिक महाद्वीप को तमाम सैन्य गतिविधियों से मुक्त करके वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए संरक्षित रखने का संकल्प लिया।
  • 1959 : बाहरी अंतरिक्ष से पृथ्वी का पहला रंगीन फोटो लिया गया।
  • 1963 : नगालैंड भारत का 16वां राज्य बना।
  • 1965 : सीमा सुरक्षा बल (BSF) की स्थापना।
  • 1973 : इजरायल के संस्थापक डेविड बेन गुरियन का निधन।
  • 1987 : अफगानिस्तान में नए संविधान के अनुसार डॉ. नजीबुल्लाह को देश का राष्ट्रपति चुना गया।
  • 1991 : एड्स डे की शुरुआत।
  • 1990 : पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की बहन विजयलक्ष्मी पंडित का निधन।
  • 2001 : अफगानिस्तान में कंधार एयरपोर्ट पर तालिबान विरोधी कबायली संगठन का कब्जा।
  • 2008 : बिहार विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष शिवचंद्र झा का निधन।


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Aaj Ka Itihas India World 1 December 2020 | Pakistan First Female PM Benazir Bhutto, BSF Establishment Year


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दिल्ली बॉर्डर पर पांचवें दिन भी डटे रहे किसान; मोदी की काशी में देव दीपावली और कोरोना पर बड़ी कामयाबी

नमस्कार!
प्रधानमंत्री सोमवार को वाराणसी पहुंचे। सात घंटे तक वे अपने संसदीय क्षेत्र में रहे। यहां उन्होंने किसानों से लेकर राम तक की चर्चा की। उन्होंने कहा कि कोरोना में काफी कुछ बदला, लेकिन काशी की शक्ति-भक्ति और ऊर्जा आज भी वैसी ही है। यहां के निवासी ही देव हैं, जो आज भी दीप जला रहे हैं।
बहरहाल, शुरू करते हैं न्यूज ब्रीफ।

आज इन इवेंट्स पर रहेगी नजर

  • मौसम विभाग ने निवार के बाद बंगाल की खाड़ी में एक और तूफान की चेतावनी दी है। तमिलनाडु, केरल और लक्षद्वीप के तटीय इलाकों में 1 से 4 दिसंबर तक इससे भारी बारिश हो सकती है।
  • आज से रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट यानी RTGS सुविधा 24 घंटे और सातों दिन उपलब्ध रहेगी। अब लोग RTGS के जरिए साल के 365 दिन कभी भी पैसों का लेन-देन कर सकेंगे।
  • सरकार हर महीने की पहली तारीख को रसोई गैस यानी LPG सिलेंडरों के दामों की समीक्षा करती है। आज देशभर में रसोई गैस के दाम बदल सकते हैं। हालांकि, पिछले दो महीनों से इसके दाम नहीं बदले हैं।

देश-विदेश
मोदी बोले- किसानों को छलने वाले झूठा डर दिखा रहे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी पहुंचे। उन्होंने प्रयागराज-वाराणसी 6 लेन हाईवे का लोकार्पण किया। यहां उन्होंने 40 मिनट के भाषण में 26 मिनट किसानों पर बात की। उन्होंने कहा कि MSP और यूरिया के नाम पर छल करने वाले अब कृषि कानूनों पर झूठा डर दिखा रहे हैं। मोदी ने कहा- मैं काशी की पवित्र धरती से कहना चाहता हूं कि अब छल से नहीं, गंगाजल जैसी नीयत से काम किया जा रहा है।

काशी विश्वनाथ का अभिषेक करने क्रूज से पहुंचे मोदी
मोदी काशी विश्वनाथ मंदिर भी पहुंचे। यहां उन्होंने बाबा विश्वनाथ का अभिषेक किया। मंदिर पहुंचने के लिए मोदी ने क्रूज की सवारी की। विश्वनाथ कॉरिडोर का जायजा लेकर मोदी देव दीपावली में शामिल हुए। इसके बाद वे भगवान बुद्ध की तपस्थली सारनाथ गए।

पांचवें दिन भी जारी रहा किसानों का प्रदर्शन
केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन सोमवार को 5वें दिन भी जारी रहा। किसानों ने दिल्ली के 5 एंट्री पॉइंट्स को सील करने की बात कही थी। इसके बाद पुलिस ने सिंघु और टिकरी बॉर्डर को आवाजाही के लिए बंद कर दिया। अब सरकार ने उन्हें मंगलवार को दोपहर 3 बजे बातचीत के लिए बुलाया है। इससे पहले 14 अक्टूबर और 13 नवंबर को भी सरकार ने किसानों को बातचीत के लिए बुलाया था।

PM मोदी का मिशन कोरोना कवच
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 3 दिन में दूसरी बार कोरोना वैक्सीन बनाने वाली टीमों से बात की। उन्होंने सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जेनोवा बायोफार्मा, बायोलॉजिकल ई और डॉ. रेड्डीज की टीमों से चर्चा की। पीएम ने लोगों को वैक्सीन के बारे में आसान भाषा में जानकारी देने की अपील की। मोदी ने शनिवार को पुणे के सीरम इंस्टीट्यूट, अहमदाबाद के जायडस बायोटेक पार्क और हैदराबाद में भारत बायोटेक फैसिलिटी का दौरा किया था।

कोरोना पर 4 दिसंबर को ऑल पार्टी मीटिंग
सरकार ने कोरोना के मुद्दे पर 4 दिसंबर यानी शुक्रवार को सुबह 10.30 बजे ऑल पार्टी मीटिंग (सर्वदलीय बैठक) बुलाई है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से होने वाली इस बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। न्यूज एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी। कोरोना पर ये दूसरी ऑल पार्टी मीटिंग होगी।

बाबा आमटे की पोती ने सुसाइड किया
कुष्ठ रोगियों के लिए आनंदवन संस्था चलाने वाले डॉक्टर बाबा आमटे की पोती डॉक्टर शीतल आमटे (41) ने सोमवार तड़के चंद्रपुर में अपने घर में आत्महत्या कर ली है। उन्होंने जहर का इंजेक्शन लगाकर जान दी। कुछ दिन पहले उन्होंने आमटे महारोगी सेवा समिति में घोटाले की बात कही थी। वे समिति की CEO थीं। जान देने से पहले शीतल ने सोशल मीडिया पर वॉर एंड पीस की एक्रेलिक पेंटिंग शेयर की थी।

भास्कर एक्सप्लेनर
कोरोना ने एविएशन इंडस्ट्री को जबर्दस्त नुकसान पहुंचाया है। इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (IATA) का अनुमान है कि दुनियाभर में एविएशन इंडस्ट्री को 31 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान हो चुका है। कई देशों में डोमेस्टिक फ्लाइट्स तो शुरू हो गई हैं, लेकिन इंटरनेशनल फ्लाइट्स अभी भी पूरी तरह ऑपरेशनल नहीं हैं। इंडस्ट्री को उबारने के लिए IATA ने कोविड पासपोर्ट का प्लान पेश किया है।
पढ़ें पूरी खबर..

पॉजिटिव खबर
आज कहानी इलाहाबाद की गीता जायसवाल की। कभी एक-एक रुपए के लिए परेशान थीं। टिफिन सेंटर शुरू करने से लेकर इडली-सांभर के स्टॉल तक की उनकी कहानी बेहद इंस्पायरिंग है। एक टिफिन से पूरा बिजनेस खड़ा किया। कोरोना के चलते जब काम ठप हो गया, तो उन्होंने नए सिरे से शुरुआत की। अब वे इडली-सांभर और डोसा का स्टॉल लगाती हैं। महीने में 40 से 45 हजार रुपए की कमाई होती है।
पढ़ें पूरी खबर..

ब्रह्मपुत्र पर चीन बनाएगा सबसे बड़ा बांध
चीन तिब्बत में ब्रह्मपुत्र नदी पर अब तक का सबसे बड़ा बांध बनाने जा रहा है। अगले साल से इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो जाएगा। इससे भारत और बांग्लादेश की चिंता बढ़ गई है। दोनों ही देश ब्रह्मपुत्र के पानी का इस्तेमाल करते हैं। भारत ने चीन से ट्रांस बॉर्डर नदी समझौते का पालन करने को कहा है।

कुछ मामलों में मॉडर्ना की वैक्सीन 100% असरदार
अमेरिकी दवा कंपनी मॉडर्ना ने बताया कि वह अपनी कोरोना वैक्सीन के इमरजेंसी यूज की मंजूरी के लिए अमेरिका और यूरोपियन रेगुलेटर्स को अप्लाई करेगी। वैक्सीन के लास्ट स्टेज ट्रायल के बाद कंपनी ने दावा किया कि यह कोरोना से लड़ने में 94% तक कारगर है। कुछ गंभीर मामलों में तो इसने 100% असर दिखाया है।

सुर्खियों में और क्या है...

  • दिल्ली में अब प्राइवेट लैब में 800 रुपए में कोरोना टेस्ट कराया जा सकेगा। सीएम अरविंद केजरीवाल ये जानकारी दी।
  • कोरोना से सबसे ज्यादा मौतें अब यूरोप में हो रहीं हैं। इटली, पोलैंड, रूस, यूके, फ्रांस समेत 10 देशों में हर दिन 3 से 4 हजार लोग दम तोड़ रहे हैं।
  • जापान के क्राउन प्रिंस फुमिहितो ने अपनी बेटी माको को बॉयफ्रेंड केई कोमुरो से शादी करने की इजाजत दे दी है। शादी लंबे समय से टल रही थी।


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Top News Today, News, Cricket News, Farmers Protest News: Dainik Bhaskar Top News Morning Briefing Today: Modi said in Kashi - those who opposed the farmers laws cheated, Ganga water in our mind


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दिल्ली बॉर्डर पर पांचवें दिन भी डटे रहे किसान; मोदी की काशी में देव दीपावली और कोरोना पर बड़ी कामयाबी

नमस्कार!
प्रधानमंत्री सोमवार को वाराणसी पहुंचे। सात घंटे तक वे अपने संसदीय क्षेत्र में रहे। यहां उन्होंने किसानों से लेकर राम तक की चर्चा की। उन्होंने कहा कि कोरोना में काफी कुछ बदला, लेकिन काशी की शक्ति-भक्ति और ऊर्जा आज भी वैसी ही है। यहां के निवासी ही देव हैं, जो आज भी दीप जला रहे हैं।
बहरहाल, शुरू करते हैं न्यूज ब्रीफ।

आज इन इवेंट्स पर रहेगी नजर

  • मौसम विभाग ने निवार के बाद बंगाल की खाड़ी में एक और तूफान की चेतावनी दी है। तमिलनाडु, केरल और लक्षद्वीप के तटीय इलाकों में 1 से 4 दिसंबर तक इससे भारी बारिश हो सकती है।
  • आज से रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट यानी RTGS सुविधा 24 घंटे और सातों दिन उपलब्ध रहेगी। अब लोग RTGS के जरिए साल के 365 दिन कभी भी पैसों का लेन-देन कर सकेंगे।
  • सरकार हर महीने की पहली तारीख को रसोई गैस यानी LPG सिलेंडरों के दामों की समीक्षा करती है। आज देशभर में रसोई गैस के दाम बदल सकते हैं। हालांकि, पिछले दो महीनों से इसके दाम नहीं बदले हैं।

देश-विदेश
मोदी बोले- किसानों को छलने वाले झूठा डर दिखा रहे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी पहुंचे। उन्होंने प्रयागराज-वाराणसी 6 लेन हाईवे का लोकार्पण किया। यहां उन्होंने 40 मिनट के भाषण में 26 मिनट किसानों पर बात की। उन्होंने कहा कि MSP और यूरिया के नाम पर छल करने वाले अब कृषि कानूनों पर झूठा डर दिखा रहे हैं। मोदी ने कहा- मैं काशी की पवित्र धरती से कहना चाहता हूं कि अब छल से नहीं, गंगाजल जैसी नीयत से काम किया जा रहा है।

काशी विश्वनाथ का अभिषेक करने क्रूज से पहुंचे मोदी
मोदी काशी विश्वनाथ मंदिर भी पहुंचे। यहां उन्होंने बाबा विश्वनाथ का अभिषेक किया। मंदिर पहुंचने के लिए मोदी ने क्रूज की सवारी की। विश्वनाथ कॉरिडोर का जायजा लेकर मोदी देव दीपावली में शामिल हुए। इसके बाद वे भगवान बुद्ध की तपस्थली सारनाथ गए।

पांचवें दिन भी जारी रहा किसानों का प्रदर्शन
केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन सोमवार को 5वें दिन भी जारी रहा। किसानों ने दिल्ली के 5 एंट्री पॉइंट्स को सील करने की बात कही थी। इसके बाद पुलिस ने सिंघु और टिकरी बॉर्डर को आवाजाही के लिए बंद कर दिया। अब सरकार ने उन्हें मंगलवार को दोपहर 3 बजे बातचीत के लिए बुलाया है। इससे पहले 14 अक्टूबर और 13 नवंबर को भी सरकार ने किसानों को बातचीत के लिए बुलाया था।

PM मोदी का मिशन कोरोना कवच
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 3 दिन में दूसरी बार कोरोना वैक्सीन बनाने वाली टीमों से बात की। उन्होंने सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जेनोवा बायोफार्मा, बायोलॉजिकल ई और डॉ. रेड्डीज की टीमों से चर्चा की। पीएम ने लोगों को वैक्सीन के बारे में आसान भाषा में जानकारी देने की अपील की। मोदी ने शनिवार को पुणे के सीरम इंस्टीट्यूट, अहमदाबाद के जायडस बायोटेक पार्क और हैदराबाद में भारत बायोटेक फैसिलिटी का दौरा किया था।

कोरोना पर 4 दिसंबर को ऑल पार्टी मीटिंग
सरकार ने कोरोना के मुद्दे पर 4 दिसंबर यानी शुक्रवार को सुबह 10.30 बजे ऑल पार्टी मीटिंग (सर्वदलीय बैठक) बुलाई है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से होने वाली इस बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। न्यूज एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी। कोरोना पर ये दूसरी ऑल पार्टी मीटिंग होगी।

बाबा आमटे की पोती ने सुसाइड किया
कुष्ठ रोगियों के लिए आनंदवन संस्था चलाने वाले डॉक्टर बाबा आमटे की पोती डॉक्टर शीतल आमटे (41) ने सोमवार तड़के चंद्रपुर में अपने घर में आत्महत्या कर ली है। उन्होंने जहर का इंजेक्शन लगाकर जान दी। कुछ दिन पहले उन्होंने आमटे महारोगी सेवा समिति में घोटाले की बात कही थी। वे समिति की CEO थीं। जान देने से पहले शीतल ने सोशल मीडिया पर वॉर एंड पीस की एक्रेलिक पेंटिंग शेयर की थी।

भास्कर एक्सप्लेनर
कोरोना ने एविएशन इंडस्ट्री को जबर्दस्त नुकसान पहुंचाया है। इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (IATA) का अनुमान है कि दुनियाभर में एविएशन इंडस्ट्री को 31 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान हो चुका है। कई देशों में डोमेस्टिक फ्लाइट्स तो शुरू हो गई हैं, लेकिन इंटरनेशनल फ्लाइट्स अभी भी पूरी तरह ऑपरेशनल नहीं हैं। इंडस्ट्री को उबारने के लिए IATA ने कोविड पासपोर्ट का प्लान पेश किया है।
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पॉजिटिव खबर
आज कहानी इलाहाबाद की गीता जायसवाल की। कभी एक-एक रुपए के लिए परेशान थीं। टिफिन सेंटर शुरू करने से लेकर इडली-सांभर के स्टॉल तक की उनकी कहानी बेहद इंस्पायरिंग है। एक टिफिन से पूरा बिजनेस खड़ा किया। कोरोना के चलते जब काम ठप हो गया, तो उन्होंने नए सिरे से शुरुआत की। अब वे इडली-सांभर और डोसा का स्टॉल लगाती हैं। महीने में 40 से 45 हजार रुपए की कमाई होती है।
पढ़ें पूरी खबर..

ब्रह्मपुत्र पर चीन बनाएगा सबसे बड़ा बांध
चीन तिब्बत में ब्रह्मपुत्र नदी पर अब तक का सबसे बड़ा बांध बनाने जा रहा है। अगले साल से इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो जाएगा। इससे भारत और बांग्लादेश की चिंता बढ़ गई है। दोनों ही देश ब्रह्मपुत्र के पानी का इस्तेमाल करते हैं। भारत ने चीन से ट्रांस बॉर्डर नदी समझौते का पालन करने को कहा है।

कुछ मामलों में मॉडर्ना की वैक्सीन 100% असरदार
अमेरिकी दवा कंपनी मॉडर्ना ने बताया कि वह अपनी कोरोना वैक्सीन के इमरजेंसी यूज की मंजूरी के लिए अमेरिका और यूरोपियन रेगुलेटर्स को अप्लाई करेगी। वैक्सीन के लास्ट स्टेज ट्रायल के बाद कंपनी ने दावा किया कि यह कोरोना से लड़ने में 94% तक कारगर है। कुछ गंभीर मामलों में तो इसने 100% असर दिखाया है।

सुर्खियों में और क्या है...

  • दिल्ली में अब प्राइवेट लैब में 800 रुपए में कोरोना टेस्ट कराया जा सकेगा। सीएम अरविंद केजरीवाल ये जानकारी दी।
  • कोरोना से सबसे ज्यादा मौतें अब यूरोप में हो रहीं हैं। इटली, पोलैंड, रूस, यूके, फ्रांस समेत 10 देशों में हर दिन 3 से 4 हजार लोग दम तोड़ रहे हैं।
  • जापान के क्राउन प्रिंस फुमिहितो ने अपनी बेटी माको को बॉयफ्रेंड केई कोमुरो से शादी करने की इजाजत दे दी है। शादी लंबे समय से टल रही थी।


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सादगी का मतलब गरीबी में जीना नहीं होता, अपनी सभी चीजों का सही उपयोग करना ही सादगी है

कहानी- घटना महात्मा गांधी से जुड़ी है, जब वे दक्षिण अफ्रीका में वकालत कर रहे थे। गांधीजी सादगी से जीवन जीने पर विश्वास करते थे। एक दिन उन्हें अपने घर का बजट बनाया तो देखा कि कपड़े धुलवाने के लिए काफी पैसे खर्च हो रहे हैं। वकील थे, तो वे अपनी शर्ट के ऊपर कॉलर बदल-बदलकर पहनते थे।

गांधीजी ने सोचा, 'शर्ट को रोज धोने की जरूरत नहीं है, लेकिन कॉलर तो रोज धोनी ही पड़ती है। इसके लिए धोबी को काफी पैसा देना पड़ता है, तो अब से मैं अपने कपड़े खुद धोना शुरू करूंगा।'

कॉलर में कलफ लगाना पड़ता था, जिससे वह कड़क रहे। गांधीजी ने कपड़े धोने का नया काम सीखा था तो एक दिन कॉलर पर कलफ ज्यादा लग गया। ऐसी ही कॉलर लगाकर वे अपने काम पर चले गए।

गांधीजी के साथी वकीलों ने देखा कि उनकी कॉलर से कुछ गिर रहा है। इस बात का सभी वकीलों ने मजाक बनाया और कहा कि क्या हमारे यहां धोबियों का अकाल पड़ गया है। तब गांधीजी ने कहा, 'अपने कपड़े खुद धोना कोई छोटी बात नहीं है। कोई भी नया काम सीखते हैं तो जीवन में काम ही आता है।'

गांधीजी कुछ ही समय में कपड़े बहुत अच्छी तरह धोने लगे और वे प्रेस भी बहुत अच्छी तरह करने लगे थे। काफी समय बाद उन्हें इसका फायदा भी मिला।

एक बार गोपालकृष्ण गोखले को दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में सम्मान समारोह जाना था। वहां गोखले जी का ही सम्मान होना था। उस समय उनके पास एक खास चादर थी। ये चादर उन्हें स्व. महादेव गोविंद रानाडे ने दी थी। इस वजह से वे चादर बहुत संभालकर रखते थे।

गोखले जी वही चादर ओढ़कर सम्मान समारोह में जाना चाहते थे, लेकिन चादर पर सिलवटें पड़ रही थीं। उस समय वहां कोई धोबी भी नहीं था। तब गांधीजी ने कहा, 'ये चादर मुझे दीजिए, मैं इसे प्रेस कर देता हूं।'

गोखले जी ने व्यंग्य करते हुए कहा, 'तुम्हारी वकालत पर तो मैं भरोसा कर सकता हूं, लेकिन धोबीगिरी पर भरोसा नहीं कर सकता। तुम मेरी प्रिय चादर बिगाड़ दोगे।'

तब गांधीजी ने इस बात कि जिम्मेदारी ली कि चादर खराब नहीं होगी। इसके बाद गांधीजी ने चादर बहुत अच्छी प्रेस कर दी। चादर देखकर गोखले जी ने कहा, 'गांधी तुम सच में निराले हो, जो भी काम करते हो, पूरे मन से करते हो।'

सीख- अपने निजी काम खुद करना चाहिए। अपने काम खुद करने का मतलब गरीबी में जीना नहीं होता। अपनी सभी चीजों का सही उपयोग करना और अपने काम खुद करना ही सादगी है।



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aaj ka jeevan mantra by pandit vijayshankar mehta, life management tips by vijayshankar mehta, story of mahatma gandhi


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कोरोना ने खत्म किया बिजनेस तो इंडली-सांभर का स्टॉल लगाया, हर महीने 50 हजार कमा रहीं

आज कहानी इलाहाबाद की गीता जायसवाल की। कभी एक-एक रुपए के लिए परेशान थीं। बेटी की पढ़ाई तक अच्छे से नहीं करवा पा रहीं थीं। आज महीने का 50 हजार रुपए कमाती हैं। टिफिन सेंटर शुरू करने से लेकर इडली-सांभर के स्टॉल तक की उनकी कहानी इंस्पायरिंग है। ये कहानी जानिए उन्हीं की जुबानी...

गीता बताती हैं- ये बात इलाहाबाद की है। तब मैं पति के साथ रहती थी। एक छोटी बच्ची थी। पति जो कमाते थे, उससे बमुश्किल घर चल पाता था। मेरे पास अपनी बेसिक जरूरतों को पूरा करने के भी पैसे नहीं होते थे। बच्ची की अच्छी पढ़ाई-लिखाई भी हम नहीं करवा पा रहे थे।
उन्होंने कहा, 'मैं सोच रही थी कि, ऐसा क्या करूं, जिससे चार पैसे कमा सकूं। किसी ने मुझे टिफिन सेंटर शुरू करने की सलाह दी। मैं एक लड़की को टिफिन देने लगी। कुछ दिन बाद एक पीजी का काम मुझे मिल गया। वहां 15 बच्चों के लिए खाना देना था। तब मैं 1800 रुपए में तीन टाइम खाना दिया करती थी। सुबह से देर रात तक मेहनत होती थी, लेकिन इससे मेरे पास महीने के आठ से दस हजार रुपए बचने लगे थे।'

'खाना अच्छा था तो धीरे-धीरे टिफिन बढ़े और संख्या 40 तक पहुंच गई। 2011 से 2016 तक यही चलता रहा। फिर उस पीजी का काम बंद हो गया तो ग्राहक भी चले गए। नए ग्राहक मिल नहीं रहे थे। इलाहाबाद में मैं कुछ और कर नहीं सकती थी, क्योंकि बेइज्जती का डर था। मेरी एक बहन दिल्ली में रहती थी तो मैं 2016 में ही अपनी बच्ची को लेकर दिल्ली आ गई। मकसद साफ था कि खाने-पीने से जुड़ा कुछ काम करना है।'

गीता ने इस तरह से बिजनेस की शुरूआत की थी। कहती हैं, इतने पैसे भी नहीं थे कि अपना ठेला लगा सकें।

दिल्ली में पहला बिजनेस फेल हो गया
वो बताती हैं कि मैं अपनी दिल्ली वाली बहन के घर में ही रहने लगी और कुछ दिनों बाद पूड़ी-कचौड़ी, ब्रेड पकौड़ा बेचने का स्टॉल लगाया, लेकिन वो काम ज्यादा चला नहीं। ग्राहक नहीं मिल रहे थे तो मैंने फिर टिफिन सेंटर शुरू करने का सोचा। जहां रहती थी, वहां सब जगह पर्चे चिपका दिए। कई दिनों बाद एक ऑर्डर मिला। जिसने ऑर्डर दिया, वो IAS की तैयारी कर रहा था। उसे खाना अच्छा लगा तो उसके जरिए इंस्टीट्यूट के कई लड़कों ने टिफिन लेना शुरू कर दिया। मैंने साढ़े तीन हजार रुपए में तीन टाइम मील दिया करती थी। काम अच्छा सेट हो गया था। महीने का 35 से 40 हजार रुपए निकलने लगे थे। चार साल ये सब चलते रहा लेकिन मार्च 2020 में सब बंद हो गया।

कोरोना ने टिफिन का बिजनेस जीरो पर ला दिया
उन्होंने कहा- चार दिन में ही मेरे टिफिन 60 से घटकर 4 पर आ गए। मुझे तो समझ ही नहीं आ रहा था कि क्या हो रहा है। फिर किसी ने बताया कि कोरोना वायरस आया है, इसलिए सब जा रहे हैं। मेरा पूरा जमा हुआ काम बंद हो गया। कुछ दिनों में जो जुड़ा पैसा था, वो भी खत्म होने लगा तो मैं एक हार्ट पेशेंट की देखरेख की काम करने लगी। उन्हीं के घर रहती थी। बच्ची को उसकी मौसी के पास छोड़ दिया था। तीन महीने तक वहीं रही।

अब गीता का बिजनेस पूरी तरह सेट हो चुका है। फूड स्टॉल के लिए जरूरी सेटअप भी उन्होंने खड़ा कर लिया।

इडली-सांभर के स्टॉल से मिली सक्सेस, अब महीने की बिक्री 90 हजार की
वो बताती हैं- जुलाई में दोबारा अपने घर आई तो कुछ समझ नहीं आ रहा था कि क्या करूं। किराया देना था। बच्ची की स्कूल-ट्यूशन की फीस देना थी। बड़ी हिम्मत करके मैंने एक बार फिर फूड स्टॉल शुरू किया, लेकिन इस बार इडली-सांभर बेचने का सोचा, क्योंकि इसमें लागत कम आती है और हर उम्र के लोग ये पंसद करते हैं। 28 जुलाई को काम शुरू किया था। कुछ दिनों में ही बिजनेस अच्छा सेट हो गया। मैं शालीमार बाग में स्टॉल लगाती हूं। शाम 5 से रात 10 बजे तक स्टॉल लगता है। 40 से 50 ग्राहकों का आना आम बात है। इडली के साथ ही डोसा भी बेचती हूं। अब एक दिन का तीन से साढ़े तीन हजार रुपए का बिजनेस है। सब काटकर महीने का 40 से 45 हजार रुपए बच जाता है।'

गीता कहती हैं कि सोशल मीडिया पर वीडियो बनाने वाले कई लोगों ने मेरी मदद भी की। इसी काम को अब आगे बढ़ाना है। अब टिफिन सेंटर नहीं चलाऊंगी। कोरोना ने पहले मेरे लिए बहुत बड़ी दिक्कत खड़ी कर दी थी, लेकिन इसी से मैं एक नए बिजनेस पर शिफ्ट हो पाई और अभी सब ठीक चल रहा है। सबकी उधारी चुका दी। बच्ची की कोचिंग-स्कूल की फीस भी भर दी। उसे ज्यादा से ज्यादा पढ़ाना-लिखाना और कुछ बनाना ही मेरा सपना है।



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मार्च में गीता का टिफिन सेंटर का काम एकदम से बंद हो गया। जुलाई में उन्होंनें नए बिजनेस से शुरूआत की और अब पहले से ज्यादा कमाती हैं।


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पिछले 6 साल में 10 राज्यों में BJP की सरकार बनी और 7 में CM; 4 में अभी भी इंतजार

हैदराबाद में निकाय चुनाव के लिए आज मतदान हो रहा है। इससे पहले यहां का चुनावी कैंपेन सुर्खियों में रहा। राष्ट्रीय स्तर पर भी इसे खासी तवज्जो मिली। इसके पीछे वजह रही BJP के बड़े नेताओं का मैदान में उतरना। गृह मंत्री अमित शाह, पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और यूपी के फायरब्रांड मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जैसे दिग्गजों ने यहां रोड शो और रैलियां कीं। अब सवाल उठता है कि आखिर निकाय चुनाव के लिए BJP बड़े नेताओं को क्यों मैदान उतार रही है। 90 के दशक में तो अटल-आडवाणी विधानसभा चुनावों में भी ऐसा कैंपेन नहीं करते थे।

दरअसल, तब की भाजपा और अब की भाजपा और उसकी पॉलिटिकल स्ट्रेटजी में बहुत कुछ बदला है। इसे समझने के लिए हमें फ्लैशबैक में जाना होगा। 2014 में प्रचंड बहुमत के साथ देश में भाजपा की सरकार बनी। नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने और अमित शाह मैन ऑफ द मैच। इस पॉलिटिकल टूर्नामेंट को जीतने के दो महीने बाद भाजपा की कमान अमित शाह को सौंप दी गई। इसके बाद मोदी-शाह की जोड़ी ने अपनी टीम और रणनीति दोनों नए सिरे से गढ़ना शुरू किया। पी टू पी यानी पंचायत से पार्लियामेंट के फार्मूले पर काम करना शुरू किया।

पार्टी के बड़े नेताओं को बूथ स्तर तक जाकर जमीन तैयार करने को कहा गया। खुद अमित शाह ने पन्ना प्रमुखों के साथ बैठकें शुरू कीं। कोशिश रही कि हर राज्य में भाजपा की सरकार हो या वह सरकार में रहे। इसके लिए उन्होंने जोड़-तोड़ से भी गुरेज नहीं किया और एक के बाद एक राज्यों में भाजपा की सरकार बनती गई। खासकर गैर हिंदी राज्यों में।

2014 लोकसभा के दौरान ही ओडिशा में विधानसभा के चुनाव हुए थे। तब भाजपा को सिर्फ 10 सीटों पर जीत मिली थी, लेकिन इसके बाद अमित शाह ने यहां के निकाय चुनावों में जोर लगाना शुरू किया। बड़े नेताओं को मैदान में उतारा। छत्तीसगढ़ के तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह और झारखंड के तब के सीएम रघुवर दास ने कैम्पेन का मोर्चा संभाला। पार्टी को इसका फायदा भी हुआ और 297 सीटों पर जीत मिली। तभी लगने लगा था कि अब भाजपा वहां मजबूती से पैर पसार रही है और उसका असर अगले विधानसभा और 2019 के लोकसभा में भी देखने को मिला। बूथ स्तर तक जाकर राजनीति करने का ही नतीजा था कि लोकसभा में भाजपा को 8 और विधानसभा में 23 सीटें मिलीं।

GHMC के चुनाव में भाजपा पूरी ताकत झोंक रही है। रविवार को सिकंदराबाद में गृह मंत्री अमित शाह ने रोड शो किया।

2014 के आखिर में महाराष्ट्र में विधानसभा के चुनाव हुए। भाजपा छोटे भाई की भूमिका में नहीं रहना चाहती थी और शिवसेना से अलग होकर अकेले मैदान में उतरी। वह राज्य में सबसे बड़े दल के रूप उभरी। उसे 122 सीटें मिलीं। सबसे बड़ी बात की महाराष्ट्र में भाजपा का पहली बार मुख्यमंत्री बना। इसके पहले भाजपा महाराष्ट्र में छोटे भाई की ही भूमिका में होती थी। 2019 के चुनाव में भी भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनी, लेकिन शिवसेना ने गठबंधन से अलग होकर कांग्रेस और NCP के साथ सरकार बना ली।

2014 में ही जम्मू-कश्मीर में भी विधानसभा के लिए चुनाव हुआ। इसमें भाजपा को बड़ी सफलता मिली। PDP के बाद वो सबसे बड़ी पार्टी बनी और 25 सीटें जीतीं। एक रणनीति के तहत भाजपा PDP के साथ सरकार में शामिल हो गई। हालांकि, ज्यादा दिन दोनों की दोस्ती नहीं चली और ढाई साल बाद BJP अलग भी हो गई।

2016 में तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, केरल, पुड्डुचेरी और असम विधानसभा के चुनाव हुए। भाजपा ने पश्चिम बंगाल, केरल और असम पर ज्यादा जोर लगाया। अमित शाह ने पश्चिम बंगाल और केरल में जोरदार प्रचार किया, जबकि मोदी ने असम का मोर्चा संभाला। असम में भाजपा को अप्रत्याशित सफलता मिली। उसने 86 सीटें हासिल करके कांग्रेस के एक दशक के शासन का अंत कर दिया, लेकिन पश्चिम बंगाल में भाजपा सिंगल डिजिट में ही रह गई।

हालांकि, तब भाजपा बंगाल में अपनी मौजूदगी दर्ज कराने में कामयाब रही। उसका फायदा लोकसभा चुनाव में हुआ और पहली बार भाजपा दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनी और 18 सीटें हासिल कीं। इस बार सत्ता की सीधी लड़ाई भाजपा और टीएमसी के बीच है। हाल ही में अमित शाह बंगाल दौरे से लौटे हैं।

केरल, तमिलनाडु और पुड्डुचेरी में भाजपा की दाल नहीं गली। केरल में सिर्फ एक सीट पर BJP को जीत मिली, जबकि तमिलनाडु और पुड्डुचेरी में खाता नहीं खुला। अरुणाचल प्रदेश में 2016 में काफी राजनीतिक उठापटक हुई। यहां कांग्रेस के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने 43 विधायकों के साथ पार्टी छोड़ दी और भाजपा में शामिल हो गए। अब पेमा खांडू बीजेपी से अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं।

2017 में अगर गैर हिंदी भाषी राज्यों की बात करें तो पंजाब, गुजरात, मणिपुर और गोवा में चुनाव हुए। इनमें से पंजाब को छोड़ दें तो बाकी जगह भाजपा सरकार बनाने में कामयाब रही। मणिपुर में सबसे बड़ी पार्टी बनी कांग्रेस लेकिन सरकार बनी भाजपा की। इसी तरह गोवा में भी कांग्रेस बड़ी पार्टी बनी, लेकिन मुख्यमंत्री बना भाजपा का।

2018 की शुरुआत त्रिपुरा और कर्नाटक में चुनाव हुए। त्रिपुरा में BJP ने वामपंथ के किले को ध्वस्त कर दिया और राज्य में पूर्ण बहुमत की सरकार बनी। कर्नाटक में भी भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनी, लेकिन कुमारस्वामी ने कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बना ली। हालांकि, यह सरकार ज्यादा दिन नहीं चली और 2019 में फिर से भाजपा सत्ता में आ गई। इसके अलावा मेघालय, मिजोरम और नागालैंड में भी 2018 में चुनाव हुए। यहां भाजपा को कुछ खास नहीं मिला, लेकिन वह सरकार में शामिल हो गई। इन तीनों ही राज्यों में भाजपा सरकार में है।

2019 में लोकसभा चुनाव के साथ ही आन्ध्र प्रदेश, सिक्किम, ओडिशा और अरुणाचल प्रदेश में विधानसभा के चुनाव हुए। इसमें आंध्र और सिक्किम में खाता नहीं खुला। ओडिशा में BJP पहले से मजबूत हुई। जबकि, अरुणाचल में खुद के दम पर भाजपा की सरकार बनी। अगले साल पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल, पुड्डुचेरी और असम में चुनाव होने हैं। इसमें से असम में भाजपा सरकार में है। पश्चिम बंगाल में वह टीएमसी को कड़ी टक्कर दे रही है, जबकि तमिलनाडु और पुड्डुचेरी में देखना दिलचस्प होगा कि इस बार यहां कमल खिलता है या नहीं।



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2014 में प्रचंड बहुमत के साथ देश में भाजपा की सरकार बनी। नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने और अमित शाह मैन ऑफ द मैच। इसके बाद भाजपा की पॉलिटिकल स्ट्रेटजी बदल गई।


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क्या फ्लाइट में सफर करना मुश्किल भरा होगा? जानें कोरोना के दौर में क्या बदलने वाला है?

कोरोनावायरस ने किसी इंडस्ट्री को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया है, तो वो है एविएशन। इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (IATA) का अनुमान है कि कोरोना की वजह से दुनियाभर की एविएशन इंडस्ट्री को अभी तक 31 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान हुआ है।

भारत समेत कई देशों में डोमेस्टिक फ्लाइट तो शुरू हो गई हैं, लेकिन इंटरनेशनल फ्लाइट अभी भी पूरी तरह से शुरू नहीं हो पाई हैं। यही वजह है कि कोरोना के असर से इंडस्ट्री को उबारने के लिए IATA एक नया प्लान लेकर आई है और वो है कोविड पासपोर्ट। ये क्या है? इसकी जरूरत क्यों पड़ी? क्या इससे हवाई सफर करना मुश्किल हो जाएगा? आइए जानते हैं...

कोविड पासपोर्ट क्या है?
दरअसल, IATA एक मोबाइल ऐप पर काम कर रहा है, जो दुनियाभर में ट्रैवल पास की तरह समझा जाएगा। इस ऐप को कोरोना की वजह से लाने का प्लान है, इसलिए इसे कोविड पासपोर्ट कहा जा रहा है। IATA के इस ऐप में यात्री के कोरोना टेस्ट, उसे वैक्सीन लगी है या नहीं (वैक्सीन आने के बाद) जैसी जानकारी होगी। इसके साथ ही इस ऐप में यात्री के पासपोर्ट के ई-कॉपी भी होगी।

इस ऐप पर यात्री का QR कोड होगा, जिसे स्कैन करते ही उसकी सारी डिटेल सामने आ जाएगी। ये ऐप IATA के मौजूदा टाइमैटिक सिस्टम पर बेस्ड होगी, जिसका इस्तेमाल डॉक्यूमेंट को वेरिफाई करने के लिए होता है। इसके साथ ही ये ऐप ब्लॉक-चैन टेक्नोलॉजी पर काम करेगा और इसमें यूजर का डेटा स्टोर नहीं होगा।

इसकी जरूरत क्यों पड़ी?
इसकी जरूरत इसलिए पड़ रही है, क्योंकि इंटरनेशनल फ्लाइट से आने वाले पैसेंजर्स कोरोना पॉजिटिव मिल रहे हैं। चीन की वेबसाइट साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के मुताबिक, पिछले दिनों शंघाई में कई कोरोना पॉजिटिव केस आए। इनमें से कई ऐसे थे जो यात्रा करके लौटे थे।

9 नवंबर से भारत और ओमान के बीच एयर बबल एग्रीमेंट के तहत इंटरनेशनल उड़ान शुरू हुई। इस दौरान भी कई यात्री पॉजिटिव निकले, जिसके बाद सीटों की संख्या 10 हजार से घटाकर 5 हजार कर दी गई।
वहीं, हॉन्गकॉन्ग ने भी कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद 3 दिसंबर तक एयर इंडिया की फ्लाइट पर रोक लगा दी है। इसके अलावा महाराष्ट्र सरकार ने राज्य में आने वाले हर व्यक्ति के लिए RT-PCR टेस्ट कराना जरूरी कर दिया है। फिर चाहे वो बस से आए या ट्रेन से या फ्लाइट से।

इंटरनेशनल फ्लाइट से कोरोना पॉजिटिव आने के बाद IATA को एक ऐसे ऐप की जरूरत महसूस हुई, जो यात्री के कोरोना टेस्ट से लेकर उसकी हर डिटेल बता सके। ताकि दोबारा से इंटरनेशनल फ्लाइट को सही तरह से शुरू किया जा सके और बार-बार इन्हें रोकने की जरूरत न पड़े।

क्या और भी कोई कारण?
हां। कोरोना की वजह से दुनिया की इकोनॉमी को झटका लगा है। एविएशन इंडस्ट्री को भी नुकसान झेलना पड़ा है। IATA के मुताबिक, कोरोना की वजह से इस साल एयरलाइन कंपनियों को 84.3 अरब डॉलर यानी करीब 6.23 लाख करोड़ रुपए का घाटा हुआ है। जबकि, उनके रेवेन्यू में भी 419 अरब डॉलर (31 लाख करोड़ रुपए) का नुकसान होने की आशंका है। इसके अलावा यात्रियों की संख्या भी कम हो गई। एविएशन के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ, जब पायलटों की भी नौकरियां गईं। इन्हीं सबसे उबरने के लिए ऐसी कोशिशें की जा रही हैं।

क्या इससे हवाई सफर करना मुश्किल हो जाएगा?
नहीं, बल्कि इससे हवाई सफर पहले की तरह ही सेफ होगा। अमेरिका सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल (CDC) का कहना है कि फ्लाइट में यात्री जगह-जगह सतहों को छूते हैं। कम जगह होने की वजह से यहां सोशल डिस्टेंसिंग भी रख पाना मुमकिन नहीं है।

कुछ फ्लाइट में इन-बिल्ट एयर फिल्ट्रेशन और वेंटिलेशन सिस्टम होता है, जो किसी भी तरह के वायरस को फैलने नहीं देता और फ्लाइट के अंदर की हवा को साफ करता रहता है, लेकिन ऐसा सिस्टम हर फ्लाइट में नहीं होता। इसलिए कोविड पासपोर्ट होने से इन सारी परेशानियों से बचा जा सकेगा।

IATA कब तक इस ऐप को लॉन्च कर देगा?
इस साल इस ऐप की पायलट टेस्टिंग शुरू हो जाएगी। जबकि, मार्च 2021 तक इसे एपल डिवाइस के लिए लॉन्च करने की बात कही जा रही है। वहीं, एंड्रॉयड डिवाइस के लिए इसे अप्रैल 2021 तक लॉन्च किया जा सकता है।



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What Is Covid Passport, Digital Passport? International Air Transport Association Is Working On Mobile App


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मुंबई के एक अस्पताल में 50% कोरोना पीड़ितों में कावासाकी के लक्षण, जानें क्या है और कैसे बचें

दुनिया भर में कोरोना के मरीजों में कावासाकी के लक्षण देखने को मिल रहे हैं। लेकिन अभी तक इसके लक्षण जिन कोरोना पीड़ितों में देखने को मिले, उनमें ज्यादातर बच्चे थे। कावासाकी वैसे भी बच्चों की बीमारी मानी जाती है। लेकिन क्या हो जब यह बीमारी बच्चों के साथ-साथ 40 से 60 साल के एडल्ट्स में भी दिखने लगे?

कोरोनावायरस पर अभी भी तमाम रिसर्च जारी है, बहुत सी रिपोर्ट आ भी चुकी हैं। अभी तक यह संक्रमण डॉक्टर्स और रिसर्चर्स के लिए पहेली ही बना हुआ है। हाल ही में मुंबई के कोकिलाबेन हॉस्पिटल के ICU में एडमिट कोरोना के 50% से ज्यादा मरीजों में कावासाकी के लक्षण दिखे। हैरान करने वाली बात यह है कि इनकी उम्र 40 से 60 साल के बीच है।

भोपाल AIIMS की डॉ. उमा कुमारी कहती हैं कि कोरोना की वजह से इम्यून डिसऑर्डर हो रहा है। कावासाकी भी इसी वजह से होता है। यह बच्चों की बीमारी है, एडल्ट में इसके लक्षण दिखने की वजह रिसर्च का विषय है।

क्या होता है कावासाकी?

  • कावासाकी रोग को म्यूकोस्यूटियस लिम्फ नोड सिंड्रोम भी कहा जाता है। यह बचपन में होने वाली एक दुर्लभ बीमारी है, जो ब्लड वेसल्स को प्रभावित करती है। ये त्वचा, नाक, गले और मुंह के अंदर स्थित म्यूकस मेम्ब्रेन पर प्रभाव डालती है।

  • कावासाकी होने पर बच्चों की पूरी बॉडी में रक्त वाहिकाओं में सूजन आ जाती है। इससे कोरोनरी आर्टरी क्षतिग्रस्त हो सकती हैं। यह रक्त वाहिकाएं ब्लड को हार्ट तक लेकर जाती हैं। इससे हार्ट की दिक्‍कत भी हो सकती है।

कावासाकी रोग होना कितना सामान्य है?

  • जापान, कोरिया और ताइवान समेत वेस्ट एशिया में कावासाकी रोग 10-20 गुना ज्यादा है। इससे पीड़ित अधिकतर बच्चे पांच वर्ष से कम उम्र के होते हैं। लड़कियों की तुलना में लड़कों में इसकी संभावना दोगुनी होती है।

कावासाकी रोग के क्या लक्षण हैं?

इस बीमारी के लक्षण कई स्टेज में उभर कर आते हैं। पहले और दूसरे स्टेज में इसका इलाज आसानी से हो जाता है। लेकिन अगर यह तीसरे या उसके बाद के स्टेज में पहुंच जाए, तो इससे उबरने में सालों लग जाते हैं। तीसरे या उसके बाद की स्टेज में इसके परिणाम खतरनाक हो सकते हैं।


कावासाकी रोग का क्या कारण है?

  • एक्सपर्ट्स के पास अभी तक इस बीमारी के सटीक कारण के बारे में कोई पुख्ता जानकारी नहीं है। अक्सर कावासाकी रोग सर्दियों के अंत में होता है।

  • कई सिद्धांतों में इस बीमारी का संबंध बैक्टीरिया, वायरस या पर्यावरणिक वजहों से जोड़ा गया है, लेकिन अभी तक इनमें से किसी भी वजह की पुष्टि नहीं की गई है। कुछ जीन आपके बच्चे में कावासाकी रोग के फैलने की संभावना बढ़ा सकते हैं।

हार्ट के लिए खतरनाक कावासाकी

यह बीमारी हार्ट को प्रभावित करती है। कावासाकी रोग से पीड़ित ज्यादातर बच्चे पूरी तरह ठीक हो जाते हैं और उन्हें किसी भी तरह की समस्या नहीं होती है। हालांकि, ज्यादा बढ़ जाने से यह हार्ट को बुरी तरह डैमेज कर सकता है।


कोरोना से इसका क्या कनेक्शन

  • डॉ. उमा के मुताबिक, कोरोना में हमारा इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है। उसे हम दोबारा भी मेंटेन कर सकते हैं। लेकिन बहुत से पीड़ितों में इम्यून डिसऑर्डर की समस्या भी देखी जा रही है।

  • इम्यून डिसऑर्डर में हमारे इम्यून सिस्टम ठीक से फंक्शन नहीं करते। इसके चलते कई बार ये अपने ही बॉडी के खिलाफ ट्रिगर कर जाते हैं।

  • कावासाकी भी इम्यून डिसऑर्डर से होता है। लेकिन इसे अभी पुख्ता तौर पार नहीं कहा जा सकता कि कोरोना पीड़ितों में कावासाकी के लक्षण दिखने की वजह इम्यून डिसऑर्डर है।

कोरोना के दौर में इससे भी बचना जरूरी

  • डॉ. उमा कहती हैं कि ऐसा बिल्कुल नहीं है कि कावासाकी के लक्षण सभी कोरोना पीड़ितों में देखने को मिल रहे है। लेकिन यह बीमारी ठंड में होती है, इसलिए इस दौर में अगर कोरोना हो जाता है, तो इसके भी होने की संभावना बढ़ जाती है। बच्चों में यह खतरा विशेष तौर पर है। इससे बचने का एक ही तरीका है कि हम खुद को मजबूत रखें।



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Kawasaki symptoms in 50% corona victims in a hospital in Mumbai, know what is and how to avoid


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जब दुनिया के किसी मुस्लिम देश में पहली बार चुनी गई महिला प्रधानमंत्री, सिर्फ 35 साल थी उनकी उम्र

हमारे पड़ोसी देश पाकिस्तान में आज ही के दिन कोई महिला प्रधानमंत्री बनी थी। ये न सिर्फ पाकिस्तान की पहली महिला प्रधानमंत्री थीं, बल्कि किसी मुस्लिम देश की भी पहली महिला थीं, जो प्रधानमंत्री बनीं। इनका नाम था बेनजीर भुट्टो। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो की सबसे बड़ी बेटी थीं बेनजीर, जिनका जन्म 21 जून 1953 को कराची शहर में हुआ था।

बेनजीर भुट्टो ने अमेरिका की हार्वर्ड यूनिवर्सिटी और ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की। 1977 में बेनजीर लंदन से पाकिस्तान लौट आईं। 1978 में जनरल जिया उल-हक पाकिस्तान के राष्ट्रपति बने। उनके आते ही बेनजीर के पिता जुल्फिकार अली भुट्टो को हत्या के एक मामले में फांसी हो गई। पिता की मौत के बाद बेनजीर ने राजनीतिक विरासत को संभाला।

10 अप्रैल 1986 को उन्होंने पाकिस्तान में सैन्य शासन के खिलाफ आंदोलन छेड़ दिया। 1988 में एक प्लेन क्रैश में जिया उल-हक की मौत हो गई। उसके बाद 1 दिसंबर 1988 को बेनजीर पाकिस्तान की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं। प्रधानमंत्री बनने से 3 महीने पहले ही उन्होंने बेटे को जन्म दिया था। जिस समय वो प्रधानमंत्री बनीं, उस समय उनकी उम्र 35 साल थी।

बेनजीर भुट्टो दो बार पाकिस्तान की प्रधानमंत्री बनीं। पहली बार 1988 से 1990 तक और दूसरी बार 1993 से 1996 तक। भ्रष्टाचार के मामलों में दोषी ठहराए जाने पर बेनजीर को 1999 में देश छोड़ना पड़ा था। 2007 में जब फौजी ताकत दम तोड़ रही थी और लोग लोकतंत्र के लिए आवाज उठा रहे थे, तब बेनजीर भुट्टो लौटी थीं। 27 दिसंबर 2007 को चुनाव प्रचार के दौरान उनकी हत्या कर दी गई।

लंदन के मैडम तुसाद म्यूजियम पर लगा मैडम तुसाद का मोम का पुतला।

मोम के पुतले बनाने वाली मैडम तुसाद का जन्म
1 दिसंबर 1761 को मैडम तुसाद का जन्म फ्रांस के स्ट्रासबर्ग में हुआ था। उनका नाम मैरी ग्रासहोल्ट्ज था। उनकी मां पेरिस में डॉ. फिलिप कर्टियस के यहां काम करती थीं। डॉ. कर्टियस मोम के पुतले बनाया करते थे। डॉ. कर्टियस से ही मैडम तुसाद ने मोम के पुतले बनाना सीखा। मैडम तुसाद ने 16 साल की उम्र में पहला मोम का पुतला बनाया था। उन्होंने उस समय एक फिलॉस्फर फ्रैंक्वाइस वॉल्टैयर का पुतला बनाया था।

फ्रेंच रिवोल्यूशन के दौरान उन्होंने तीन महीने जेल में भी काटे। 1794 में उन्होंने फ्रैंक्वाइस तुसाद से शादी की। 1835 में उन्होंने लंदन की बेकर स्ट्रीट पर पहला स्टूडियो खोला। 1850 में 89 साल की उम्र में मैडम तुसाद का निधन हो गया। 1884 में उनका म्यूजियम बेकर स्ट्रीट से मेरिलबोन रोड पर शिफ्ट कर दिया गया, जहां ये आज भी है।

भारत और दुनिया में 1 दिसंबर की महत्वपूर्ण घटनाएं इस प्रकार हैं:

  • 1640 : पुर्तगाल की 60 वर्ष की गुलामी के बाद स्पेन आजाद हुआ।
  • 1761 : मोम के पुतलों के संग्रहालय बनाने वाली मैडम तुसाद का जन्म।
  • 1959 : दुनिया के 12 देशों ने अंटार्कटिक संधि पर हस्ताक्षर कर अंटार्कटिक महाद्वीप को तमाम सैन्य गतिविधियों से मुक्त करके वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए संरक्षित रखने का संकल्प लिया।
  • 1959 : बाहरी अंतरिक्ष से पृथ्वी का पहला रंगीन फोटो लिया गया।
  • 1963 : नगालैंड भारत का 16वां राज्य बना।
  • 1965 : सीमा सुरक्षा बल (BSF) की स्थापना।
  • 1973 : इजरायल के संस्थापक डेविड बेन गुरियन का निधन।
  • 1987 : अफगानिस्तान में नए संविधान के अनुसार डॉ. नजीबुल्लाह को देश का राष्ट्रपति चुना गया।
  • 1991 : एड्स डे की शुरुआत।
  • 1990 : पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की बहन विजयलक्ष्मी पंडित का निधन।
  • 2001 : अफगानिस्तान में कंधार एयरपोर्ट पर तालिबान विरोधी कबायली संगठन का कब्जा।
  • 2008 : बिहार विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष शिवचंद्र झा का निधन।


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Aaj Ka Itihas India World 1 December 2020 | Pakistan First Female PM Benazir Bhutto, BSF Establishment Year


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